बटन, पेन, कंघी के लिए भी चीन के मोहताज, ऐसी क्या मजबूरी; चाहें तो ड्रैगन को दे डालें 54000 Cr. का झटका

भारत का चीन के साथ व्यापार घाटा 8 लाख करोड़ हो गया है, क्योंकि हम कई ऐसे सामान वहां से आयात करते हैं जो आसानी से भारत में भी बनता है, लेकिन क्योंकि चीन में बड़े पैमाने पर बनता है तो वो सस्ता होता है. इनमें प्लास्टिक, रबर, टैक्सटाइल्स, पेपर गुड्स, लकड़ी के प्रोडक्ट और स्टोन एंड ग्लास जैसे सामान शामिल हैं. PM मोदी इसे लेकर लोगों से अपील कर चुके हैं कि विदेशी सामानों पर निर्भरता खत्म करनी चाहिए.

भारत में चीन से होता है छोटे-मोटे सामान का ज्यादा इंपोर्ट Image Credit: Money9live/Canva

India Dependence on China: स्वदेशी खरीदें का नारा कोई आज का नारा नहीं है. अगर इस नारे को देश का हर एक व्यक्ति अपना लें तो भारत की तरक्की में और तेजी आ जाएगी. देश के लोग कई ऐसा विदेशी सामान खरीदते हैं जो आसानी से भारत में बनाया जा सकता है लेकिन फिर भी हम उन छोटे-मोटे सामानों के लिए विदेशों खासकर चीन पर निर्भर हैं. इस चक्कर में चीन के साथ हमारा व्यापार घाटा 8 लाख करोड़ हो गया है. चलिए जानते हैं हम कौन सा सामान करोड़ों खर्च कर मंगाते हैं जो हम स्वदेशी भी खरीद सकते हैं या यहां भी उसे बना सकते हैं.

दैनिक भास्कर में छपे एक रिपोर्ट में ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनीशिएटिव के फाउंडर अजय श्रीवास्तव ने लिखा कि:

  • साल 2023-24 में भारत ने चीन से लगभग 7,521 सामान को इंपोर्ट किया.
  • इनमें 54,278 करोड़ रुपये का सामान प्लास्टिक और रबर से बना हुआ था.
  • टैक्सटाइल्स 42,305 करोड़, पेपर गुड्स 7,411 करोड़, लकड़ी के प्रोडक्ट 2205 करोड़ और स्टोन एंड ग्लास के 18,769 करोड़ के थे.
  • इंपोर्ट की गई चीजों में बटन, पेन, लाइटर, कंघी जैसी कई छोटी–मोटी चीजें हैं

हजारों करोड़ का इंपोर्टेड सामान

रिपोर्ट के अनुसार, हम नीचे दी गई चीजों को इंपोर्ट करने के लिए हजारों करोड़ खर्च कर देते हैं जो सामान हमारे देश में भी बन सकता है:

सामानकरोड़ रुपये
बटन352.45
पेन575.16
पेंसिल–क्रेयॉन152.35
चॉकबोर्ड141.18
लाइटर355.54
कंघी769.69
खुशबू स्प्रे277.90
अन्य खिलौने667.06
टिश्यू11.60
क्राफ्ट पेपर40.56
वेजिटेबल पाचमेंट205.52
वॉलपेपर158.20
टॉयलेट पेपर415.74
कागज के डिब्बे303.22
नोटबुक211.87
ब्रोशर73.22
चित्रकारी किताबें21.30
आंकड़े साल 2023 के

हालांकि ये सारा सामान चीन में बड़े स्तर पर पहले से ही बनता आ रहा है जो भारत में सस्ते दामों पर बिकता है. भारत के ग्राहक काफी प्राइस सेंसिटिव हैं जो कम कीमत वाले सामान को खरीदने में वरीयता देते हैं. अब ये सारा सामान भारत में तो बनता ही है लेकिन सस्ता और बड़े पैमाने पर नहीं. वहीं चीन में इसे बड़े पैमाने पर बनाया जाता है तो वह सस्ता बिकता है. इसके अलावा भारत का हर चीनी सामान के इंपोर्ट को बैन करना भी संभव नहीं है.

पीएम मोदी ने भी की अपील

हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों से अपील करते हुए विदेशी सामानों पर निर्भरता खत्म करने की अपील की है. उन्होंने कहा हमें गांव-गांव व्यापारियों को शपथ दिलवानी होगी कि विदेशी सामानों से कितना भी मुनाफा क्यों न हो, कोई भी विदेश चीज नहीं बेचेंगे. उन्होंने कहा कि आज छोटी आंखों वाले गणेश जी भी विदेश से आ जाते हैं, होली पर रंग और पिचकारी तक विदेशों से आ रहे हैं. सीधे तौर पर यहां पीएम मोदी का इशारा चीन की तरफ था.