नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में गिरावट, कॉरपोरेट और ए़डवांस टैक्स में सुस्ती बनी वजह
वित्त वर्ष 2025-26 की अप्रैल-जून तिमाही में नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 1.39 फीसदी घटकर 4.59 लाख करोड़ रुपये रहा. एडवांस टैक्स कलेक्शन में सुस्ती रही, जो केवल 3.87 फीसदी बढ़ा. कॉरपोरेट टैक्स में 5 फीसदी की गिरावट आई, जबकि व्यक्तिगत आयकर में 0.7 फीसदी की मामूली वृद्धि हुई. रिफंड जारी करने में 58 फीसदी की तेजी देखी गई.

Net direct tax: वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में भारत सरकार के नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में मामूली गिरावट देखने को मिली है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 1 अप्रैल से 19 जून 2025 के बीच नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 4.59 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के मुकाबले 1.39 फीसदी कम है. यह गिरावट मुख्य रूप से ए़डवांस टैक्स और कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन में आई सुस्ती के कारण दर्ज की गई है.
एडवांस टैक्स कलेक्शन में दिखी कमजोरी
सरकार को अप्रैल-जून के बीच ए़डवांस टैक्स के रूप में कुल 1.55 लाख करोड़ रुपये मिले, जो पिछले वर्ष की तुलना में मात्र 3.87 फीसदी अधिक है. यह बढ़त काफी कम है, क्योंकि वित्त वर्ष 2024 की इसी अवधि में एडवांस टैक्स कलेक्शन में 27 फीसदी की तेज बढ़ोतरी दर्ज की गई थी. आंकड़ों के मुताबिक, कॉरपोरेट टैक्स के तहत एडवांस टैक्स कलेक्शन 5.86 फीसदी बढ़कर 1.22 लाख करोड़ रुपये रहा, जबकि गैर-कॉरपोरेट टैक्स का ए़डवांस कलेक्शन 2.68 फीसदी घटकर 33,928 करोड़ रुपये पर आ गया.
कॉरपोरेट टैक्स में 5 फीसदी की गिरावट
कुल कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन इस अवधि में 1.73 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल की तुलना में 5 फीसदी से अधिक की गिरावट दर्शाता है. यह संकेत करता है कि कंपनियों के लाभ और मुनाफे पर दबाव बना हुआ है. दूसरी ओर, व्यक्तिगत इनकम और अन्य गैर-कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन में मामूली 0.7 फीसदी की वृद्धि हुई और यह 2.73 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचा.
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रिफंड और ग्रॉस कलेक्शन में रही तेजी
हालांकि नेट टैक्स कलेक्शन में गिरावट आई है, लेकिन ग्रॉस नेट कलेक्शन में बढ़त दर्ज की गई है. ग्रॉस कलेक्शन 4.86 फीसदी बढ़कर 5.45 लाख करोड़ रुपये रहा. इस अवधि में सरकार ने टैक्सपेयर्स को 86,385 करोड़ रुपये के रिफंड जारी किए, जो पिछले साल की तुलना में 58 फीसदी अधिक है. इसके अलावा, सिक्योरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स (STT) कलेक्शन में 12 फीसदी की वृद्धि हुई और यह 13,013 करोड़ रुपये तक पहुंच गया.
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