अब QR कोड बताएगा कि दवा असली है या नकली, वैक्सीन सहित इन दवाओं पर लागू होंगे नए नियम

सरकार अब नकली दवाओं पर लगाम लगाने के लिए वैक्सीन, नारकोटिक ड्रग्स, कैंसर दवाओं सहित कई दवाओं पर QR कोड/बारकोड लगाना अनिवार्य करने जा रही है. इन दवाओं को ड्रग शेड्यूल H2 में लाने की तैयारी है. साथ ही 300 दवाओं की स्ट्रिप पर एक्सिपिएंट्स की जानकारी देना भी जरूरी होगा.

सरकार अब नकली दवाओं पर लगाम लगाने के लिए कई दवाओं पर QR कोड/बारकोड लगाना अनिवार्य करने जा रही है. Image Credit: FREE PIK

QR Code Barcode Fake Medicines: सरकार अब वैक्सीन, एंटीमाइक्रोबियल्स, नारकोटिक ड्रग्स, साइकोट्रॉपिक केमिकल और कुछ अन्य कैंसर की दवाओं पर बारकोड या क्यूआर कोड लगाना अनिवार्य करने जा रही है. इस कदम का उद्देश्य दवाओं की ट्रैकिंग आसान बनाना और नकली दवाओं की बिक्री पर रोक लगाना है. सरकार इन दवाओं को ड्रग के शेड्यूल H2 के तहत लाने जा रही है, जिससे इनकी देखरेख और वेरिफिकेशन करना आसान हो जाएगा. इससे पहले सरकार टॉप 300 दवा ब्रांड्स पर बारकोड अनिवार्य कर चुकी है.

देनी होगी एक्सिपिएंट्स की जानकारी

इकोनॉमिक्स टाइम के रिपोर्ट के मुताबिक, बारकोड और क्यूआर कोड के अलावा सरकार अब 300 शेड्यूल H2 दवाओं की स्ट्रिप पर एक्सिपिएंट्स (Excipients) की जानकारी भी अनिवार्य करने की योजना बना रही है. अभी फिलहाल सिर्फ एक्टिव सब्सटेंस की जानकारी दी जाती है. हालांकि अधिकतर एक्सिपिएंट्स इनएक्टिव होते हैं, लेकिन कुछ परिस्थितियों में उनका प्रभाव हो सकता है.

DCGI करेगा अंतिम फैसला

ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) इस हफ्ते इन दोनों मुद्दों पर एक अहम बैठक करने जा रहा है. इसमें बारकोड और एक्सिपिएंट्स से जुड़ी नीतियों पर अंतिम फैसला लिया जा सकता है. पहले कुछ कैंसर दवाओं के साथ धोखाधड़ी के मामले सामने आए थे, जहां अस्पतालों की मिलीभगत से महंगी दवाओं की खाली शीशियों में नकली दवाएं भर दी गई थीं. इन्हीं घटनाओं के बाद सरकार ने बारकोड को अनिवार्य किया था.

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टॉप 300 दवाओं पर पहले से QR कोड

सरकार पहले ही 300 प्रमुख दवा ब्रांड्स पर बारकोड अनिवार्य कर चुकी है. इनमें दर्द निवारक, विटामिन सप्लीमेंट्स, डायबिटीज कंट्रोल की दवाएं, गर्भनिरोधक गोलियां और एंटीप्लेटलेट दवाएं शामिल हैं. स्कैन करने पर इनसे संबंधित मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस, बैच नंबर जैसी जानकारी प्राप्त की जा सकती है.

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