Gensol Engineering के कौन हैं मालिक, जिस पर छाया गहरा संकट, अब क्या करेंगे दो भाई?
gensole engineering कंपनी इन-दिनों मुसीबत में घिरी हुई है. कंपनी के कर्ज चुकाने में देरी के चलते रेटिंग एजेंसी ने उसे डिफॉल्ट कैटेगरी में डाल दिया है, इससे कंपनी की आर्थिक समस्या और बढ़ गई है. इसके अलावा सीएफओ के इस्तीफे ने भी इसमें उथल-पुथल मचा दी है. इससे इसके शेयर भी बुरी तरह से टूट गए हैं, तो कौन है इस कंपनी का मालिक और इससे निपटने के लिए वो क्या करेंगे, जानें पूरी डिटेल.
Who is the owner of Gensol Engineering: EPC कंपनी जेनसोल इंजीनियरिंग में इन-दिनों भारी उथल-पुथल मची हुई है. CARE रेटिंग्स की ओर से कंपनी को टर्म लोन की अदायगी में देरी के लिए डिफॉल्ट कैटेगरी में डाले जाने और धोखाधड़ी का आरोप लगाने के बाद से कंपनी के शेयर बुरी तरह से पिट गए हैं. पिछले एक हफ्ते में कंपनी के शेयर 40 फीसदी से ज्यादा नीचे आ चुके हैं. कंपनी की मुसीबत तब और बढ़ गई जब कंपनी के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर (CFO) अंकित जैन ने तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे दिया. हालांकि जेनसोल ने जबीर मेहंदी आगा को सीएफओ के तौर पर दोबारा नियुक्त किया गया है, वह पहले भी कंपनी का हिस्सा रह चुके हैं. मगर क्या आपको पता है जिस कंपनी में इतनी हलचल मची हुई है, उसका मालिक कौन है. आज हम आपको इसी के बारे में बताएंगे.
किसने रखी जेनसोल इंजीनियरिंग की नींव?
देश के रिन्युएबल सेक्टर में अपनी एक पहचान बनाने वाली कंपनी जेनसोल इंजीनियरिंग की नींव दो भाईयों अनमोल सिंह जग्गी और पुनीत सिंह जग्गी ने मिलकर रखी थी. अनमोल जहां कंपनी के चेयरमैन, मैनेजिंग डायरेक्टर और को-फाउंडर की भूमिका में हैं. वहीं पुनीत कंपनी में फुल टाइम डायरेक्टर की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. अनमोल जग्गी 15 साल से ज्यादा समय से क्लीन एनर्जी के क्षेत्र में काम कर रहे हैं. वह अपने अनुभव के जरिए जेनसोल को भी नई बुलंदियों के शिखर पर ले जाने की कोशिश में लगे हुए हैं. वह इलेक्ट्रिक वाहन (EV) राइड-हेलिंग और चार्जिंग इंफ्रा कंपनी ब्लूस्मार्ट के भी सह-संस्थापक रहे हैं. वहीं पुनीत भी कंपनी को आगे बढ़ाने के लिए अपने भाई के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं.
क्यों संकट में घिरी Gensol Engineering?
Gensol Engineering कंपनी की बिगड़ती आर्थिक स्थिति और कर्ज चुकाने जैसी दिक्कतों से जूझ रही है. हाल ही में क्रेडिट रेटिंग एजेंसियां CARE और ICRA ने Gensol की रेटिंग घटा दी है. एजेसियों के मुताबिक कंपनी लोन चुकाने में देरी कर रही है, उसके पास पैसों की कमी है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, Gensol के ऊपर बकाया भुगतान का दबाव बढ़ रहा है, जिससे हालात बिगड़ रहे हैं. कर्ज बढ़ने की वजह से कंपनी का कैश रिजर्व भी लगभग खत्म होने की कगार पर है, जिससे बिजनेस को चलाने में दिक्कत आ रही है. हालांकि Gensol ने इस पर सफाई देते हुए इसे महज एक “अस्थायी नकदी संकट” बताया था. कंपनी ने कर्ज कम करने के लिए अपनी कुछ संपत्तियां बेचने की भी योजना बनाई है. कंपनी पर इस समय 1,146 करोड़ रुपये का कुल कर्ज है, जबकि इसके पास 589 करोड़ रुपये की रिजर्व राशि है. कर्ज घटाने के लिए कंपनी ने 2,997 इलेक्ट्रिक गाड़ियां बेचने का फैसला किया है.
क्या काम करती है कंपनी?
जेनसोल न सिर्फ सोलर प्लांट बनाती है, बल्कि टर्नकी EPC प्रोजेक्ट्स और OEM सेवाएं भी देती है. कंपनी अब ग्रीन हाइड्रोजन और बैटरी स्टोरेज जैसे फ्यूचरिस्टिक प्रोजेक्ट्स के साथ नई ऊंचाइयों को छूने को तैयार है. यह प्रोजेक्ट डेवलपमेंट और सौर ऊर्जा सलाहकार सेवाएं देती है. कंपनी ने मैट्रिक्स गैस एंड रिन्यूएबल्स के साथ गैस वितरण और न्यू एनर्जी साॅल्यूशन में कदम रखा है.
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कैसा है वित्तीय प्रदर्शन?
Gensol Engineering के वित्तीय प्रदर्शन पर नजर डालें तो Grow के मुताबिक साल 2024 में कंपनी का रेवेन्यू 996 करोड़ रुपये दर्ज किया गया था, जबकि 2023 में ये महज 403 करोड़ और 2022 में ये 162 करोड़ रुपये था. बीते साल यानी 2024 में कंपनी के प्रॉफिट में भी इजाफा देखने को मिला था. तब कंपनी को 53.46 करोड़ का फायदा हुआ था, जबकि 2023 में ये महज 23.33 करोड़ रुपये था. वर्तमान में इसका मार्केट कैप 1,274 करोड़ रुपये है.