क्या फिर हिटलर के देश से निकलेगी तीसरे विश्व युद्ध की चिंगारी, ये गुस्ताखी पूरी दुनिया पर पड़ेगी भारी?

ग्लोबल वॉर अफेयर्स के कई एक्सपर्ट का मानना है कि दूसरा विश्व युद्ध छेड़ने वाले हिटलर के देश जर्मनी से ही फिर विश्व युद्ध की चिंगारी निकल सकती है. जानते हैं पिछले एक सप्ताह में कैसे शांति की तरफ बढ़ते रूस-युक्रेन युद्ध का रुख अचानक बदल गया है.

जर्मनी की टॉरस मिसाइल से यूक्रेन मॉस्को तक हमला कर पाएगा Image Credit: money9live.com

फरवरी 2022 में शुरू हुआ रूस-यूक्रेन युद्ध एक बार फिर ऐसे मोड़ पर है, जहां तीसरे विश्व युद्ध की आशंकाएं चरम पर हैं. इस साल जनवरी में जब डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति बने, तो पूरी दुनिया में इस बात की उम्मीद बढ़ गई थी कि रूस-युक्रेन युद्ध जल्द खत्म हो सकता है. लेकिन, डिफेंस और सिक्योरिटी मसलों के जानकारों का मानना है कि अब एक छोटी से चिंगारी से तीसरा विश्व युद्ध भड़क सकता है. खासतौर पर 26 मई को जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज का बयान इस चिंगारी का काम कर सकता है. जानते हैं बीते एक सप्ताह में किस तरह हालात बदले हैं और अब युद्ध खत्म होने की जगह बढ़ता नजर आ रहा है.

जर्मन चांसलर ने क्या कहा?

26 मई को जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज ने एक बयान दिया, जिससे रूस-यूक्रेन के बीच चल रही जंग के विश्व युद्ध में बदलने की आशंकाएं बढ़ गई हैं. मर्ज ने कहा, “यूक्रेन को दिए जाने वाले हथियारों की रेंज पर अब कोई प्रतिबंध नहीं है. अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस के साथ ही अब जर्मनी की तरफ से कोई प्रतिबंध नहीं है.”

क्या हैं मर्ज के बयान के मायने?

बोलिविया के जियोपॉलिटिक्स और सिक्योरिटी एनालिस्ट ह्यूगो मोल्डिज मर्काडो का मानना है जर्मन चांसलर का यह बयान रूस-यूक्रेन के बीच तीन साल से ज्यादा वक्त से चल रहे संघर्ष के दायरे को पूरे यूरोप तक बढ़ा सकता है. जाहिर, यह आगे तीसरा विश्व युद्ध भी बन सकता है. स्पूतनिक की एक रिपोर्ट के मुताबिक ह्यूगो मर्काडो कहते हैं, जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज की तरफ से यूक्रेन को टॉरस क्रूज मिसाइलों की आपूर्ति करने का फैसला एक नया विश्व युद्ध शुरू कर सकता है.

रूस ने क्या प्रतिक्रिया दी?

रूसी संसद स्टेट ड्यूमा की डिफेंस कमिटी के प्रमुख आंद्रिये कार्तापोलोव ने मर्ज के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, अगर यूक्रेन को टॉरस मिसाइलों की आपूर्ति की जाती है, तो जर्मनी को इसका नतीजा भुगतना होगा. रूस इसका मुंहतोड़ जवाब देगा. इसके लिए रूस किसी भी हद तक जा सकता है.

क्यों बढ़ी तीसरे विश्व युद्ध का आशंका?

ह्यूगो मोल्डिज मर्काडो का कहना है कि जर्मन चांसलर का यह कहना कि यूक्रेन जर्मनी के हथियारों से रूस पर हमला कर सकता है. यह सीधे तौर पर जर्मनी की तरफ से इस संघर्ष में सैन्य और राजनीतिक हस्तक्षेप है. फिलहाल, जर्मनी ने यूक्रेन को ये मिसाइलें दी नहीं हैं. इसके अलावा कब देगा इसकी भी कोई जानकारी नहीं है. लेकिन, अगर जर्मनी या कोई भी देश इस मेंडेट के साथ यूक्रेन को हथियार देता है कि वह रूस के खिलाफ इस्तेमाल करे, तो यह सीधे तौर पर तीसरे विश्व युद्ध की शुरुआत होगी.

यूक्रेन को किस शर्त पर मिल रहे हथियार?

अब तक यूक्रेन को अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी सहित किसी भी देश से यूक्रेन को सिर्फ इस शर्त के साथ हथियार दिए गए हैं कि वह आत्मरक्षा और रूसी हमलों को विफल करने के लिए इनका इस्तेमाल करेगा. किसी भी देश ने यूक्रेन को लॉन्ग रेंज वेपन नहीं दिए हैं. इसके अलावा इन देशों के हथियारों का रूस पर हमले के लिए इस्तेमाल का मेंडेट भी नहीं दिया गया है. क्योंकि, पुतिन पहले ही कह चुके हैं, जो भी देश यूक्रेन को रूस पर हमले के लिए हथियार देगा, रूस उस देश पर भी हमले करेगा.

कितनी खतरनाक है जर्मनी की टॉरस मिसाइल?

टॉरस हवा से लॉन्च की जाने वाली लॉन्ग रेंज स्टील्थ मिसाइल है. इसकी रेंज 500 किमी तक है. मैक 0.95 की तेजी से हमला करने में सक्षम इस मिसाइल को पैनविया पीए-200 टॉरनेडो आईडीएस, यूरोफाइटर टाइफून ईएफ-2000, साब जेएएस-39सी ग्रिपेन, मैकडॉनेल डगलस ईएफ-18ए+ हॉर्नेट और मैकडॉनेल डगलस एफ-15के स्लैम ईगल जैसे कई फाइटर जेट से लॉन्च किया जा सकता है. करीब 10 लाख डॉलर कीमत वाली इस मिसाइल को जर्मनी के अलावा स्पेन, दक्षिण कोरिया सहित कई यूरोपीय देशों की वायुसेना काम लेती है.

क्यों रूस के लिए चिंता का विषय है यह मिसाइल?

अगर जर्मनी की तरफ से यूक्रेन को ये मिसाइलें दी जाती हैं और रूस पर हमले के लिए इनके इस्तेमाल की इजाजत दी जाती है, तो यूक्रेन इन मिसाइलों के जरिये रूस की राजधानी मॉस्को सहित ज्यादातर सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने में सक्षम हो जाएगा. अब तक यूक्रेन रूस में अंदर गहराई तक हमला करने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल कर रहा है, जिन्हें रूस आसानी से इंटरसेप्ट कर नष्ट कर देता है.