825 अरब डॉलर के साथ रिकॉर्ड हाई पर भारत का एक्सपोर्ट, ट्रंप का टैरिफ वार हुआ बेअसर!
वित्त वर्ष 2024-25 में भारत का कुल निर्यात रिकॉर्ड हाई लेवल पर पहुंच गया है. FY 25 में भारत ने दुनिया को 825 अरब डॉलर का निर्यात किया है. इसके अलावा इस दौरान भारत के सर्विसेज शिपमेंट में भी 13 फीसदी का बड़ा उछाल आया है.
India Export वित्त वर्ष 2024-25 में 825 अरब डॉलर के ऑल टाइम हाई पर पहुंच गया है. वाणिज्य मंत्रालय की तरफ से गुरुवार 1 मई को जारी आंकड़ों के मुताबिक भारत का वस्तुओं और सेवाओं का निर्यात 2024-25 में सालाना आधार पर 6 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 825 अरब अमेरिकी डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया. मंत्रालय के मुताबिक भारतीय निर्यात में सेवा क्षेत्र का अहम योगदान रहा. मंत्रालय ने बताया कि वैश्विक व्यापार बाधाओं के बावजूद भारत का सेवा निर्यात 386.5 अरब डॉलर तक पहुंच गया. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक 2024-25 में देश का समग्र निर्यात सालाना आधार पर 7 फीसदी बढ़ा है. वित्त वर्ष 2023-24 में कुल निर्यात 778.13 अरब अमेरिकी डॉलर रहा रहा था.
सेवा निर्यात मे बड़ा उछाल
आंकड़ों से पता चलता है कि 2024-25 में भारत का सेवा निर्यात 387.5 अरब डॉलर के रिकॉर्ड हाई स्तर पर पहुंच गया. इससे पहले वित्त वर्ष 2023-24 में भारत का सेवा निर्यात 341.1 अरब डॉलर रहा था. इस तरह सालाना आधार पर 13.6 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. इससे पहले मार्च में सेवाओं का निर्यात 18.6 फीसदी बढ़कर 35.6 अरब डॉलर रहा था, जबकि मार्च 2024 में यह 30 अरब डॉलर रहा था.
मंत्रालय ने क्या कहा?
सेवा क्षेत्र में भी निर्यात में वृद्धि में योगदान देने वाले मुख्य क्षेत्रों में दूरसंचार, कंप्यूटर और आइटी सेवाएं अहम रहीं. इनके अलावा ट्रांसपोर्ट, ट्रैवल और फाइनेंशियल सेवाएं भी शामिल हैं. मंत्रालय की एक विज्ञप्ति में कहा गया है, “नवीनतम आंकडों के मुताबिक भारत का कुल निर्यात 2024-25 में ऐतिहासिक 824.9 अरब डॉलर तक पहुंच गया, जो पिछले वर्ष के 778.1 बिलियन अमरीकी डॉलर से 6.01 फीसदी अधिक है.”
निर्यातक संघ ने क्या कहा?
निर्यात के आंकड़ों पर FIEO यानी भारतीय निर्यात संगठनों के महासंघ के एससी रल्हन का कहना है कि ये आंकड़े निर्यातकों की मजबूती को दर्शाते हैं. हालांकि, आज की स्थिति में, अमेरिका और यूरोप से वस्तुओं के ऑर्डर में कमी आई है. अमेरिकी आयातक व्यापार समझौते का इंतजार कर रहे हैं, जिसकी वजह से हमारा निर्यात प्रभावित हो रहा है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार को निर्यातकों के लिए तुरंत ब्याज सहायता योजना की घोषणा करनी चाहिए. देश में ब्याज दरें ऊंची हैं और वैश्विक बाजारों में प्रतिस्पर्धी बनने के लिए ब्याज दरें घटानी चाहिए.
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