FD और PPF में क्या है अंतर? कब और क्यों लगाएं इनमें पैसा
जीरो रिस्क निवेश के लिए FD और PPF दो अच्छे विकल्प हैं. बाजार की चाल कैसी भी हो, आपको निश्चित रिटर्न तो मिलना ही है. आपके लिए ज्यादा सही क्या है, इसके लिए आपको इसके ब्याज दर, टैक्स छूट के फायदे और लॉक-इन पीरियड को समझना होगा...

FD vs PPF: आजकल लोग निवेश के प्रति जागरूक हो रहे हैं, भले ही कई लोग शेयर बाजार को नहीं समझते लेकिन वो उससे जुड़े रिस्क जानते हैं. इसलिए कई लोग निवेश के लिए तो तैयार हैं लेकिन वे चाहते हैं कि रिस्क जीरो हो. सामने कई ऑप्शन भी है. तो जीरो रिस्क निवेश के ऑप्शन में हम आपको समझाएंगे FD और PPF में होने वाले निवेश के बारे में… जैसे ब्याज दर कितनी है? इनकम टैक्स का क्या फायदा है? लॉक इन पीरियड कितना है? ताकि आप अपने लिए सही फैसला ले सकें…
FD और पीपीएफ में से एक चुनने से पहले ये तो समझ ही लें कि निवेश किसी में भी हो आपका निवेश सुरक्षित रहेगा और हर हाल में निश्चित रिटर्न भी मिलेगा चाहे बाजार ऊपर जाए या नीचे.
FD और PPF में कौन बेहतर
ब्याज दर: ज्यादातर बैंक FD पर 6.7% से 7.1% सालाना तक ब्याज देते हैं. वहीं PPF पर अभी 7.1% मिल रहा है. मतलब ब्याज के मामले में PPF थोड़ा बेहतर या कम से कम FD के बराबर है. हां, FD की ब्याज दर निवेश की अवधि पर निर्भर करती है.
इनकम टैक्स में फायदा: PPF में किया गया निवेश सेक्शन 80C के तहत टैक्स में छूट देता है लेकिन केवल पुरानी टैक्स रिजीम में और सबसे खास बात, PPF पर मिलने वाला ब्याज भी टैक्स फ्री होता है, चाहे पुराना टैक्स सिस्टम हो या नया. FD में न तो निवेश पर और न ही ब्याज पर ऐसी कोई टैक्स छूट है. FD का ब्याज टैक्सेबल होता है.
लॉक-इन पीरियड: PPF में पैसा डालने के बाद 15 साल तक पैसा नहीं निकाला जा सकता हालांकि कुछ विशेष परिस्थितियों में अनुमति मिलती है. लेकिन FD से आप अपनी जरूरत के हिसाब से कभी भी पैसा निकाल सकते हैं, हालांकि थोड़ी पेनाल्टी हो सकती है लेकिन पैसा जल्दी मिल जाता है. तो अगर आपको अगले कुछ सालों में पैसा निकालने की जरूरत पड़ सकती है, तो PPF आपके लिए सही विकल्प नहीं है.
कितना निवेश: PPF में आप साल भर में कम से कम 500 और ज्यादा से ज्यादा 1.5 लाख जमा कर सकते हैं. FD में ऐसी कोई सीमा नहीं है. आप चाहें तो 5 करोड़ या उससे भी ज्यादा भी FD में डाल सकते हैं.
कैसे लें फैसला?
अगर आपके पास एक बड़ी रकम है, तो FD एक बेहतर ऑप्शन हो सकता है. लेकिन समझदारी यही है कि आप दोनों में थोड़ा-थोड़ा निवेश करें ताकि सुरक्षा भी बनी रहे और टैक्स में बचत भी मिले.
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