कौन है Meesho का मालिक, कितना कमाती है कंपनी, क्यों कहलाती है आम आदमी का Amazon-Flipkart

सोशल कॉमर्स प्लेटफॉर्म मीशो आज स्टार्टअप और IPO बाजार की दुनिया में सबसे बड़ा चर्चित नाम बन चुका है. IIT दिल्ली के दो पूर्व छात्रों द्वारा शुरू किया गया यह प्लेटफॉर्म आम आदमी के लिए सस्ते ऑनलाइन शॉपिंग का बड़ा जरिया बन गया है. घाटे के बावजूद इसका शानदार IPO निवेशकों के भरोसे को दिखाता है.

Meesho IPO Owner Financial Image Credit: @AI/Money9live

Meesho IPO Owner Financial: सोशल कॉमर्स प्लेटफॉर्म मीशो (Meesho) इन दिनों सुर्खियों में है. IIT दिल्ली के दो स्टूडेंट्स विदित आत्रे (Vidit Aatrey) और संजीव बरनवाल (Sanjeev Barnwal) ने 2015 में अपनी नौकरी छोड़कर इस कंपनी की नींव रखी थी. आज मीशो की वैल्यूएशन 50,000 करोड़ रुपये से ज्यादा हो चुकी है और इसका हालिया IPO 79 गुना से अधिक सब्सक्राइब हुआ है. कंपनी भले ही अभी तक मुनाफे में नहीं आई हो और वित्त वर्ष 2025 में उसे 3,800 करोड़ रुपये से ज्यादा का घाटा हुआ हो, लेकिन सस्ते दामों और जीरो कमीशन मॉडल की वजह से इसे आम आदमी का Amazon-Flipkart और गरीबों का सरोजिनी मार्केट कहा जाता है.

IPO का शानदार प्रदर्शन

तीन दिन की बिडिंग के बाद मीशो लिमिटेड का IPO कुल 79.02 गुना सब्सक्राइब हुआ. NSE के आंकड़ों के मुताबिक 27.79 करोड़ शेयरों के खिलाफ 2,196.29 करोड़ शेयरों की बोली लगी. पहले दिन ही यह 2.35 गुना सब्सक्राइब हो गया था और उसके बाद रफ्तार लगातार बढ़ती गई. ₹5,421 करोड़ का यह इश्यू ₹105-111 के प्राइस बैंड के साथ आया. अपर प्राइस बैंड पर कंपनी की वैल्यूएशन ₹50,096 करोड़ (लगभग 5.6 अरब डॉलर) आंकी गई. IPO में ₹4,250 करोड़ का फ्रेश इश्यू और ₹1,171 करोड़ का ऑफर फॉर सेल (OFS) शामिल है, जिसमें 10.55 करोड़ शेयर बेचे गए.

कौन है Meesho का मालिक? (Owner of Meesho)

मीशो की शुरुआत विदित आत्रे और संजीव बरनवाल ने 2015 में की थी. दोनों ने IIT दिल्ली की नौकरी छोड़ दी थी. इनका पहला स्टार्टअप फैशनियर असफल रहा. दुकानों के बाहर ग्राहक जुटाने के लिए दिनभर खड़े रहने के बावजूद वह नहीं चला. लेकिन इसी असफलता से उन्हें मीशो का आइडिया मिला. उन्होंने छोटे व्यापारियों को सोशल मीडिया (खासकर फेसबुक और व्हाट्सऐप) के जरिए सीधे ग्राहकों से जोड़ने का प्लेटफॉर्म बनाया. डिलीवरी और लॉजिस्टिक्स की जिम्मेदारी मीशो की रहती है और कमीशन के रूप में कमाई होती है.

क्यों कहलाता है आम आदमी का Amazon-Flipkart?

मीशो की सबसे बड़ी खासियत उसका जीरो कमीशन मॉडल है. सेलर्स को कोई कमीशन नहीं देना पड़ता, इसलिए वे सबसे सस्ता सामान बेच पाते हैं. आज मीशो के पास 11 लाख से ज्यादा सेलर्स और 700 से अधिक कैटेगरी में प्रोडक्ट्स हैं. यही वजह है कि Amazon और Flipkart की तुलना में यहां सामान काफी सस्ते मिलते हैं. मीम्स की दुनिया में इसे आम आदमी का Amazon-Flipkart कहा जाता है, जबकि दिल्ली में लोग मजाक में इसे गरीबों का सरोजिनी नगर मार्केट कहते हैं.

घाटे में कंपनी, फिर भी निवेशकों का भरोसा

हैरानी की बात है कि मीशो ने अभी तक कभी मुनाफा नहीं कमाया है. वित्त वर्ष 2025 में कंपनी को 3,800 करोड़ रुपये से ज्यादा का घाटा हुआ. फिर भी निवेशकों का भरोसा कम नहीं हुआ. सोशल कॉमर्स सेगमेंट में तेज ग्रोथ, टियर-2 और टियर-3 शहरों में बढ़ता यूजर बेस और सस्ते प्रोडक्ट्स की डिमांड ने निवेशकों को आकर्षित किया है. IPO की भारी सब्सक्रिप्शन इसी विश्वास की मिसाल है.

कितना कमाती है कंपनी?

मार्चसेल्सखर्चशुद्ध लाभ / हानि
20217931,328-499
20223,2326,598-3,248
20235,7357,533-1,675
20247,6158,100-318
20259,3889,943-3,883
आंकड़े करोड़ रुपये में, – का अर्थ है कंपनी घाटे में है.

नोट – डेटा के लिए Screener का यूज किया गया है.

डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.

Latest Stories

धीरे-धीरे सामान्य हो रहा इंडिगो संकट, कंपनी ने यात्रियों को लौटाए 610 करोड़, पैसेंजर्स के घर तक पहुंचाये 3000 बैग

अमेरिकी फेड पर टिकी बाजार की सांस, निवेशकों की नजर इस हफ्ते बड़ी घोषणाओं पर, शेयर बाजार पर भी पड़ेगा असर

इंडिगो संकट: कैसे वापस ले सकते हैं टिकट का पैसा, जानें स्टेप बाई स्टेप तरीका

बाजार में शांत रुख! बड़े शहरों में सोने के भाव लगभग समान, चांदी भी स्थिर; जानें क्या है दोनों मेटल का मौजूदा हाल

इंडिगो जैसा संकट, टेलीकाम, ई-कॉमर्स में हो जाए तो कौन बनेगा बंधक….कभी सोचा है फिर क्या होगा?

इंडिगो संकट के बीच DGCA ने कंपनी के CEO को भेजा शो कॉज नोटिस, पूछा यह सवाल; जानें अब तक का पूरा मामला