इस सुपरसोनिक मिसाइल से S-400 मारने चला था पाकिस्तान, चीन बोलता है किलर, खुल गई पोल
पाकिस्तान ने भारत के एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम को निशाना बनाने के लिए चीन की सुपरसोनिक मिसाइल CM-400AKG का इस्तेमाल किया, लेकिन यह कोशिश नाकाम रही. भारतीय S-400 सिस्टम ने मिसाइल को हवा में ही मार गिराया. इस घटना ने पाकिस्तानी रणनीति की कमजोरियों और चीनी हथियारों की सीमाओं को उजागर कर दिया.
Pakistan Supersonic missile S-400: कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान में हुए संघर्ष में पाकिस्तान ने दावा किया कि उसने भारत का एयर डिफेंस सिस्टम एस-400 को मार गिराया है. पाकिस्तान ने अपनी जनता को मूर्ख बनाने के लिए एक AI जनरेटेड वीडियो जारी किया है और दावा कर रहा है कि चीनी JF थंडर से दागी गई चीनी सुपरसोनिक मिसाइल ने इंडिया के आदमपुर बेस पर तैनात एस-400 को मार गिराया. हालांकि, उसके इस दावे को पीएम मोदी ने आदमपुर बेस के दौरे के दौरान तैनात एस-400 को दिखाकर खारिज कर दिया. लेकिन अब इससे जुड़ी हुई जानकारी सामने आ रही है कि कैसे पाकिस्तान द्वारा छोड़ी गई चीन की सुपरसोनिक मिसाइल CM-400 पिद्दी साबित हुई.
क्या है CM-400AKG?
CM-400AKG को चीन की एयरोस्पेस साइंस एंड इंडस्ट्री कॉरपोरेशन (CASIC) ने विकसित किया है और इसे एक “कैरियर किलर” के रूप में प्रचारित किया जाता है. यह मिसाइल मैक 5 (ध्वनि की गति से 5 गुना तेज) की स्पीड तक पहुंच सकती है और इसकी रेंज लगभग 240–250 किमी है. इसे मुख्य रूप से JF-17 थंडर फाइटर जेट से लॉन्च किया जाता है.
कैसे फुस्स हुई मिसाइल
इंडियन डिफेंस रिसर्च विंग की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान का प्रयास था कि S-400 को तबाह करके भारत की मल्टी लेयर एयर डिफेंस को भेदा जाए. इसके लिए उसने अपने दोस्त चीन की सुपरसोनिक मिसाइल CM-400AKG दागी, लेकिन भारत के एस-400 की ताकतवर डिफेंस सिस्टम ने इसे पहले ही भांप लिया और नष्ट कर दिया. पाकिस्तानी एक्सपर्ट का मानना था कि यह मिसाइल एस-400 को नष्ट कर सकती है.
कैसे मार गिराई गई मिसाइल
- समय रहते पता चल गया
भारतीय निगरानी सिस्टम जैसे नेट्रा AEW\&C और इजरायली फाल्कन AWACS ने JF-17 की उड़ान को पहले ही ट्रैक कर लिया था. इससे भारतीय रक्षा बल अलर्ट हो गए. - S-400 की ताकत
मिसाइल की रफ्तार भी S-400 की एडवांस 91N6E बिग बर्ड और 92N6E ग्रेव स्टोन रडार से नहीं बच सकी. लॉन्च के बाद भारतीय सिस्टम ने उसकी दिशा ट्रैक कर ली और 48N6 या 40N6 इंटरसेप्टर मिसाइल से उसे हवा में ही नष्ट कर दिया गया. - इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर
भारत की इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर यूनिट्स ने मिसाइल के डेटा लिंक को जाम कर दिया, जिससे वह आखिरी स्टेज में ‘ब्लाइंड’ हो गई और अपने टारगेट से भटक गई.
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चीनी माल पर भरोसा पड़ा भारी
पाकिस्तान का चीनी हथियारों पर अत्यधिक निर्भर रहना भारी पड़ा. इस संघर्ष ने ना सिर्फ पाकिस्तान बल्कि चीन के हथियारों की भी पोल खोलकर रख दी. वहीं दूसरी तरफ, इस संघर्ष ने भारत की मजबूत डिफेंस सिस्टम को दिखाया. भारत ने दिखाया कि कैसे एस-400, आकाश और दूसरे डिफेंस सिस्टम का उपयोग करके अब हाई-स्पीड, नॉन-स्टेल्थी मिसाइल हमलों को भी लेयर्ड डिफेंस के जरिए रोकने में पूरी तरह सक्षम है.