Buniyaad Bharatvarsh Ki: ‘भारत में बनेगा परमानेंट मैग्नेट, घटेगी आयात पर निर्भरता’; बोले केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी

Buniyaad Bharatvarsh Ki के कॉन्क्लेव में केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री G. Kishan Reddy का बयान खास तौर पर चर्चा में है. उन्होंने इमारतों और सड़कों से आगे बढ़कर उन बेहद जरूरी चीजों की ओर ध्यान दिलाया, जिन पर आधुनिक शहर निर्भर हैं. इनमें खनिज, बैटरियां और मैग्नेट जैसे अहम संसाधन शामिल हैं.

केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री G. Kishan Reddy Image Credit:

तेजी से बदलते शहरी भारत और भविष्य की जरूरतों को लेकर राजधानी दिल्ली में आयोजित TV9 नेटवर्क के विशेष कॉन्क्लेव Buniyaad Bharatvarsh Ki में संसाधनों और शहरों की बुनियाद पर गंभीर चर्चा हुई. इस मंच पर नीति–निर्माताओं, शहरी योजनाकारों और उद्योग जगत के प्रतिनिधियों ने रियल एस्टेट, आवास और शहरी विकास से जुड़े अहम मुद्दों पर अपने विचार रखे. इस कॉन्क्लेव में केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री G. Kishan Reddy का बयान खास तौर पर चर्चा में रहा. उन्होंने इमारतों और सड़कों से आगे बढ़कर उन बेहद जरूरी चीजों की ओर ध्यान दिलाया, जिन पर आधुनिक शहर निर्भर हैं. इनमें खनिज, बैटरियां और मैग्नेट जैसे अहम संसाधन शामिल हैं.

शहरों की बुनियाद में खनिजों की अहम भूमिका

कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए मंत्री जी. किशन रेड्डी ने शहरी विस्तार और क्रिटिकल मिनरल्स की आपूर्ति के बीच सीधा संबंध बताया. उन्होंने कहा, “जैसे हमने कोयला क्षेत्र में 74,000 हेक्टेयर तक ग्रीन कवर बढ़ाया है, उसी तरह लिथियम, कोबाल्ट, निकेल और दूसरे रेयर अर्थ मिनरल्स भी हमारी सरकार का फोकस एरिया हैं.” उन्होंने यह भी कहा कि “ऑपरेशन सिंदूर के बाद क्रिटिकल मिनरल्स सिर्फ आर्थिक मुद्दा नहीं रहे, यह अब पूरी दुनिया के लिए एक जियो–पॉलिटिकल मुद्दा बन चुका है.” उन्होंने कहा कि भारत ने इस चुनौती को स्वीकार कर लिया है.

केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री G. Kishan Reddy ने कहा कि ये क्रिटिकल मिनरल्स कई अहम क्षेत्रों के लिए जरूरी हैं, जिनमें इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की बैटरियां, मोबाइल फोन, सेमीकंडक्टर, रिन्यूएबल एनर्जी, डिफेंस और कृषि शामिल हैं.

आयात पर निर्भरता और 32,000 करोड़ रुपये की योजना

अपने संबोधन में उन्होंने भारत की मौजूदा स्थिति पर भी खुलकर बात की. उन्होंने कहा, “हम 98 प्रतिशत क्रिटिकल मिनरल्स के लिए आयात पर निर्भर हैं.” इस निर्भरता को कम करने के लिए सरकार ने क्रिटिकल मिनरल मिशन शुरू किया है, जिसकी कुल लागत 32,000 करोड़ रुपये है. उन्होंने बताया, प्रधानमंत्री मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 32,000 करोड़ रुपये की लागत से क्रिटिकल मिनरल मिशन का एक्शन प्लान तैयार किया गया है. मंत्री ने आगे कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां विदेशों में जाकर क्रिटिकल मिनरल ब्लॉक्स हासिल करेंगी, ठीक उसी तरह जैसे कोयला ब्लॉक्स हासिल किए जाते हैं.

पहली बार भारत में बनेंगे परमानेंट मैग्नेट

कॉन्क्लेव में एक और बड़ा ऐलान परमानेंट मैग्नेट को लेकर किया गया. मंत्री ने कहा, हाल ही में खान मंत्रालय ने पहली बार परमानेंट मैग्नेट मैन्युफैक्चरिंग सिस्टम की स्थापना की है. उन्होंने बताया कि परमानेंट मैग्नेट का इस्तेमाल मोबाइल फोन से लेकर कृषि तक हर क्षेत्र में होता है. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अब तक भारत इन मैग्नेट्स के लिए आयात पर निर्भर था. लेकिन अब स्थिति बदलने जा रही है. मंत्री के मुताबिक, पहली बार NFTDC Hyderabad ने परमानेंट मैग्नेट बनाने की टेक्नोलॉजी और उपकरण विकसित किए हैं. उन्होंने बताया कि अगस्त 2026 से इसका उत्पादन शुरू कर दिया जाएगा.

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