इस डिफेंस स्टॉक पर FIIs और DIIs फिदा, 7.16% तक बढ़ाई हिस्सेदारी; 5 साल में दिया 1300% का रिटर्न

इस तिमाही में, एक डिफेंस स्टॉक ने दोनों का ध्यान खींचा. उस स्टॉक का नाम अपोलो माइक्रो सिस्टम्स लिमिटेड है. अप्रैल-जून 2025 की तिमाही में, FIIs ने केवल 3,197 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे, जबकि DIIs ने 1,16,970 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे. जुलाई 2025 में, FIIs ने 17,740.6 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, लेकिन DIIs ने 47,018.8 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे.

डिफेंस स्टॉक Image Credit: Canva

Best Defence Stock: कभी-कभी ऐसा होता है कि FIIs और DIIs एक ही समय में एक ही स्टॉक में निवेश करते हैं. यह और भी खास हो जाता है जब वह स्टॉक डिफेंस सेक्टर से हो. अप्रैल-जून 2025 की तिमाही में, FIIs ने केवल 3,197 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे, जबकि DIIs ने 1,16,970 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे. जुलाई 2025 में, FIIs ने 17,740.6 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, लेकिन DIIs ने 47,018.8 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे. इस तिमाही में, एक डिफेंस स्टॉक ने दोनों का ध्यान खींचा. उस स्टॉक का नाम अपोलो माइक्रो सिस्टम्स लिमिटेड है. आइए विस्तार से जानते हैं कि इस कंपनी में ऐसा क्या खास है. आखिर क्यों FIIs और DIIs इन पर फिदा है.

अपोलो माइक्रो सिस्टम्स (Apollo Micro Systems)

अपोलो माइक्रो सिस्टम्स की स्थापना साल 1985 में हुई थी. 40 सालों में, यह कंपनी रक्षा और अंतरिक्ष क्षेत्र में 700 से ज्यादा तकनीकों को विकसित कर चुकी है. यह कंपनी इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रोमैकेनिकल प्रोडक्ट और इंजीनियरिंग डिजाइन बनाती है. यह मिसाइल सिस्टम, नौसेना सिस्टम, उपग्रह और अंतरिक्ष सिस्टम जैसे उन्नत उपकरण बनाती और सप्लाई करती है. इसके Secure communication solution, हवाई रक्षा और पानी के नीचे इलेक्ट्रॉनिक युद्ध में मदद करते हैं. यह कंपनी कमर्शियल ऑफ-द-शेल्फ (COTS) समाधान भी देती है, जो रक्षा और अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए बहुत जरूरी हैं.

शेयरहोल्डिंग में बदलाव

जून 2025 की तिमाही में, FIIs ने इस कंपनी में अपनी हिस्सेदारी 6.23 फीसदी बढ़ाकर 7.16 फीसदी कर ली. DIIs ने अपनी हिस्सेदारी 1.24 फीसदी बढ़ाकर 1.61 फीसदी कर ली. डिफेंस और अंतरिक्ष क्षेत्र के स्टॉक्स में, यह एकमात्र स्टॉक था जिसमें दोनों ने इतना निवेश किया.

रक्षा क्षेत्र में योगदान

अपोलो माइक्रो सिस्टम्स का मिसाइल प्रोग्राम बहुत मजबूत है. कंपनी के हालिया निवेशक प्रेजेंटेशन के अनुसार, यह निम्नलिखित मिसाइलों पर काम कर रही है:

  • हवा से सतह पर मार करने वाली मिसाइलें: रुद्रम-I, रुद्रम-II और III
  • परमाणु मिसाइलें: अग्नि
  • पनडुब्बी रोधी मिसाइलें: स्मार्ट
  • बैलिस्टिक मिसाइलें: K4, प्रलय
  • क्रूज मिसाइलें: निर्भय, SLCM
  • जहाज रोधी मिसाइलें: NASM, LRAHSM
  • सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें: आकाश, VLSRAM, NGRAM, QRSAM
  • टैंक रोधी मिसाइलें: हेलिना, अमोघा-2, NAG, MPATGM

इसके अलावा, कंपनी नौसेना के लिए परमाणु पनडुब्बी (अरिहंत, अरिघमन), पानी के नीचे बारूदी सुरंग, टॉरपीडो (तल, ALWT, वरुणास्त्र) और अन्य उपकरण बनाती है.

भविष्य की योजनाएं

कंपनी का मानना है कि वह अगले दो साल (2026 और 2027) में 45-50 फीसदी की सालाना बढ़ोतरी दर (CAGR) हासिल करेगी. यह बढ़ोतरी इसके मजबूत ऑर्डर बुक के कारण होगी. रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी का कहना है कि इस साल के पहले छह महीनों में मुनाफा बढ़ेगा. हालांकि, बाद में पूंजीगत खर्च (कैपेक्स) के कारण मुनाफा बढ़ोतरी सीमित हो सकती है.

मूलभूत बातेंमूल्य
मार्केट कैप4,429 करोड़ रुपए
P/E रेशियो (TTM)81.64
P/B रेशियो8.95
इंडस्ट्री P/E48.78
डेट टू इक्विटी0.55
ROE9.29 फीसदी
EPS (TTM)2.17
डिविडेंड यील्ड0.00%
बुक वैल्यू19.80
फेस वैल्यू1

कंपनी ने एक नया Weapon Integration केंद्र बनाया है. इसके पहले चरण का काम पूरा हो चुका है, जिसके लिए 150 करोड़ रुपये खर्च किए गए. दूसरे चरण के लिए 100 करोड़ रुपये का बजट है. पहला चरण सितंबर 2026 तक शुरू होगा, और दूसरा चरण मार्च 2026 तक पूरा होगा. कंपनी को 113.8 करोड़ रुपये का पहला निर्यात ऑर्डर भी मिला है, जो नागरिक और रक्षा विमानों के लिए Advanced Avionics Systems विकसित करेगा.

वित्तीय स्थिति

जून 2025 की तिमाही में, कंपनी की बिक्री 91 करोड़ रुपये से बढ़कर 134 करोड़ रुपये हो गई, यानी 46.5 फीसदी की बढ़ोतरी. इसका operational मुनाफा 22 करोड़ रुपये से बढ़कर 41 करोड़ रुपये हो गया, जो 86.4 फीसदी की बढ़ोतरी है. नेट मुनाफा 9 करोड़ रुपये से बढ़कर 19 करोड़ रुपये हो गया, जो 126 फीसदी की बढ़ोतरी है. EPS 0.28 रुपये से बढ़कर 0.58 रुपये हो गई.

स्टॉक की वैल्यूएशन

यह स्टॉक अभी 79.8x के प्राइस-अर्निंग्स (PE) अनुपात पर ट्रेड कर रहा है, जो उद्योग के औसत 66.1x से ज्यादा है. इसका 10 साल का औसत PE 25.5x है, जो दर्शाता है कि यह प्रीमियम पर ट्रेड कर रहा है. प्राइस-अर्निंग्स-टू-ग्रोथ (PEG) रेशियो 1.39 है, जो उद्योग के औसत 1.29 से थोड़ा ज्यादा है.

डेटा सोर्स: BSEGroww, Screener

डिस्क्लेमर: मनी9लाइव किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.

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