शुभांशु शुक्ला को अंतरिक्ष ले जा रहे रॉकेट में लीकेज, चूक के बाद तीसरी बार टल गया Axiom 4 मिशन
SpaceX ने Axiom-4 मिशन की लॉन्चिंग को तकनीकी कारणों से एक बार फिर टाल दिया है. फाल्कन 9 रॉकेट में लिक्विड ऑक्सीजन (LOx) का लीकेज पाया गया है, जिसे ठीक करने के बाद ही नई लॉन्च डेट बताई जाएगी. इस मिशन में भारतीय गगनयात्री शुभांशु शुक्ला सहित चार लोग शामिल हैं.

Axiom 4 Mission: SpaceX ने इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) के लिए होने वाले एक्सिओम-4 (Ax-4) मिशन की लॉन्चिंग को एक बार फिर टाल दिया है. यह मिशन बुधवार, 11 जून को लॉन्च किया जाना था लेकिन तकनीकी कारणों की वजह से इसे फिलहाल स्थगित कर दिया गया है. दरअसल लॉन्च व्हीकल में लीकेज के कारण मिशन में फिर देरी हुई है. यहां जानें क्या है पूरा मामला और क्यों तीसरी बार ये मिशन टल गया है.
तीसरी बार क्यों टला मिशन?
SpaceX कंपनी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर जानकारी दी कि, “Ax-4 मिशन के लिए फाल्कन 9 रॉकेट की लॉन्चिंग को रोका गया है ताकि स्पेसएक्स की टीम उस LOx लीक को ठीक कर सके जो स्टैटिक फायर बूस्टर टेस्ट के बाद की गई जांच में सामने आया था. मरम्मत पूरी होने और रेंज की उपलब्धता के आधार पर नई लॉन्च डेट जल्द बताई जाएगी.”
दरअसल, फाल्कन 9 बूस्टर के स्टैटिक फायर टेस्ट के बाद लिक्विड ऑक्सीजन (LOx) सिस्टम में लीकेज पाया गया है. इसी वजह से लॉन्चिंग को टाला गया है.
ISRO ने क्या कहा
इसरो ने अपने ट्वीट में बताया कि, 11 जून 2025 को लॉन्च होने जा रहे Axiom-04 मिशन को स्थगित कर दिया गया है. इस मिशन के जरिए पहला भारतीय गगनयात्री अंतरिक्ष स्टेशन तक भेजा जाना था.
बयान में कहा गया कि, Falcon 9 लॉन्च व्हीकल के बूस्टर स्टेज की परफॉर्मेंस की जांच के लिए लॉन्च पैड पर 7 सेकंड का हॉट टेस्ट किया गया था. इस परीक्षण के दौरान प्रोपल्शन बे में LOX का रिसाव पाया गया. इसरो की टीम ने Axiom और SpaceX के विशेषज्ञों के साथ इस विषय पर चर्चा की. सभी की राय से यह निर्णय लिया गया कि पहले लीकेज को ठीक किया जाए और फिर जरूरी वैलिडेशन टेस्ट कर लिए जाएं. तभी जाकर लॉन्च के लिए मंजूरी दी जाएगी.
क्या है मिशन Axiom 4 मिशन
ESA यानी यूरोपीयन स्पेस एजेंसी और ISRO के अंतरिक्ष यात्रियों को Axiom Space की तरफ से अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा और SpaceX की मदद से ISS यानी इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में भेजा जाना है. इस मिशन के तहत इसरो के शुभांशु शुक्ला सहित चार एस्ट्रोनॉट ISS पर 14 दिन बताएंगे और 60 एक्सपेरिमेंट करेंगे. मिशन के लिए एस्ट्रोनॉट्स की ट्रेनिंग का काम मोटे तौर पर Axiom ने किया है. वहीं, नासा का काम मिशन कंट्रोल से जुड़ा है, जबकि SpaceX के रॉकेट फाल्कन 9 और स्पेसक्राफ्ट ड्रैगन से इन्हें अंतरिक्ष में पहुंचाया और वापस लाया जाएगा.
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