न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक के लिए संकटमोचक बना सारस्वत बैंक, करेगा विलय, डिपॉजिटर के पैसे होंगे वापस
सारस्वत बैंक जल्द ही संकटग्रस्त न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक का अधिग्रहण करेगा. चेयरमैन गौतम ठाकुर ने आश्वासन दिया है कि NICB के 1.22 लाख जमाकर्ताओं को किसी तरह का नुकसान नहीं होगा और उनकी पूरी जमा राशि सुरक्षित रहेगी. RBI की मंजूरी के बाद सितंबर 2025 तक यह विलय पूरा होने की उम्मीद है.
Saraswat Bank NICB Merger: भारत की सबसे बड़ी अर्बन कोऑपरेटिव बैंक सारस्वत बैंक ने ऐलान किया है कि वह संकट में चल रहे न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक यानी NICB का विलय अपने साथ करेगी. यह जानकारी सारस्वत बैंक के चेयरमैन गौतम ठाकुर ने दी. उन्होंने कहा कि NICB के 1.22 लाख से ज्यादा जमाकर्ताओं को किसी भी तरह का नुकसान नहीं होगा और उनकी जमा पूंजी पूरी तरह सुरक्षित रहेगी. बता दें कि NICB इस समय एक बड़े घोटाले की वजह से संकट में है और जमाकर्ताओं को केवल 25 हजार रुपये निकालने की अनुमति है.
जमाकर्ताओं को नहीं होगा नुकसान
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, NICB के किसी भी जमाकर्ता को कटौती यानी हेयरकट का सामना नहीं करना पड़ेगा. एक बार विलय की प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद सभी खाताधारक अपनी पूरी रकम निकाल सकेंगे. वर्तमान में RBI ने खातों पर 25 हजार रुपये की निकासी सीमा तय की हुई है, लेकिन विलय के बाद यह हट जाएगी.
सितंबर तक पूरा हो सकता है विलय
सारस्वत बैंक ने स्वेच्छा से रिजर्व बैंक से NICB के साथ विलय की मंजूरी मांगी है. बैंक को उम्मीद है कि सितंबर 2025 तक यह प्रक्रिया पूरी हो जाएगी. इसके लिए पहले शेयरहोल्डर्स की मंजूरी ली जाएगी, फिर RBI लास्ट डेट तय करेगा. इसके बाद NICB के शेयरहोल्डर्स को एक तय रेशियो में सारस्वत बैंक के शेयर मिलेंगे.
बैंक कर्मचारियों का क्या होगा
NICB के बचे हुए लगभग 200 कर्मचारियों में से योग्य कर्मचारियों को सारस्वत बैंक अपने यहां शामिल करेगा. लेकिन जिन कर्मचारियों का नाम घोटाले से जुड़ा होगा उन्हें नहीं रखा जाएगा. NICB के 27 ब्रांचों में से 17 मुंबई में हैं, जबकि सारस्वत बैंक की शहर में 120 ब्रांच हैं.
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कैसी है NICB बैंक की आर्थिक स्थिति
NICB पर फरवरी से रिजर्व बैंक द्वारा नियुक्त लोगों के कंट्रोल में है. बैंक पर लगभग 122 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप है. मार्च 2025 तक NICB के पास 1100 करोड़ रुपये की संपत्तियां थीं. सारस्वत बैंक के पास 36 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति है और उसे उम्मीद है कि NICB का विलय उसके लिए संभालना आसान होगा.