Trade deal: 25 अगस्त को भारत आएगी अमेरिकी टीम, छठे दौर की होगी चर्चा; 1 अगस्त को मिनी डील संभव
अमेरिका की एक टीम 25 अगस्त को भारत आएगी. यह टीम भारत के साथ एक नई ट्रेड डील पर बातचीत करने के लिए आ रही है. पिछले हफ्ते वॉशिंगटन में भारत और अमेरिका के बीच पांचवें दौर की बातचीत हुई थी. भारत के मुख्य वार्ताकार राजेश अग्रवाल और अमेरिका के ब्रेंडन लिंच ने इस चर्चा में हिस्सा लिया.
Trade deal: अमेरिका की एक टीम 25 अगस्त को भारत आएगी. यह टीम भारत के साथ एक नई ट्रेड डील पर बातचीत करने के लिए आ रही है. यह छठा दौर की बातचीत होगी. दोनों देशों के बीच एक अंतरिम व्यापार संधि को 1 अगस्त से पहले अंतिम रूप देने की कोशिश हो रही है. अगर यह डील नहीं हुई, तो भारत के निर्यातकों को अमेरिका में 16 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ देना पड़ सकता है. अभी भारत से अमेरिका को निर्यात होने वाले सामान पर 10 फीसदी टैरिफ लगता है, और अगर डील नहीं हुई तो यह बढ़कर 26 फीसदी हो सकता है.
पिछले हफ्ते वॉशिंगटन में भारत और अमेरिका के बीच पांचवें दौर की बातचीत हुई थी. भारत के मुख्य वार्ताकार राजेश अग्रवाल और अमेरिका के ब्रेंडन लिंच ने इस चर्चा में हिस्सा लिया. दोनों देश 1 अगस्त से पहले एक छोटी व्यापार संधि पर सहमत होने की कोशिश कर रहे हैं. अमेरिका के व्यापार प्रतिनिधि जेमिसन ग्रीर ने कहा है कि भारत के साथ और बातचीत की जरूरत है, लेकिन आखिरी समय में कोई समझौता हो सकता है.
ज्यादा टैरिफ लग सकता है
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 2 अप्रैल को कई देशों पर हाई टैरिफ लगाने की घोषणा की थी. यह टैरिफ 90 दिनों के लिए टाला गया था. यह पहले 9 जुलाई तक था और अब 1 अगस्त तक बढ़ा दिया गया है. अगर इस तारीख तक कोई डील नहीं हुई तो भारत के सामान पर ज्यादा टैरिफ लग सकता है. भारत चाहता है कि अमेरिका 26 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ हटाए और स्टील, एल्यूमिनियम (50 फीसदी टैरिफ) और ऑटो सेक्टर (25 फीसदी टैरिफ) पर भी टैरिफ कम करे.
भारत क्या चाहता है?
भारत ने अपनी स्थिति को और सख्त किया है. वह कृषि और डेयरी प्रोडक्ट पर टैरिफ में छूट देने से बच रहा है, क्योंकि भारत ने पहले किसी भी व्यापार संधि में डेयरी क्षेत्र में छूट नहीं दी है. कुछ किसान संगठनों ने भी सरकार से कहा है कि इस डील में कृषि से जुड़े मुद्दों को शामिल न करें. भारत चाहता है कि अमेरिका में कपड़ा, आभूषण, चमड़ा, कपड़े, प्लास्टिक, रसायन, झींगा, तिलहन, अंगूर और केले जैसे प्रोडक्ट पर टैरिफ में छूट मिले. दूसरी तरफ अमेरिका चाहता है कि भारत कुछ औद्योगिक सामान, गाड़ियों (खासकर इलेक्ट्रिक वाहनों), शराब, पेट्रोकेमिकल उत्पाद, कृषि उत्पाद, डेयरी, सेब, मेवे और जेनेटिकली मॉडिफाइड फसलों पर टैरिफ कम करे.
जवाबी टैरिफ लगा सकता है भारत
दोनों देश इस साल सितंबर-अक्टूबर तक पूरी व्यापार संधि को अंतिम रूप देना चाहते हैं. उससे पहले वे एक छोटी डील पर काम टैरिफ रहे हैं. इस साल अप्रैल-जून तिमाही में भारत का अमेरिका को निर्यात 22.8 फीसदी बढ़कर 25.51 बिलियन डॉलर हो गया, जबकि आयात 11.68 फीसदी बढ़कर 12.86 बिलियन डॉलर रहा. अगर डील नहीं हुई, तो भारत विश्व व्यापार संगठन (WTO) के नियमों के तहत जवाबी टैरिफ लगा सकता है. दोनों देश इस डील को जल्द से जल्द पूरा करने की कोशिश में हैं ताकि व्यापार को बढ़ावा मिले और करों का बोझ कम हो.
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