गजबे है… पंजाब के इस मां-बेटे ने बेच दी हवाई पट्टी ! 3 बार पाक के साथ युद्ध में हुआ था इस्तेमाल, ऐसे किया खेल
पंजाब में एक बड़ा जमीन घोटाला सामने आया है. यह ऐसा धोटाला है जो आपके पैरों तले जमीन घिसका देगा. दरअसल, एक मां-बेटे की जोड़ी उषा अंसल और नवीन चंद पर आरोप है कि उन्होंने एक पुराना सैन्य हवाई पट्टी बेच दी. यह हवाई पट्टी फत्तूवाला गांव में पाकिस्तान सीमा के पास है.
: पंजाब में एक बड़ा जमीन घोटाला सामने आया है. यह ऐसा घोटाला है जो आपके पैरों तले जमीन खिसका देगा. दरअसल, एक मां-बेटे की जोड़ी उषा अंसल और नवीन चंद पर आरोप है कि उन्होंने एक पुरानी सैन्य हवाई पट्टी बेच दी. यह हवाई पट्टी फत्तूवाला गांव में पाकिस्तान सीमा के पास है. यह हवाई पट्टी दूसरे विश्व युद्ध के समय की है और 1962, 1965 और 1971 के युद्धों में भारतीय वायु सेना ने इसका इस्तेमाल किया था. इस मामले के बाहर आते ही राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठ रहे है.
क्या है पूरा मामला?
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक यह मामला साल 1997 से शुरू हुआ, जब मां-बेटे ने कथित तौर पर रेवेन्यू अधिकारियों के साथ मिलकर इस जमीन पर फर्जी दस्तावेज बनाए और इसे बेच दिया. पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के आदेश के बाद पंजाब विजिलेंस ब्यूरो इसकी जांच कर रहा है. 20 जून को इस मामले में एक FIR दर्ज की गई, जिसमें धोखाधड़ी, जालसाजी और आपराधिक साजिश जैसे आरोप शामिल हैं.
जांच में खुले कई राज
यह मामला सबसे पहले एक रिटायर्ड राजस्व अधिकारी निशान सिंह ने उठाया था. लेकिन साल 2021 तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. इसके बाद भी देरी होने पर निशान सिंह ने हाई कोर्ट का रुख किया. कोर्ट ने इस मामले को गंभीर बताते हुए कहा कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हो सकता है. जांच में पता चला कि इस जमीन का मालिक 1991 में मर चुका था, लेकिन 1997 में फर्जी दस्तावेजों के जरिए इसे दूसरों के नाम कर दिया गया. सेना ने कभी इस जमीन को किसी को ट्रांसफर नहीं किया था. मई 2025 में कोर्ट के दखल के बाद यह जमीन रक्षा मंत्रालय को वापस मिल गई.
चार हफ्तों में जांच पूरी करने का दिया आदेश
अब DSP करण शर्मा इस जांच का नेतृत्व कर रहे हैं. वे इस घोटाले की पूरी सच्चाई और इसमें शामिल सभी लोगों का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं. हाई कोर्ट के जज हरजीत सिंह बरार ने वीबी के प्रमुख को चार हफ्तों में जांच पूरी करने का आदेश दिया है. यह मामला न केवल जमीन की धोखाधड़ी का है, बल्कि देश की सुरक्षा से जुड़ा होने के कारण बहुत गंभीर है.