होटल बुकिंग के नाम पर हो रहा फर्जीवाड़ा, ठग अपनाते हैं ये खतरनाक तरीके; जानें बचने के क्या हैं तरीके
जालसाज हर दिन लोगों को ठगने का कोई ना कोई नया तरीका ढूंढ ही लेते हैं. पिछले कुछ महीनों में होटल बुकिंग के नाम ठगी होने के मामलों में बढ़ोतरी हुई है. फर्जी वेबसाइट और एप्स के जरिए लोगों की जेब खाली कर रहे हैं. चार धाम यात्रा के दौरान इस तरह की घटनाओं में काफी वृद्धि हुई थी. पढ़ें पूरी खबर.

Hotel Booking Cyber Fraud: आजकल, होटल बुकिंग और पैकेज टूर के नाम पर लोगों से साइबर धोखाधड़ी हो रही है. ठग आकर्षक ऑफर और नकली वेबसाइट्स के जरिए लोगों को लुभाते हैं. वे कम कीमत पर लग्जरी होटल या टूर पैकेज का वादा करते हैं, लेकिन भुगतान के बाद गायब हो जाते हैं. फर्जी कॉल, ईमेल, व्हाट्सएप मैसेज या सोशल मीडिया विज्ञापनों के जरिए साइबर अपराधी पर्सनल इंफोर्मेशन जैसे बैंक अकाउंट डिटेल्स, क्रेडिट कार्ड नंबर या ओटीपी चुराते हैं और फिर साइबर ठगी को अंजाम देते हैं. हाल ही में चार धाम यात्रा के दौरान हेलीकॉप्टर बुकिंग से लेकर होटल और कैब बुकिंग करने के नाम पर श्रद्धालुओं को ठगा गया.
कैसे करते हैं ठगी?
जालसाजी के इस अपराध में फर्जी वेबसाइट सबसे प्रमुख हथियार है. कई जालसाज नकली वेबसाइट और मोबाइल एप्स बनाते हैं. ये दिखने में तो असली ही लगते हैं. इससे लोग झांसे में आ जाते हैं. इन वेबसाइट पर ऑनलाइन बुकिंग, होटल, ट्रैवल पास या हेलीकॉप्टर सर्विस देने का दावा किया जाता है. कुछ अपराधी फेक ट्रैवल एजेंसी बनाकर लोगों को पैकेज टूर के नाम भी ठगते हैं. नकली एजेंट और वेबसाइट के जरिए होटल की बुकिंग कराई जाती है, लेकिन जब यात्री बुकिंग स्पॉट पर पहुंचते हैं तो पता चलता है कि वहां होटल है ही नहीं.
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आजतक की एक रिपोर्ट के अनुसार, हाल ही में ओडिशा में CID ने पुरी में पर्यटकों को ठगने के लिए एक होटल की फर्जी वेबसाइट बनाने के आरोप में राजस्थान से दो लोगों को गिरफ्तार किया है. अपराधी लोगों को होटल में ठहरने का झूठा आश्वासन देकर पैसे ट्रांसफर कराता था. यह ट्रांजैक्शन किसी होटल के नाम पर किया जाता था और पैसे को नकली बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कराया जाता था.
सरकार ने जारी की एडवाइजरी
केन्द्रीय गृह मंत्रालय के तहत काम करने वाली इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) ने लोगों को ऑनलाइन बुकिंग धोखाधड़ी के बारे में सचेत किया है. विशेष रूप से ऐसे मामलों को लेकर सचेत किया गया है, जिनमें देश में धार्मिक तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को निशाना बनाया जा रहा है. यह धोखाधड़ी नकली वेबसाइटों, भ्रामक सोशल मीडिया पेज, फेसबुक पोस्ट और गूगल जैसे सर्च इंजनों पर पेड विज्ञापनों के माध्यम से की जा रही हैं.
ऐसे रहें सेफ
- कोई भी भुगतान करने से पहले वेबसाइट की ऑथेंटिसिटी की हमेशा जांच करें.
- गूगल, फेसबुक या व्हाट्सएप पर प्लांड या अनजान लिंक पर क्लिक करने से पहले वेरिफाई करें.
- बुकिंग केवल आधिकारिक सरकारी पोर्टलों या भरोसेमंद ट्रैवल एजेंसियों के माध्यम से करें.
- ऐसी वेबसाइटों की तुरंत शिकायत राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल www.cybercrime.gov.in पर करें या किसी धोखाधड़ी के मामले में 1930 पर कॉल करें.
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