ऑनलाइन सट्टा ऐप समेत बैन किए गए विज्ञापनों में 24% का उछाल, कठघरे में सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स

देश में बैन किए गए विज्ञापनों की संख्या में बड़ा उछाल आया है. विज्ञापन मानक परिषद (ASCI) की रिपोर्ट के अनुसार, 2024-25 में 3,347 विज्ञापनों की पहचान की गई है, जो पिछले वर्ष के मुकाबले 23.6% अधिक है. इनमें से अधिकांश विज्ञापन अवैध ऑनलाइन सट्टा प्लेटफॉर्म से जुड़े थे.

बैन किए गए विज्ञापनों की संख्या बढ़ी Image Credit: Money9live/Canva

Banned Ads: देश में ऐसे विज्ञापनों की संख्या में बड़ा इजाफा हुआ है जो भारतीय कानूनों के तहत बैन किए गए हैं. विज्ञापन मानक परिषद (ASCI) की सालाना रिपोर्ट के अनुसार, 2024-25 में ऐसे 3,347 विज्ञापनों की पहचान की गई है, जो पिछले वर्ष के मुकाबले 23.6% अधिक है. 2023-24 में यह संख्या 2,707 थी.

ASCI ने की कार्रवाई

ASCI ने इन सभी विज्ञापनों को संबंधित रेगुलेटरी संस्थाओं को सौंप दिया है ताकि इन पर उचित कार्रवाई की जा सके. रिपोर्ट में बताया गया है कि 2024-25 के दौरान ग्राहकों ने जिन विज्ञापनों को रिपोर्ट किया था उसमें सबसे अधिक मामले दो क्षेत्रों से जुड़े थे – विदेशी सट्टा और रियल एस्टेट. इन दोनों क्षेत्रों से जुड़े विज्ञापन कुल शिकायतों में 83% तक पहुंच गए हैं.

ASCI को कुल 9,599 शिकायतें मिली, जिनमें से 7,199 विज्ञापनों की जांच की गई. चौंकाने वाली बात यह रही कि इनमें से 98% विज्ञापनों में किसी न किसी तरह का संशोधन जरूरी पाया गया.

विदेशी सट्टा क्षेत्र अकेले 43% मामलों के लिए जिम्मेदार रहा जबकि रियल एस्टेट सेक्टर ने 24.9% मामलों में नियमों का उल्लंघन किया.

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अन्य क्षेत्रों का प्रदर्शन कैसा रहा?

रियल एस्टेट के बाद पर्सनल केयर से जुड़े विज्ञापनों में 5.7%, हेल्थकेयर में 5.23%, और फूड एवं बेवरेज सेक्टर में 4.69% शिकायतें हुई हैं. सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर्स से जुड़े नियम उल्लंघन भी 14% विज्ञापनों में सामने आए.

ASCI की रिपोर्ट में 1,015 इनफ्लुएंसर विज्ञापनों में से सबसे ज्यादा – 31.4% अवैध सट्टा प्रचार से जुड़े थे. इसके बाद फैशन और लाइफस्टाइल से जुड़े विज्ञापन 16.2% के साथ दूसरे स्थान पर रहे.