US Fed Meeting: क्या फिर ब्याज दरें घटाएगा अमेरिकी फेड, महंगाई-GDP और ट्रंप समेत 5 फैक्टर्स में छिपा एक्शन

US Fed Meeting: अमेरिकी फेड एक बार फिर अपनी मॉनिटरी पॉलिसी पर फैसला लेने के लिए बैठ कर रहा है. इससे पहले हुई बैठक में ब्याज दरों को घटाया गया था लेकिन क्या आगे और कटौती होगी?

US Fed Meeting: क्या फिर ब्याज दरें घटाएगा अमेरिका, महंगाई-GDP और ट्रंप समेत 5 फैक्टर्स में छिपा एक्शन Image Credit: Tv9

अमेरिकी फेडरल रिजर्व (US Federal Reserve) ने अपनी नई मॉनिटरी पॉलिसी के लिए 6 नवंबर (अमेरिका में आज) को दो दिन की बैठक शुरू की है, जिसका फैसला 7 नवंबर को आएगा. यह बैठक अमेरिका के नए राष्ट्रपति चुने जाने के ठीक एक दिन बाद शुरू हुई है.

सिंतबर 2024 में चार सालों में पहली बार ब्याज दर घटाने के बाद संभावना है कि इस बार फिर से दरों में कटौती होगी जिससे कर्ज सस्ता होगा, घर और बिजनेस के लिए लोन लेना आसान होगा. लोग खर्च और निवेश के लिए भी आगे आएंगे. फिलहाल ब्याज दर 4.75% से 5% है.

आप इन 5 फैक्टर्स पर रखें नजर

1.अमेरिकी महंगाई

सितंबर में अमेरिका में महंगाई दर (CPI) 0.2% बढ़ी. सालाना आधार पर यह 2.4% है, जो फरवरी 2021 के बाद सबसे कम है. अगर खाद्य (फूड) और एनर्जी को हटा दें तो कोर महंगाई 3.3% रही. कोर महंगाई को फेडरल रिजर्व ज्यादा सटीक मानता है क्योंकि यह इस बात का बेहतर संकेत दे सकता है कि आने वाले समय में महंगाई का रुझान कैसा होगा.

2. अमेरिकी GDP

तीसरी तिमाही में अमेरिकी अर्थव्यवस्था की ग्रोथ रेट 2.8% रही. लोगों ने खर्च में तेजी लाई और महंगाई में कमी ने अमेरिकी अर्थव्यवस्था को मंदी की आशंकाओं से बचा कर रखा.

3. अमेरिकी बेरोजगारी दर

अक्टूबर 2024 में बेरोजगारी दर 4.1% पर रही. जॉब ग्रोथ धीमी पड़ी और कुछ लोग प्राकृतिक आपदाओं के चलते काम नहीं कर पाए. पिछले कुछ महीनों में बेरोजगारी दर में बढ़ोतरी को देखते हुए सितंबर में फेड ने ब्याज दर में 0.5 फिसदी की कटौती की थी.

4. अमेरिकी व्यापार घाटा

सितंबर में ट्रेड डेफिसिट यानी अमेरिकी व्यापार घाटा 2.5 साल के उच्चतम स्तर $84.4 अरब पर पहुंच गया. इंपोर्ट में तेजी के कारण व्यापार घाटा बढ़ा है. आशंका यह भी जताई जा रही है कि डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति बनते ही चीनी इंपोर्ट पर 60% ड्यूटी और बाकी इंपोर्ट पर 10% ड्यूटी लगाएंगे. इससे बिजनेस डायनामिक्स बदल सकते हैं.

5. कच्चे तेल की कीमतें

अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें एक हफ्ते के उच्चतम स्तर पर हैं. अमेरिकी डॉलर के कमजोर होने से तेल की कीमतें कम हुई हैं, जिससे अंतरराष्ट्रीय मांग में तेजी आ सकती है.

ये पांचों फैक्टर्स अमेरिकी फेड के फैसलों पर असर डाल सकते हैं.

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