क्रिप्टो मार्केट में बढ़ रही है धोखाधड़ी, ठगों के निशाने पर निवेशक; जानें ऐसे फ्रॉड से कैसे बचें
CoinDCX पर साइबर अटैक में 368 करोड़ रुपये की क्रिप्टोकरेंसी चोरी हुई. हमला कंपनी के इंटरनल ऑपरेशनल अकाउंट पर हुआ, जिसमें यूजर्स के फंड सुरक्षित रहे. CoinDCX ने नुकसान की भरपाई अपनी ट्रेजरी से की और Web3 प्लेटफॉर्म अस्थायी रूप से बंद कर दिया.

Crypto Scam: भारत के बड़े क्रिप्टो एक्सचेंजों में से एक CoinDCX पर हाल ही में एक बड़ा साइबर हमला हुआ, जिसमें कंपनी को करीब 368 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. यह हमला कंपनी के एक इंटरनल ऑपरेशनल अकाउंट पर हुआ जो पार्टनर एक्सचेंज पर लिक्विडिटी मैनेजमेंट के लिए उपयोग किया जाता था. अच्छी बात यह है कि कंपनी ने दावा किया है कि सभी यूजर फंड पूरी तरह से सुरक्षित हैं और किसी ग्राहक के क्रिप्टो को नुकसान नहीं हुआ है. CoinDCX ने तुरंत Web3 ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म को अस्थायी रूप से बंद कर दिया और अपनी ट्रेजरी से नुकसान की भरपाई का फैसला किया है. इस घटना के बाद क्रिप्टो के सेफ्टी को लेकर के सवाल उठ रहा है. तो आइये विस्तार से जानते है कि कैसे क्रिप्टो मार्केट में ठगी होती है और आप इससे कैसे बच सकते हैं.
क्रिप्टो से जुडे़ आम स्कैम
फेक वेबसाइट्स
कुछ ठग असली क्रिप्टो ट्रेडिंग साइट्स या वॉलेट्स की नकल करके फर्जी वेबसाइट बनाते हैं. इनका डोमेन नाम असली वेबसाइट से मिलता-जुलता होता है. ये दो तरह से काम करती हैं. फिशिंग पेज की तरह, जहां आप जो भी जानकारी (जैसे पासवर्ड, प्राइवेट की) भरते हैं, वह सीधे ठगों के पास चली जाती है. सीधी चोरी की तरह, पहले थोड़ा पैसा निकालने देते हैं, फिर जब आप ज्यादा निवेश करते हैं, तो साइट गायब हो जाती है.
फिशिंग स्कैम्स
ईमेल या फेक वेबसाइट के जरिए लोगों को उनकी वॉलेट की प्राइवेट जानकारी डालने के लिए कहा जाता है. इसके बाद उनके वॉलेट से सारे फंड चुरा लिए जाते हैं.
पंप एंड डंप स्कीम
ठग किसी नए या अनजान टोकन को सोशल मीडिया पर बहुत प्रचारित करते हैं. इससे निवेशक उस टोकन को खरीद लेते हैं और उसका दाम बढ़ जाता है. फिर ठग अपने टोकन बेचकर मुनाफा कमा लेते हैं और कीमत गिर जाती है.
फेक ऐप्स
Google Play या Apple App Store पर नकली क्रिप्टो ऐप्स डाल दिए जाते हैं. लोग उन्हें डाउनलोड कर लेते हैं और ठगे जाते हैं. ऐसे ऐप्स जल्दी हटाए भी जाते हैं, लेकिन तब तक बहुत नुकसान हो चुका होता है.
फर्जी सेलिब्रिटी प्रमोशन
कई स्कैमर्स खुद को मशहूर लोगों जैसे Elon Musk से जोड़ते हैं और उनके नाम से नकली क्रिप्टो या स्कीम बेचते हैं. वेबसाइट और ब्रॉशर इतने असली दिखते हैं कि लोग धोखा खा जाते हैं.
ब्लैकमेल और एक्सटॉर्शन स्कैम
ईमेल भेजकर धमकी दी जाती है कि उन्होंने आपकी ब्राउजिंग हिस्ट्री रिकॉर्ड की है और अगर आपने बिटकॉइन नहीं भेजे तो वो सबको बता देंगे.
क्लाउड माइनिंग स्कैम
ऐसी कंपनियां खुद को क्लाउड माइनिंग सर्वस प्रोवाइडर बताती हैं, लेकिन ये या तो फर्जी होती हैं या आपको उतनी कमाई नहीं होती जितनी वादा किया गया था.
फर्जी ICOs (Initial Coin Offerings)
नए टोकन लॉन्च करने के नाम पर कुछ स्टार्टअप्स बिटकॉइन या अन्य क्रिप्टो लेकर भाग जाते हैं. ये लोग फर्जी ऑफिस, वेबसाइट और टीम दिखाकर निवेशकों को फंसाते हैं.
क्रिप्टों फ्रॉड से अलग है ये हमला
CoinDCX पर जो अटैक हुआ है वे साइबर अटैक है ना कि कोई क्रिप्टों स्कैम. ठगों ने इसमें एक इंटरनल ऑपरेशनल अकाउंट हैक किया. जो, लिक्विडिटी मैनेजमेंट के लिए इस्तेमाल होता था. हैकर्स ने इस अकाउंट की पहुंच हासिल कर करीब 368 करोड़ रुपये की क्रिप्टोकरेंसी चुरा ली. चुराए गए फंड को हैकर्स ने पहले Solana नेटवर्क में भेजा, फिर Ethereum में ट्रांसफर कर Tornado Cash जैसे मिक्सर के ज़रिए उसे छिपा दिया.
कैसे पहचाने क्रिप्टो स्कैम
अगर कोई स्कीम ज्यादा अच्छी लग रही है, गारंटी मुनाफा दे रही है या बिना जानकारी के कोई कॉल या ईमेल आ रहा है तो यह स्कैम हो सकता है. अगर किसी वेबसाइट या ऐप का नाम असली से मिलता-जुलता है या टीम की जानकारी नहीं दी गई है, तो उस पर भरोसा न करें.
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क्रिप्टो निवेश से पहले क्या सावधानी रखें
अपने वॉलेट की प्राइवेट जानकारी को कभी शेयर न करें. सिर्फ ऑफिशियल ऐप ही डाउनलोड करें और निवेश करने से पहले पूरी रिसर्च करें. हमेशा कम अमाउंट से शुरुआत करें और किसी भी प्रचार या जल्दबाजी में निवेश का फैसला न करें.
अगर ठगी हो जाए तो क्या करें
अगर आपने किसी स्कैम को पैसे भेज दिए हैं या जानकारी शेयर कर दी है तो तुरंत बैंक को सूचित करें. अपने सभी पासवर्ड बदलें और अगर सोशल मीडिया से ठगी हुई है तो उस प्लेटफॉर्म पर रिपोर्ट करें. भारत में आप साइबर क्राइम पोर्टल cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं.
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