UTI Silver ETF Fund में निवेश पर लगा अस्थायी रोक, बाजार की चुनौतियों और चांदी की बढ़ती कीमतों का असर

UTI एसेट मैनेजमेंट कंपनी ने 13 अक्टूबर 2025 से अपने Silver ETF Fund of Fund में नए लंप-सम और स्विच-इन निवेशों पर अस्थायी रोक लगा दी है. कंपनी ने यह कदम घरेलू बाजार में फिजिकल सिल्वर की कमी और ग्लोबल मार्केट के मुकाबले ऊंचे प्रीमियम को देखते हुए उठाया है.

सिल्वर ईटीएफ पर रोक Image Credit: @Canva/Money9live

UTI Suspends Silver ETF Fund: UTI एसेट मैनेजमेंट कंपनी ने शनिवार, 11 अक्टूबर को घोषणा की कि UTI Silver ETF Fund of Fund में नए लंप-सम और स्विच-इन निवेशों को अस्थायी रूप से 13 अक्टूबर 2025 से रोक दिया गया है. कंपनी ने कहा कि यह फैसला बाजार के मौजूदा परिस्थितियों और घरेलू बाजार में फिजिकल सिल्वर की कमी के कारण लिया गया है.

क्यों लगा रोक?

कंपनी के अनुसार, चूंकि घरेलू सिल्वर के दाम ग्लोबल कीमतों की तुलना में अधिक प्रीमियम पर कारोबार कर रहे हैं, इसका असर सीधे-सीधे फंड के वैल्यूएशन पर पड़ता है. इसका मतलब यह है कि निवेशकों के लिए नए निवेश करना इस समय रिस्की साबित हो सकता है, क्योंकि स्कीम का NAV (Net Asset Value) और रिटर्न प्रभावित हो सकते हैं. इस हफ्ते यह दूसरा अवसर है जब सिल्वर बेस्ड फंड में नए निवेशों पर रोक लगी है.

कोटक महिंद्रा एसेट मैनेजमेंट कंपनी ने गुरुवार, 9 अक्टूबर को अपने सिल्वर ETF Fund of Fund में भी अस्थायी रूप से नए निवेशों पर रोक लगा दी थी. कोटक ने कहा कि यह रोक अगले कुछ हफ्तों में हटा दी जाएगी, जब दिवाली के त्योहार के बाद बाजार में सिल्वर की आपूर्ति बढ़ जाएगी.

सिल्वर की ग्लोबल और डोमेस्टिक स्थिति

ग्लोबल मार्केट में स्पॉट सिल्वर ने हाल ही में रिकॉर्ड $51.22 प्रति औंस का स्तर छू लिया, जो पहले कभी नहीं हुआ. यह पहली बार है जब सिल्वर की कीमत $51 प्रति औंस से ऊपर गई. वहीं भारत में, जो दुनिया का सबसे बड़ा सिल्वर उपभोक्ता है, घरेलू सिल्वर का प्रीमियम 10 फीसदी तक बढ़ गया. इसका मुख्य कारण त्योहारों से पहले सिल्वर की मजबूत निवेश मांग और सीमित आपूर्ति है. बुलियन डीलर्स के अनुसार, निवेशकों का उत्साह और भौतिक सिल्वर की कमी इस प्रीमियम को और बढ़ा रही है.

निवेशकों के लिए जरूरी बातें

UTI और कोटक जैसी प्रमुख एसेट मैनेजमेंट कंपनियों द्वारा नए निवेश पर रोक लगाने का अर्थ है कि सिल्वर फंडों में अस्थिरता बढ़ रही है. मौजूदा निवेशक अपने निवेश पर नजर बनाए रखें, क्योंकि फंड का NAV प्रीमियम और कीमतों के बदलाव से प्रभावित हो सकता है. इससे इतर, नए निवेशक तब तक निवेश रोकें जब तक फंड कंपनियां अपने अपडेट जारी न करें और घरेलू सिल्वर की आपूर्ति सामान्य न हो जाए.

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