सोने को पीछे छोड़ 2025 की स्टार बनी चांदी, चार्ट्स पर ‘कप-एंड-हैंडल’ पैटर्न भी कर रहे हैं बड़ा संकेत

2025 में चांदी ने निवेशकों को चौंका दिया है. घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर हैं. सोने से भी बेहतर प्रदर्शन कर रही चांदी, सप्लाई की कमी और बढ़ती डिमांड से निवेशकों के लिए नए मौके पेश कर रही है. क्या आप इस अवसर को हाथ से जाने देंगे?

चांदी की कीमतें आसमान छू रही हैं Image Credit: FreePIK

2025 के शुरुआती नौ महीनों में चांदी ने निवेशकों को एक बड़ा सरप्राइज दिया है. घरेलू बाजार में चांदी के भाव 1,34,089 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गए हैं, जो साल-दर-साल 56 प्रतिशत की बढ़त को दर्शाता है. यह पिछले दस वर्षों में सबसे तेज रिटर्न है. सिर्फ घरेलू ही नहीं, अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी चांदी लगभग 44 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच गई है.

चांदी ने गोल्ड को भी पछाड़ा

इस साल चांदी ने सोने से बेहतर प्रदर्शन किया है. गोल्ड की कीमतें इस साल 49 प्रतिशत बढ़कर 1,13,129 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई हैं. इससे पहले चांदी ने इतनी तेजी 2020 में दिखाई थी, जब कीमतें सालाना आधार पर 44 प्रतिशत बढ़कर 67,383 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई थीं. वहीं उस समय सोने की कीमतें 27.9 प्रतिशत बढ़ीं थीं.

विश्लेषकों का कहना है कि 2010-2020 के बीच चांदी की कीमतें कमजोर थीं, क्योंकि मांग कम और उत्पादन ज्यादा था. लेकिन 2021 के बाद स्थिति बदल गई. इंडस्ट्रियल मांग तेजी से बढ़ी. विशेषकर 2024 में इंडस्ट्रियल मांग 680.5 मिलियन औंस तक पहुंच गई, जबकि कुल मांग 1,164.1 मिलियन औंस रही. कुल आपूर्ति सिर्फ 1,015.1 मिलियन औंस थी, जिससे बाजार में 148.9 मिलियन औंस की कमी हुई.

वर्षचांदी (रु./किलो)% परिवर्तन चांदी
20163993019.0
201738425-3.8
201838245-0.5
20194666522.0
20206738344.4
202161979-8.0
2022680929.9
2023733957.8
20248601717.2
24-09-2513408955.9
डेटा 24 सितंबर, 2025 तक का है
स्रोत: IBJA, झावेरी बाजार

विश्लेषकों के अनुसार, इस मांग के पीछे तीन प्रमुख सेक्टर हैं: रिन्यूएबल एनर्जी, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और इलेक्ट्रिक व्हीकल्स. चीन ने हाई सिल्वर प्रोडक्ट वाले N-टाइप सोलर सेल्स अपनाकर वैश्विक मांग को बढ़ावा दिया.

सप्लाई की कमी और निवेश का मौका

सप्लाई की कमी का असर यह हुआ कि मौजूदा स्टॉक तेजी से घटे. दिसंबर 2020 में उपलब्ध स्टॉक 22 महीने का था, जो दिसंबर 2023 तक घटकर 13 महीने रह गया. मौजूदा गोल्ड-टू-सिल्वर रेशियो 84 है, जो संकेत देता है कि चांदी अभी सोने की तुलना में सस्ती है और निवेश के लिए आकर्षक हो सकती है.

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भविष्य की उम्मीदें

बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, Nomura की भविष्यवाणी है कि 2025 में भी चांदी का बाजार पांचवीं लगातार वर्ष की कमी का सामना करेगा. अनुमानित मांग 1,148.3 मिलियन औंस और आपूर्ति 1,030.6 मिलियन औंस रहेगी, जिससे 117.6 मिलियन औंस की कमी बनेगी. तकनीकी विश्लेषण से पता चलता है कि कीमतों में कुछ समय के लिए गिरावट आ सकती है, जिसे निवेशक सही समय पर खरीदारी के लिए अवसर मान सकते हैं. चांदी का यह 45 साल का ‘कप और हैंडल’ पैटर्न और मजबूत फंडामेंटल्स निवेशकों के लिए एक संभावित सुनहरा मौका दे रहे हैं.