Zomato और Swiggy ने खत्म की प्रीमियम ग्राहकों की फ्री डिलीवरी सुविधा, अब सभी को देना होगा ये चार्ज

फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म जोमैटो और स्विगी ने अपने प्रीमियम ग्राहकों को मिलने वाली फ्री डिलीवरी में छूट की सुविधा समाप्त कर दी है. अब मौसम या भीड़भाड़ के समय सभी ग्राहकों को अतिरिक्त चार्ज देना होगा. कंपनियों ने यह कदम बढ़ते घाटे और रेवेन्यू प्रेशर के बीच उठाया है.

जोमैटो और स्विगी Image Credit: @Money9live

Zomato and Swiggy Surge Price: फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म जोमैटो और स्विगी ने अपने प्रीमियम कस्टमर को बड़ा झटका दिया है. दरअसल जोमैटो गोल्ड और स्विगी वन ग्राहकों को मिलने वाली फ्री डिलीवरी की सुविधा में एक चार्ज को जोड़ दिया है. कंपनी ने प्रीमियम कस्टमर को सर्ज प्राइस के नाम पर दिए जाने वाली छूट को खत्म कर दिया है. कंपनी का कहना है कि बारिश के दौरान सर्ज प्राइस में ग्राहकों को छूट मिलती थी लेकिन अब उस डिस्काउंट को सभी के लिए समान कर दिया गया है.

सर्ज प्राइस में नहीं मिलेगी छूट  

हाल ही में जोमैटो गोल्ड और स्विगी वन में शामिल ग्राहकों को मौसम संबंधी किसी तरह के बदलाव के दौरान अतिरिक्त चार्ज (सर्ज प्राइस) का भुगतान करने से छूट दी गई थी. हाल में इन ऐप नोटिफिकेशन से पुष्टि हुई है कि अब यह छूट समाप्त कर दिया गया है. कंपनी ने अपनी पॉलिसी में यह बदलाव हाल में किया है. प्रीमियम और नॉन प्रीमियम, दोनों ग्राहकों को अब सर्ज प्राइस देने ही पड़ेंगे. कंपनी के इस कदम का असर खासतौर से प्रीमियम ग्राहकों पर पड़ेगा. अब उन्हें मुश्किल समय में डिलीवरी करने वालों के नाम पर अतिरिक्त चार्ज देने पड़ेंगे.

वित्तीय स्थिति मुश्किल में

कंपनी की ओर से ये कदम ऐसे समय में लिया गया जब इन दोनों प्लेटफार्म पर रेवेन्यू और मार्जिन, दोनों बढ़ाने का दबाव बढ़ रहा है. जोमैटो, जिसे अब इटरनल के नाम से जाना जाता है, ने हाल ही में टैक्स के बाद मुनाफे में 78 फीसदी की गिरावट दर्ज की जो वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में 39 करोड़ रुपये रह गई. एक साल पहले यह 175 करोड़ रुपये थी. वहीं इसके तीसरे तिमाही का नतीजा 59 करोड़ रुपये रहा था. स्विगी की वित्तीय स्थिति और खराब है. कंपनी ने वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में 1,081 करोड़ रुपये का नेट शुद्ध घाटा दर्ज किया जो पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले लगभग दोगुना है. पिछले साल यह 555 करोड़ रुपये था.

प्लेटफार्म फी में हुई थी बढ़ोतरी

इन तमाम घाटे को कवर करने के रूप में कंपनियां तरह-तरह की शुल्क लगा रही है. कुछ समय पहले, दोनों कंपनियों ने अपने प्लेटफॉर्म शुल्क बढ़ाया था. पिछले कुछ महीनों में प्लेफॉर्म शुल्क में पांच गुना की बढ़ोतरी देखी गई. प्रति ऑर्डर 2 रुपये के मामूली शुल्क से शुरू हुआ चार्ज अब कई मामलों में 10 रुपये तक पहुंच चुका है.