NEET में आया कम नंबर, रूस-यूक्रेन करेंगे वेलकम, जानें डॉक्टर बनने के लिए कितना खर्च करना होगा पैसा

NEET के एग्जाम में हर साल लगभग लाखों छात्र एनरोल होते है. NEET में सीट्स कम होती है. स्वाभाविक है सब इसमें सेलेक्ट नहीं हो पाते. ऐसे में अगर NEET में आपका भी नंबर कम आया है तो आपके पास एक शानदार मौका है.

डॉक्टर बनने के लिए कितना खर्च करना होगा पैसा Image Credit: Money 9

NEET EXAM 2025: NEET के एग्जाम में हर साल लगभग लाखों छात्र एनरोल होते है. NEET में सीट्स कम होती है. स्वाभाविक है सब इसमें सेलेक्ट नहीं हो पाते. ऐसे में अगर NEET में आपका भी नंबर कम आया है तो आपके पास एक शानदार मौका है. दरअसल, ऐसे छात्रों को रूस-यूक्रेन वेलकम करने के लिए तैयार है. रूस और यूक्रेन के विश्वविद्यालय भारतीय मेडिकल छात्रों को आकर्षित करने की कोशिश कर रहे हैं, जो नीट (NEET UG) की कट ऑफ में जगह नहीं बना पाए.

भारतीय छात्रों को रहे हैं आकर्षित

ग्रेटर नोएडा के एक डेंटल कॉलेज में छात्रों को रूसी और यूक्रेनी विश्वविद्यालयों के आकर्षक यूट्यूब और इंस्टाग्राम विज्ञापन दिखाई दे रहे हैं. ये विज्ञापन बिना प्रवेश परीक्षा के अंतरराष्ट्रीय मेडिकल डिग्री, विश्व-स्तरीय सुविधाएं और कम खर्च में डॉक्टर बनने का सपना पूरा करने का वादा करते हैं. रूस और यूक्रेन में अंग्रेजी में पढ़ाई और अच्छी मेडिकल सुविधाओं के कारण ये देश पहले से ही भारतीय छात्रों को आकर्षित करते रहे हैं.

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इतना आता है खर्च

फरवरी 2022 युद्ध शुरू होने से पहले रूस भारतीय मेडिकल छात्रों का पसंदीदा स्थान था. यहां 25,000-30,000 छात्र पढ़ते थे. ET से बात करते हुए फॉरेनएडमिट्स के सीईओ निखिल जैन के अनुसार, युद्ध के बावजूद साल 2024 में रूस में भारतीय छात्रों की संख्या 34 फीसदी बढ़ी. इसका कारण कम फीस है. इन देशों में पढ़ाई करने में 2,49,000 से 5,81,000 सालाना रुपए लग सकते है. यह भारत के प्राइवेट कॉलेजों से काफी सस्ती है.

भारत में कितना आता है खर्च

कैटेगरीफीस की जानकारी
ऑफलाइन कोचिंग फीसआकाश इंस्टीट्यूट: ₹1,36,526 प्रति साल
एलन करियर इंस्टीट्यूट: ₹1,30,000 से ₹1,80,000 प्रति साल
रेजोनेंस: ₹70,000 से ₹1,00,000 (1 साल), ₹2 लाख तक (2 साल)
मार्गश्री क्लासेस: ₹35,000 से ₹1,65,000 प्रति साल
ऑनलाइन कोचिंग फीसफिजिक्स वाला: ₹4,800 (2 साल)
वेदांतु: ₹95,400 (2 साल)
अनएकेडमी: ₹933 प्रति महीना
एलन डिजिटल: ₹59,990 (2 साल)
प्राइवेट मेडिकल कॉलेज फीस₹1 करोड़ तक (इकनॉमिक सर्वे 2024–25 के अनुसार)

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लगातार बढ़ रहे हैं विज्ञापन

यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म पर छात्रों की खोज के आधार पर विज्ञापन बढ़ रहे हैं. भारत में प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों की तुलना में रूस और यूक्रेन में पढ़ाई का खर्च एक-तिहाई है. युद्ध अगर खत्म हो जाए तो यूक्रेन में पहले की तरह 3,000 भारतीय छात्र पढ़ने जा सकते हैं.

इस साल इतने छात्र होने जा रहे शामिल

हर साल लाखों छात्र डॉक्टर बनने के सपने को लेकर NEET UG 2025 की तैयारी में जुटे हैं, जो मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में प्रवेश का एकमात्र रास्ता है. 4 मई 2025 को होने वाली इस परीक्षा में 23 लाख छात्र हिस्सा लेंगे. भारत के 776 मेडिकल कॉलेजों में 1,17,906 MBBS सीटें हैं, जिनमें 55,616 सरकारी कॉलेजों में हैं. पिछले पांच साल में सीटें 41 फीसदी और कॉलेज 29 फीसदी बढ़े, फिर भी 23 लाख छात्रों के बीच कड़ा मुकाबला है.

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