सोनम वांगचुक पर पाकिस्तान लिंक की जांच में जुटी पुलिस, NSA के तहत गिरफ्तारी के बाद आया नया एंगल
लद्दाख हिंसा के मामले में सोनम वांगचुक को नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (NSA) के तहत गिरफ्तार किया गया था. अब वांगचुक पर पाकिस्तान से कथित संपर्क और विदेशी फंडिंग के मामले में जांच चल रही है. वह लद्दाख के लेह एपेक्स बॉडी और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस के आंदोलन का मुख्य चेहरा थे.

Sonam Wangchuk NSA and Pakistan Connection: लद्दाख के डीजीपी एस डी सिंह जामवाल ने शनिवार को कहा कि सोनम वांगचुक के खिलाफ पाकिस्तान से जुड़े कथित संपर्क की जांच की जा रही है. यह जांच पिछले महीने पाकिस्तान की एक खुफिया एजेंट की गिरफ्तारी के बाद शुरू हुई थी, जिसने वांगचुक के विरोध प्रदर्शन के वीडियो सीमा पार भेजे थे. जामवाल ने वांगचुक को उस हिंसा का मुख्य जिम्मेदार व्यक्ति बताया, जो बुधवार, 24 सितंबर को हुई थी और जिसमें चार लोगों की मौत हो गई और दर्जनों लोग घायल हुए.
NSA के तहत हुई थी गिरफ्तारी
शुक्रवार, 26 सितंबर को वांगचुक को नेशनल सिक्योरिटी एक्ट के तहत गिरफ्तार कर राजस्थान के जोधपुर जेल भेज दिया गया. जामवाल ने बताया कि जांच के दौरान जो तथ्य सामने आए हैं, उन्हें अभी सार्वजनिक नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि वांगचुक के पिछले वक्तव्य और गतिविधियां यूट्यूब पर उपलब्ध हैं. उन्होंने अरब स्प्रिंग और हाल के समय में नेपाल, बांग्लादेश और श्रीलंका में हुई अशांति का उदाहरण देते हुए कहा कि वांगचुक की बातें भड़काऊ प्रभाव डाल रही थी.
विदेशी फंडिंग?
डीजीपी ने यह भी कहा कि वांगचुक का विदेशी फंडिंग और FCRA नियमों का उल्लंघन के संबंध में भी पता लगाया जा रहा है. इसके अलावा, उनके कुछ विदेश दौरे जैसे पाकिस्तान में The Dawn के इवेंट में शामिल होना और बांग्लादेश की यात्रा संदिग्ध माने जा रहे हैं. सोनम वांगचुक लद्दाख के लेह एपेक्स बॉडी और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस के स्टेटहुड और संघ राज्य क्षेत्र में छठी अनुसूची के विस्तार के आंदोलन का मुख्य चेहरा रहे हैं. जामवाल ने कहा कि वांगचुक ने मंच को अपने एजेंडा के लिए हाईजैक करने की कोशिश की और केंद्र और लद्दाख प्रतिनिधियों के बीच चल रही बातचीत को बाधित किया.
क्या है पूरा मामला?
केंद्र ने नेताओं को 6 अक्टूबर को नई बैठक के लिए आमंत्रित किया है. डीजीपी ने कहा कि वांगचुक ने भूख हड़ताल जारी रखी, जबकि 25 सितंबर को दोनों पक्षों के बीच एक अनौपचारिक बैठक होने वाली थी. उन्होंने कहा कि “अनौपचारिक बैठक के एक दिन पहले, भड़काऊ वीडियो और बयानों के जरिए शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ने की जानबूझकर कोशिश की गई, जो बुधवार की हिंसा और दुखद घटनाओं तक पहुंची.”
लद्दाख के उपराज्यपाल कविंदर गुप्ता ने बुधवार की हिंसा में विदेशी साजिश के संकेत दिए थे. जामवाल ने बताया कि तीन नेपाली नागरिक गोली लगने के कारण अस्पताल में भर्ती हुए और अन्य लोगों की संलिप्तता भी सामने आई है. पुलिस ने बुधवार की हिंसा के सिलसिले में कुल 50 लोगों को हिरासत में लिया है. इनमें कम से कम आधा दर्जन लोगों को कथित रूप से रिंगलीडर माना जा रहा है. डीजीपी ने कहा कि वांगचुक, जो मुख्य उकसाने वाले थे, को बाहर की जेल में रखा गया है.
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