इंडसइंड डेरिवेटिव घपले में सेबी का बड़ा खुलासा, बैंक के टॉप मैनेजमेंट को 15 महीने पहले से पता था पूरा मामला

भारतीय शेयर बाजार के नियामक SEBI ने इंडसइंड बैंक के डेरिवेटिव घोटाले में बड़ा खुलासा किया है. सेबी ने एक अंतरिम आदेश जारी करते हुए बताया है कि बैंक के टॉप मैनेजमेंट को इस गड़बड़ी के बारे बाजार के नियमों के मुताबिक डिस्क्लोज किए जाने से 15 महीने पहले ही पता चल गया था.

सेबी Image Credit: Pavlo Gonchar/SOPA Images/LightRocket via Getty Images

SEBI Action On IndusInd Bank: भारतीय शेयर बाजार के नियामक सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया ने बुधवार को इंडसइंड डेरिवेटिव घोटाले के मामले में एक अंतरिम आदेश जारी किया. सेबी इनसाइडर ट्रेडिंग के मामले में बैंक के शीर्ष प्रबंधन से जुड़े लोगों सहित कुल पांच लोगों पर बैन लगाया है. इसके साथ ही बताया कि बैंक के शीर्ष प्रबंधन से जुड़े लोगों को इस मामले की पहले से जानकारी थी. शेयर बाजार के नियमों के तहत मार्च में इस मामले को डिस्क्लोज किया गया. लेकिन, बैंक के प्रबंधन को मामले की जानकारी इससे 15 महीने पहले से थी.

सेबी ने क्या कहा?

सेबी ने अपने अंतरिम आदेश में बताया कि बैंक के शीर्ष प्रबंधन को डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्टस की अकाउंटिंग में हुई घपलेबाजी के बारे में 15 महीने पहले ही पता चल गया था. SEBI की जांच में सामने आया है कि बैंक के शीर्ष प्रबंधन को सबसे पहले 26 सितंबर, 2023 को ही इसके बारे में पता चल गया था, लेकिन प्रबंधन ने इस मामले को मार्च 2025 तक दबाए रखा. यह खुलासा RBI के निर्देश पर बैंक की तरफ से गठित एक अंतर-विभागीय टीम की जांच के बाद हुआ है. इससे बैंक के शीर्ष प्रबंधन पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं.

इन लोगों पर लगा बैन

SEBI ने बुधवार को जारी अपने अंतरिम आदेश में इनसाइडर ट्रेडिंग के मामले में इंडसइंड बैंक के पूर्व MD और CEO सुमंत कठपालिया, पूर्व डिप्टी सीईओ अरुण खुराना के साथ ही बैंक के तीन कर्मचारी सुशांत सौरव, रोहन जथन्ना और अनिल मार्को राव पर प्रतिबंध लगाया है. ये सभी व्यक्ति अब शेयर बाजार से जुड़ी किसी भी गतिविधि में शामिल नहीं हो पाएंगे. इसके साथ ही इन पांचों लोगों के बैंक खातों को भी फ्रीज कर दिया गया है.

कैसे हुआ मामले का खुलासा

इसी साल 10 मार्च को बैंक ने शेयर बाजार के LODR नियमों के तहत एक एक्सचेंज फाइलिंग में बताया कि बैंक को अपने डेरिवेटिव एसेट्स के अकाउंट्स में गड़बड़ी मिली है. इस मामले की जांच के लिए बैंक ने एक थर्ड पार्टी एजेंसी को हायर किया. वहीं, RBI के निर्देश पर बैंक की एक अंतरविभागीय टीम ने भी मामले की जांच की, जिसमें पता चला कि अकांट्स में हुई गड़बड़ियों की वजह से बैंक के नेटवर्थ पर 2.35 फीसदी का असर पड़ेगा. वहीं, जब जांच आगे बढ़ी, तो सेबी ने इस मामले में इनसाइडर ट्रेडिंग के संदेह में जांच की और पांच लोगों का नाम सामने आया है.