RBI ने NEFT और RTGS ट्रांसफर के लिए लॉन्च किया नया फीचर, गलतियां और फ्रॉड पर लगेगा ब्रेक
इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट यानी NEFT या RTGS करते वक्त आपसे भी भूल हो जाती है, गलत व्यक्ति को पैसा ट्रांसफर हो जाता है तो RBI ने अब आपकी परेशानी को सुलझाने के लिए नया फीचर जारी किया है.

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने पेमेंट को और सही बनाने के लिए नया फीचर लॉन्च किया है ताकि जिसको आप पेमेंट कर रहे हैं वो गलत व्यक्ति को ना चला जाए. ये फीचर NEFT और RTGS वालों के लिए है. क्या बदला है? पहले क्या था? चलिए विस्तार में बताते हैं.
9 अक्टूबर को आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने इस नए फीचर के बारे में घोषणा की थी.
NEFT (नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर) और RTGS (रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट) इन दो तरीकों से आप इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से पैसा ट्रांसफर कर सकते हैं. RTGS से तुरंत पैसा भेजा जा सकता है वहीं NEFT थोड़ा समय लेता है.
NEFT में पैसा भेजने की कोई लिमिट नहीं है जबकि RTGS से पैसा भेजने की मिनिमम लिमिट 2 लाख रुपये है. NEFT आमतौर पर छोटी रकम भेजने के लिए काम आता है और RTGS से आप बड़ी रकम भेज सकते हैं.
तो बदला क्या है?
होता ये है कि RTGS और NEFT से पैसा भेजते समय कई बार गलती से आप गलत व्यक्ति को पैसा भेज देते हैं, इस नए फीचर से ऐसी गलती होने से बचा जा सकता है.
जब भी आपको पैसा भेजना हो आप जिसे पैसा भेज रहे हैं उसका नाम डालते हैं, अकाउंट नंबर डालते हैं और IFSC कोड डालते हैं जिससे बैंक की ब्रांच का पता लग सके.
अब से सिस्टम पर आप उस व्यक्ति का नाम जान पाएंगे जिसे आप वास्तव में पैसा भेजना चाह रहे हैं. जैसे यूपीआई पर नाम बता देता है वैसे ही अब इसमें भी नाम का पता चल सकेगा.
रिजर्व बैंक इसे तकनीकी भाषा में ‘लुक अप फैसिलिटी’ कहता है. इसमें बेनिफिशियरी का नाम वेरिफाय हो जाता है.
रिजर्व बैंक का उद्देश्य है कि इस सुविधा से गलतियां और फ्रॉड पर ब्रेक लग सकेगा.
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