फ्लैट्स से लेकर गीतांजलि जेम्स तक… कोर्ट का बड़ा आदेश, बेची जाएंगी मेहुल चोकसी की 46 करोड़ की संपत्तियां

पंजाब नेशनल बैंक (PNB) के 23000 करोड़ रुपये के फर्जीवाड़े से जुड़ी कंपनी गीतांजलि जेम्स लिमिटेड (Gitanjali Gems Ltd) की संपत्तियों की बिक्री को लेकर बड़ा फैसला आया है. स्पेशल जज ए.वी. गुजराथी ने आदेश देते हुए कहा कि अगर संपत्तियां लंबे समय तक यूं ही पड़ी रहीं और उनकी देखरेख नहीं हुई, तो उनकी कीमत घटती जाएगी. इसलिए इस मामले में जल्द आदेश देना जरूरी था.

मेहुल चोकसी Image Credit: Getty image

Mehul Choksi: देश के सबसे बड़े बैंकिंग घोटालों में से एक पंजाब नेशनल बैंक (PNB) के 23000 करोड़ रुपये के फर्जीवाड़े से जुड़ी कंपनी गीतांजलि जेम्स लिमिटेड (Gitanjali Gems Ltd) की संपत्तियों की बिक्री को लेकर बड़ा फैसला आया है. स्पेशल PMLA कोर्ट ने कंपनी के लिक्विडेटर को इन संपत्तियों का valuation और auction करने की अनुमति दे दी है. यह कंपनी भगोड़े कारोबारी नीरव मोदी और मेहुल चोकसी से जुड़ी है.

कोर्ट ने क्या आदेश दिया?

स्पेशल जज ए.वी. गुजराथी ने आदेश देते हुए कहा कि अगर संपत्तियां लंबे समय तक यूं ही पड़ी रहीं और उनकी देखरेख नहीं हुई, तो उनकी कीमत घटती जाएगी. इसलिए इस मामले में जल्द आदेश देना जरूरी था. उन्होंने कहा कि लिक्विडेटर अब इन संपत्तियों का मूल्यांकन कर सकता है और उसके बाद कानूनी प्रक्रिया के तहत नीलामी भी कर सकता है.

इन संपत्तियों की होगी बिक्री

कोर्ट के आदेश के बाद अब कुल 13 अनसिक्योर्ड प्रॉपर्टीज (जिन पर कोई गारंटी या गिरवी नहीं है) की बिक्री की प्रक्रिया शुरू होगी. इनकी कुल कीमत 46 करोड़ रुपये से ज्यादा बताई गई है. इनमें ये संपत्तियां शामिल हैं:

ये सभी मूल्यांकन साल 2018 के आंकड़ों पर आधारित हैं.

पैसे कहां जाएंगे?

कोर्ट ने आदेश दिया है कि नीलामी से मिलने वाले पैसे ICICI बैंक में फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) के रूप में जमा किए जाएंगे. ICICI बैंक, GGL Consortium और NWL Consortium का लीड बैंक है, जो इस मामले में कर्ज देने वाले बैंकों का समूह (creditors) है. कोर्ट ने कहा कि नीलामी और मूल्यांकन में आने वाले सभी खर्च घटाने के बाद जो भी राशि बचेगी, उसे एफडी के रूप में अदालत के नाम पर जमा किया जाएगा. बाद में, यह पैसा प्रभावित बैंकों और कर्जदाताओं को बांटा जाएगा, यानी जिन बैंकों का पैसा फंसा हुआ है, उन्हें यह राशि मिलेगी.

यह मामला कैसे आगे बढ़ा?

गीतांजलि जेम्स लिमिटेड के लिक्विडेटर ने PMLA कोर्ट में आवेदन दिया था कि कंपनी की संपत्तियों का मूल्यांकन और बिक्री की जाए. यह भी बताया गया कि कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स (CoC) ने साल 2019 में कंपनी को लिक्विडेशन में भेजने का फैसला लिया था. इसके बाद नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने 7 फरवरी 2024 को लिक्विडेटर की नियुक्ति का आदेश दिया था. सितंबर 2024 में, कोर्ट ने पहले कंपनी की secured properties के मूल्यांकन की अनुमति दी थी. उस समय कोर्ट ने ED से जवाब मांगा था. ED ने अपने जवाब में कहा कि लिक्विडेटर की याचिका न्यायहित में है और उन्होंने इस पर कोई आपत्ति नहीं जताई.

भगोड़े चोकसी और नीरव मोदी कहां हैं?

इस बीच, नीरव मोदी ब्रिटेन (UK) की जेल में और मेहुल चोकसी बेल्जियम में बंद है. हाल ही में बेल्जियम की अदालत ने मेहुल चोकसी के भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी दी है, जिससे अब उसके भारत वापस आने का रास्ता खुल सकता है. इस फैसले से PNB घोटाले से प्रभावित बैंकों के लिए राहत की उम्मीद जगी है. लंबे समय से फंसे पैसों की वसूली की दिशा में यह एक बड़ा कदम माना जा रहा है. अदालत ने साफ कहा कि अगर संपत्तियां यूं ही बेकार पड़ी रहीं, तो उनकी कीमत खत्म हो जाएगी.

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