बिहार में जन्मे, बचपन में कबाड़ बेचा और फिर खड़ी की करोड़ों की कंपनी

अनिल अग्रवाल की सफलता की कहानी संघर्ष, दृढ़ संकल्प और अटूट हिम्मत का प्रतीक है. पटना से शुरू हुआ सफर, मुंबई की चुनौतियां, नौ बार असफलता और फिर स्टरलाइट इंडस्ट्रीज और वेदांता के रूप में उन्हें सफलता मिली. यह सब उनके कभी हार न मानने वाले जज्बे की मिसाल है, जो हर कारोबारी को प्रेरित करती है.

बिहार में जन्मे, बचपन में कबाड़ बेचा और फिर खड़ी की करोड़ों की कंपनी
एक सफल बिजनेसमैन की कहानी हमेशा लोगों को प्रेरणा देती है. जब सफलता का रास्ता मुश्किल हो तो वह और भी प्रेरणादायक बन जाता है. ऐसा ही एक नाम है भारतीय उद्योग जगत में जिनकी सफलता की कहानी बेहद संघर्षपूर्ण रही है. यह हैं वेदांता रिसोर्सेज लिमिटेड के चेयरमैन अनिल अग्रवाल, जिनकी सफलता का सफर आसान नहीं था. वे 9 बार बिजनेस में असफल हुए. लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और आज वे करोड़ों रुपये की कंपनी के मालिक हैं.
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बिहार में जन्मे, बचपन में कबाड़ बेचा और फिर खड़ी की करोड़ों की कंपनी
अनिल अग्रवाल का जन्म पटना के एक मारवाड़ी परिवार में हुआ था और बचपन से ही उनका सपना था कि वह अपने बिजनेस को बड़ा बनाएं. 19 साल की उम्र में उन्होंने अपने पिता का बिजनेस छोड़कर मुंबई का रुख किया. एक टिफिन बॉक्स और बहुत कम पैसे लेकर घर से निकले और वेदांता रिसोर्सेज लिमिटेड की स्थापना की. मुंबई में उनका सामना कई नई चीजों से हुआ जैसे डबल डेकर बस और पीली टैक्सी. उन्होंने यहां संघर्ष किया और 1970 में कबाड़ के व्यवसाय से अपने कारोबारी जीवन की शुरुआत की. इस व्यापार से उन्हें अच्छी कमाई हुई.
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इसके बाद अनिल अग्रवाल ने कई व्यवसायों में हाथ डाला लेकिन वह सब फेल हो गए. उन्होंने 9 अलग-अलग बिजनेस शुरू किए लेकिन हर बार उन्हें असफलता का सामना करना पड़ा. इस दौरान उन्होंने कई सालों तक मानसिक तनाव और अवसाद को भी झेला लेकिन हार नहीं मानी. उनका मानना था कि संघर्ष ही सफलता की कुंजी है.
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अग्रवाल की कड़ी मेहनत का फल 1986 में तब मिला जब भारत सरकार ने प्राइवेट सेक्टर को टेलीफोन केबल बनाने की मंजूरी दी. 1980 में अग्रवाल ने स्टरलाइट इंडस्ट्रीज को खरीदा और 1990 में कॉपर रिफाइनिंग का व्यवसाय शुरू किया. स्टरलाइट इंडस्ट्रीज भारत की पहली प्राइवेट कंपनी बनी जो कॉपर रिफाइनिंग का काम करती थी. इसके बाद अग्रवाल ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और उनकी सफलता की कहानी लगातार आगे बढ़ी.
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आज वेदांता रिसोर्सेज लिमिटेड एक वैश्विक प्राकृतिक संसाधन कंपनी बन चुकी है जो मिनरल्स, ऑयल और गैस निकालती है और उसका प्रोसेस करती है. कंपनी के पास लगभग 64000 कर्मचारी और कॉन्ट्रैक्टर हैं और इसका प्रोडक्ट दुनिया भर में बेचा जाता है. वेदांता की सफलता अनिल अग्रवाल के संघर्ष और दृढ़ संकल्प का परिणाम है जो हर व्यवसायी के लिए एक प्रेरणा है.
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