अब बिटकॉइन के लिए बिजली फूंक रहा पाकिस्तान, चाइना हब और पोर्ट कासिम का होगा बड़ा इस्तेमाल
पाकिस्तान ने क्रिप्टोकरेंसी को लीगल बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है, 2000 मेगावाट बिजली बिटकॉइन माइनिंग और AI डेटा सेंटर्स के लिए अलॉट की गई है. जानिए कैसे पाकिस्तान क्रिप्टो से अपने रेवेन्यू को बढ़ाना चाहता है और विदेशी निवेश को आकर्षित करना चाहता है.
Pakistan Bitcoin: गहरे आर्थिक संकट से गुजर रहा पाकिस्तान क्रिप्टोकरेंसी को लीगल करना चाहता है और इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए उसने काम शुरू कर दिया है. पाकिस्तान ने एक इस योजना के पहले चरण में 2000 मेगावाट बिजली बिटकॉइन माइनिंग और AI डेटा सेंटर्स के लिए अलॉट कर दी है. इसका मतलब यह है कि पाकिस्तान अब आधिकारिक रूप से क्रिप्टोकरेंसी को लीगल बनाने के लिए गंभीर है और इसी के साथ वह विदेशी निवेश को आकर्षित करना चाहता है.
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान सरकार ने 2000 मेगावाट बिजली खासतौर पर क्रिप्टो माइनिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से जुड़े डेटा सेंटर्स को देने का फैसला किया है. बिटकॉइन माइनिंग एक ऐसा डिजिटल प्रोसेस है जिसमें भारी मात्रा में कंप्यूटिंग पावर और बिजली की जरूरत होती है.
चाइना हब और पोर्ट कासिम का होगा इस्तेमाल
रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय का मानना है कि देश के पास अतिरिक्त बिजली का इस्तेमाल पाकिस्तान क्रिप्टो काउंसिल की इस पहल में करने से पाकिस्तान का रेवेन्यू बढ़ेगा. पाकिस्तान में कुछ पावर प्लांट जैसे साहीवाल, चाइना हब और पोर्ट कासिम, फिलहाल सिर्फ 15% क्षमता पर ही चल रहे हैं. इन्हें अब नए तकनीकी क्षेत्रों, जैसे कि क्रिप्टो माइनिंग और डेटा प्रोसेसिंग के लिए इस्तेमाल किया जाएगा.
मंत्रालय का मानना है कि इस कदम से पाकिस्तान में टेक सेक्टर में नौकरियां पैदा होंगी, जो खासकर युवाओं को आधुनिक टेक्नोलॉजी में काम करने का मौका देंगी. साथ ही, यह ग्लोबल इंवेस्टर्स को भी पाकिस्तान की ओर खींचेगी.
पाकिस्तान में कितने लोगों के पास क्रिप्टो?
रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान में करीब 1.5 से 2 करोड़ लोग पहले से ही किसी न किसी रूप में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर रहे हैं. लेकिन पाकिस्तान में भी क्रिप्टो को लेकर कोई नियम कायदे नहीं है. अब सरकार एक रेगुलेटरी फ्रेमवर्क बना रही है जिससे इस पूरे इकोसिस्टम को वैध, सुरक्षित और निवेश के लायक बनाया जा सके.
अमेरिका और बाइनेंस से बातचीत
पाकिस्तान ने अप्रैल में दुनिया के सबसे बड़े क्रिप्टो एक्सचेंज बाइनेंस के को-फाउंडर चांगपेंग झाओ को बुलाया था ताकि वो पाकिस्तान में एक डिजिटल फाइनेंस प्लेटफॉर्म स्थापित करें.
वहीं पाकिस्तान क्रिप्टो काउंसिल ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के क्रिप्टो प्रोजेक्ट के साथ एक समझौता भी किया है. हालांकि इस प्रोजेक्ट के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी गई.