13000 करोड़ रुपये के PNB फ्रॉड मामले में नीरव मोदी के बहनोई को सशर्त माफी, जानें- मयंक मेहता कैसे की जांच में मदद
PNB Fraud Case: ब्रिटिश नागरिक और लगभग 35 वर्षों से हांगकांग में रह रहे मयंक मेहता, भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी (आपराधिक षड्यंत्र), 420 (धोखाधड़ी), 409 (आपराधिक विश्वासघात) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दर्ज सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो) मामले में आरोपी हैं.
PNB Fraud Case: स्पेशल सीबीआई अदालत के न्यायाधीश एवी गुजराती ने फरार कारोबारी नीरव मोदी के बहनोई मयंक मेहता को 13,000 करोड़ रुपये के पंजाब नेशनल बैंक (PNB) धोखाधड़ी मामले में ‘सशर्त क्षमादान’ प्रदान किया है. पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह क्षमादान मेहता द्वारा ‘अपराध और संबंधित प्रत्येक व्यक्ति से संबंधित सभी परिस्थितियों का पूर्ण और सत्य खुलासा’ करने पर निर्भर है. इसी उद्देश्य से अदालत ने उन्हें मामले में सरकारी गवाह भी घोषित किया है, जैसा कि 22 सितंबर के आदेश की कॉपी से पता चलता है.
मयंक मेहता ने पीएनबी घोटाले की जांच में कैसे मदद की है?
- ब्रिटिश नागरिक और लगभग 35 वर्षों से हांगकांग में रह रहे मयंक मेहता, भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी (आपराधिक षड्यंत्र), 420 (धोखाधड़ी), 409 (आपराधिक विश्वासघात) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दर्ज सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो) मामले में आरोपी हैं.
- अपनी याचिका में मेहता ने तर्क दिया कि प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत दर्ज मामलों में उन्हें पहले ही क्षमादान मिल चुका है, जिनमें मुख्य अपराध- सीबीआई मामला वही है.
- उन्होंने यह भी कहा कि वह कार्यवाही में भाग लेने के लिए सितंबर 2021 में स्वेच्छा से भारत आए थे. मेहता का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील अमित देसाई ने कहा कि आरोपी ने अभियोजन पक्ष और भारत सरकार की कई पहलुओं में सहायता की है.
- मेहता ने क्षमादान की गुहार लगाते हुए कहा कि वह मामले से संबंधित अपनी जानकारी के अनुसार परिस्थितियों का पूरा और सच्चा खुलासा करने के लिए तैयार हैं.सरकारी वकील अरविंद अघव द्वारा प्रतिनिधित्व किए गए अभियोजन पक्ष ने मेहता की याचिका पर कोई आपत्ति नहीं जताई और स्वीकार किया कि इसी तरह के PMLA मामलों में पहले भी क्षमादान दिया जा चुका है.
स्पेशल सीबीआई अदालत ने क्या कहा?
दोनों पक्षों को सुनने और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) के उन प्रावधानों पर विचार करने के बाद, जिनके तहत याचिका दायर की गई थी, अदालत ने फैसला सुनाया कि ‘आरोपी को सरकारी गवाह के रूप में चिह्नित किया जाएगा.’
अदालत ने निर्देश दिया कि वर्तमान में विदेश में रह रहे आरोपी को अदालत के समक्ष उपस्थित होने का निर्देश दिया जाए. अदालत ने कहा, ‘अभियोजन पक्ष वर्तमान में विद्यमान तथ्यों और परिस्थितियों के आधार पर, कार्यवाही में भाग लेने के लिए आरोपी को यथाशीघ्र भारत लाने के लिए आवश्यक कदम उठाएगा.’
क्या था पीएनबी घोटाला?
फरार हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी और उसका भतीजा नीरव मोदी करोड़ों रुपये के पीएनबी घोटाले में मुख्य आरोपी हैं, जिसकी जांच सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) दोनों कर रहे हैं. उन पर पीएनबी की मुंबई स्थित ब्रैडी हाउस शाखा के अधिकारियों को रिश्वत देकर लेटर्स ऑफ अंडरटेकिंग (एलओयू) और फॉरेन लेटर्स ऑफ क्रेडिट (एफएलसी) का इस्तेमाल करके कथित तौर पर 13,000 करोड़ से ज़्यादा की सरकारी रकम हड़पने का आरोप है. चोकसी बेल्जियम की एक अदालत में प्रत्यर्पण की कार्यवाही का सामना कर रहा है, जबकि नीरव मोदी लंदन की एक जेल में बंद है.