बीकानेर के लाल का कमाल! मजबूरी में छोड़ी पढ़ाई, शेयर बाजार से की अंधी कमाई, देश के टॉप अमीरों में शामिल
राजस्थान में पाकिस्तान की सीमा से लगे बीकानेर में जन्मे एक शख्स ने मजबूरी में कॉलेज की पढ़ाई बीच में छोड़ दी. जब शेयर बाजार की रुख किया, तो वहां जमकर कमाई की और देश के सबसे अमीर लोगों में शामिल हुआ. इसके बाद कारोबार में उतरा, तो आज देश का रिटेल किंग कहा जाता है.
शेयर बाजार में सफलता का शिखर छूने वाले लोग अक्सर लाखों ट्रेडर्स और इन्वेस्टर्स के लिए प्रेरणा स्रोत होते हैं. इन लोगों के जीवन की कहानी और शिखर के सफर के दौरान किए संघर्ष के किस्स सहज ही मोटिवेट करते हैं. ऐसे ही एक शख्स का नाम है राधाकिशन शिवकिशन दमानी, जिन्हें अक्सर RK दमानी नाम से जाना जाता है.
बीच में छोड़ा कॉलेज
राजस्थान के बीकानेर जिले में पैदा हुए दमानी बचपन में ही अपने पिता के साथ मुंबई आ गए. उनके पिता शेयर बाजार में स्टॉक ब्रोकर के तौर पर काम करते थे. दमानी परिवार के करीब आधा दर्जन लोग एक कमरे के छोटे से घर में रहते थे. दमानी ने मुंबई यूनिवर्सिटी से कॉमर्स में ग्रेजुएशन के लिए दाखिला लिया, लेकिन अपनी रुचि और पारिवारिक कारणों से फर्स्ट ईयर के बाद ही कॉलेज छोड़ दिया.
पिता के निधन के बाद बाजार में उतरे
कॉलेज छोड़ने के बाद दमानी ने बॉल बियरिंग का कारोबार शुरू किया. लेकिन, कुछ ही समय बाद पिता का देहांत हो गया, जिसके बाद उन्होंने अपने इस कारोबार को छोड़कर शेयर बाजार का रुख किया. शेयर बाजार में यह वह दौर था, जब हर्षद मेहता और मनु मानेक उर्फ कोबरा की उठापटक चल रही थी.
कोबरा के पैंतरों को आजमाया
राधाकिशन दमानी शुरुआती दौर में जब ट्रेडिंग रिंग में उतरे, तो दूर एक कोने में खड़े होकर कोबरा को एक्शन में देखते थे. उन्होंने बार-बार मानेक के पैतरों से बुल्स की पार्टी को खराब होते देखी. इस तरह उन्होंने मनु मानेक की चालबाजी को बेहद करीब से देखा इसके बाद उन्होंने हर्षद मेहता को मात देने के लिए कोबरा की तरकीबें अपनाईं और जमकर पैसा बनाया.
बाजार की नब्ज समझने में माहिर
दमानी को करीब से जानने वाले लोगों का कहना है कि दमानी बाजार की नब्ज को बहुत गहराई से समझते हैं और रुख भांपने में उनका कोई सानी नहीं है. एक इंटरव्यू में सीए दीना मेहता कहती हैं, 1985 में जब वे पहली बार ट्रेडिंग रिंग में पहुंचे, तो वहां शायद ही कभी कोई ट्रेड कॉल लेते थे. शुरुआती दौर में उन्होंने चुप रहकर बाजार की हरकतों और बड़े-बड़े दिग्गजों की पैंतरेबाजियों को समझा.
अनोखा है रिसर्च का तरीका
जब बात शेयर बाजार में दाव लगाने की होती है, तो रिसर्च इसका सबसे अहम हिस्सा होता है. देश के सबसे सफल निवेशकों में एक रहे राकेश झुनझुनवाला भी दमानी को अपना गुरु मानते थे. वहीं, नेमिष शाह और वल्लभ भंसाली दमानी के करीबी मित्रों में शामिल हैं. जब अलग-अलग मौकों पर दमानी के करीबों लोगों से यह पूछा जाता है कि वे रिसर्च कैसे करते हैं, तो पता चलता है कि दमानी किताबें पढ़ने से ज्यादा लोगों के सेंटिमेंट पढ़ने पर जोर देते हैं. वे बाजार से जुड़े लोगों से अक्सर बात करते हैं और बहुत कैजुअल लगने वाली बातचीत से अपने काम की चीजें निकाल लेते हैं. हालांकि, खुद कभी बाजार को लेकर किसी को कोई राय नहीं देते हैं.
दमानी के गुरु कौन
बाजार से जुड़े दमानी के करीबी लोगों का कहना है कि 70-80 के दशक के सबसे सफल निवेशकों में से एक रह चंद्रकांत संपत को दमानी अपना गुरु मानते थे. वे संपत के वैल्यू इन्वेस्टमेंट स्टाइल की बहुत कद्र करते थे और अक्सर उन शेयरों में निवेश करते थे, जिनमें संपत निवेश करते थे. ब्लेड बनाने वाली कंपनी जिलेट को लेकर एक किस्सा मशहूर है. संपत ने इस कंपनी के कुछ लाख रुपये के शेयर खरीदे, लेकिन दमानी ने संपत से कई गुना ज्यादा शेयर खरीद डाले. संपत कभी भी दमानी की ट्रेडिंग मानसिकता को पसंद नहीं करते थे, लेकिन कहते थे कि दमानी बाजार में सबसे आला दर्ज के निवेशकों में से एक हैं.
HDFC बनाम SBI
दमानी का एक किस्सा SBI और HDFC को लेकर भी मशहूर है. दमानी लगातार HDFC के शेयर खरीद रहे थे. इसे लेकर जब उनसे पूछा गया कि वे SBI क्यों नहीं खरीद रहे, इतने छोटे से प्राइवेट बैंक में क्या रखा है? इसके जवाब में दमानी ने कहा, धारावी, धारावी होता है और पेडर रोड, पेडर रोड, आगे जाके HDFC का भाव देख लेना.
ये रहे दमानी के बेस्ट पिक
वीएसटी इंडस्ट्रीज, एचडीएफसी, सुंदरम फाइनेंस, आईटीसी, जिलेट, क्रिसिल, आईसीआरए, 3एम इंडिया, ब्लू डार्ट एक्सप्रेस, प्रोजोन इंटू प्रॉपर्टीज, यूनिप्ली इंडस्ट्रीज और इंडिया सीमेंट्स को पिछले कुछ सालों में दमानी के बेस्ट पिक कहा जाता है. इनके अलावा उनके पोर्टफोलियो में नेस्ले, कोलगेट और एचयूएल जैसी कंपनियों के शेयर भी शामिल हैं
शॉर्ट सेलिंग के माहिर खिलाड़ी
दमानी के बारे में कहा जाता है कि वे बाजार के रुख को भांपने के उस्ताद हैं. बाजार कहां टॉप बनाकर पलटने वाला है, यह बात समझने में दमानी जैसी सूझबूझ बहुत कम लोगों के पास होती है. अक्सर दमानी ऐसे मौकों पर शॉर्ट सेलिंग के जरिये जोरदार कमाई करते हैं. हालांकि, उनके पोर्टफोलियो में शामिल ज्यादातर शेयर की एवरेज 5 से 7 साल तक शामिल रहते हैं.
ऐसे बने रिटेल किंग
दमानी ने शेयर बाजार से जमकर पैसा कमाया और लगभग बिना किसी कर्ज के D-Mart जैसा सफल कारोबार स्थापित किया. डीमार्ड का मार्केट कैप 2.63 लाख करोड़ रुपये है. वहीं, फोर्ब्स की रिचेस्ट इंडियन लिस्ट के हिसाब से दमानी फिलहाल भारत के शीर्ष 10 अमीरों में शामिल हैं. उनकी नेटवर्थ करीब 18 अरब डॉलर है. वहीं, दुनिया के शीर्ष 500 अमीरों की सूची में वे 118वें पायदान पर हैं. वहीं, दमानी परिवार के पास करीब 31 अरब डॉलर की संपत्ति है.