चीन को अब सीधे टक्कर, दुनिया भर में मिनरल एसेट की खरीदने की तैयारी, संसद में पेश होगा संशोधन बिल
भारत सरकार इस सप्ताह माइंस एंड मिनरल्स एक्ट, 1957 में संशोधन करने की तैयारी में है, जिसका मुख्य उद्देश्य विदेशों में महत्वपूर्ण खनिज संपत्तियों का अधिग्रहण करना है. यह कदम टेक्नोलॉजी और रिन्यूएबल एनर्जी क्षेत्रों की कच्चे माल की जरूरतों को पूरा करेगा. सरकार NMET फंड का उपयोग करेगी और लीज नियमों को सरल बनाएगी. इससे लो-ग्रेड खनिजों के निपटान में भी मदद मिलेगी. संशोधन जल्द ही संसद में पेश किया जा सकता है.

India plans to amend mining laws: चीन द्वारा क्रिटिकल मिनरल के निर्यात पर रोक के बाद भारत सरकार वह हर अवसर तलाश रही है, जिससे देश इस सेक्टर में आत्मनिर्भर बन सके. इसी कड़ी में इस सप्ताह माइंस एंड मिनरल्स (डेवलपमेंट एंड रेगुलेशन) एक्ट, 1957 में संशोधन के लिए संसदीय मंजूरी लेने की योजना बना रही है. इस मंजूरी का मुख्य उद्देश्य विदेशों में महत्वपूर्ण खनिज एसेट्स का अधिग्रहण करना है. ET की एक रिपोर्ट के अनुसार सरकार के भीतर आम सहमति बन चुकी है. अब इसे सोमवार को ही संसद में पेश किया जा सकता है. ये संशोधन महत्वपूर्ण खनिजों की सप्लाई चैन को मजबूत करने के लिए हैं, जो टेक्नोलॉजी और रिन्यूएबल एनर्जी जैसे उद्योगों के लिए आवश्यक कच्चे माल की मांग को पूरा करेंगे.
NMET मुहैया कराएगा आर्थिक सहायता
इन अधिग्रहणों को वित्तीय सहायता मुहैया कराने के लिए सरकार नेशनल मिनरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट यानी NMET के पैसों का उपयोग करेगी. इसमें वर्तमान में माइनिंग करने वाले से 2 फीसदी रॉयल्टी के योगदान से 6,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जमा है. एनएमईटी का नाम बदलकर इसमें विकास शब्द जोड़ने का भी प्रस्ताव है. यह कदम भारत की महत्वपूर्ण संसाधनों तक पहुंच बढ़ाने और विदेशी सप्लाई चैन पर निर्भरता कम करने में मददगार साबित होगा.
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लो-ग्रेड मिनरल का निपटारा होगा आसान
प्रस्तावित संशोधन में कैप्टिव खदानों में लो-ग्रेड या प्रोसेसिंग यूनिट्स के लिए बेकार जमा हुए खनिज ढेर की समस्याओं के हल निकालने का भी प्रस्ताव है. इन खदानों में उत्पादित आधे से अधिक खनिज उपयोग योग्य नहीं हैं और वर्तमान नियम के अनुसार इनके निपटान की अनुमति नहीं है. नए नियम राज्यों को अतिरिक्त शुल्क के भुगतान पर इन ढेरों को बिक्री की अनुमति देंगे.
लीज के नियम होंगे आसान
इसके अलावा, संशोधन नए खोजे गए खनिजों और लीज एक्सटेंशन के लिए नियमों को सरल बनाएंगे. गहरे खनिज संसाधनों के पट्टाधारक अपने पट्टे के क्षेत्र को बढ़ाने के लिए पास के क्षेत्र को शामिल करने के लिए आवेदन कर सकेंगे. यह सुविधा केवल एक बार मिलेगी और विस्तार मौजूदा पट्टे के क्षेत्र का अधिकतम 10 फीसदी तक सीमित होगा.
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