जनवरी 2025 में ईंधन खपत में 3.2% की बढ़ोतरी, डीजल और LPG की मांग में आया उछाल- रिपोर्ट

तेल मंत्रालय के पेट्रोलियम प्लानिंग एंड एनालिसिस सेल के आंकड़ों के मुताबिक, जनवरी 2025 में भारत की फ्यूल खपत अक्टूबर 2024 के बाद से अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है. हालांकि, पिछले साल के मुकाबले जनवरी 2025 में फ्यूल की खपत में 3.2 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.

पेट्रोल-डीजल की खपत. Image Credit: freepik

भारत में फ्यूल खपत पिछले महीने के मुकाबले कम हुई है. तेल मंत्रालय के पेट्रोलियम प्लानिंग एंड एनालिसिस सेल के आंकड़ों के मुताबिक, जनवरी में भारत की फ्यूल खपत अक्टूबर के बाद से अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है. हालांकि, अगर इससे एक साल पहले इसी महीने के आंकड़ों से तुलना की जाए, तो साल 2024 के मुकाबले जनवरी 2025 में फ्यूल की खपत में 3.2 फीसदी की बढ़त हुई है. फ्यूल की खपत बढ़कर 20.49 मिलियन मीट्रिक टन हो गई है.

पेट्रोलियम प्लानिंग एंड एनालिसिस सेल के आंकड़ों के मुताबिक, मासिक आधार पर जनवरी 2025 में फ्यूल की मांग अक्टूबर के बाद से सबसे कम रही है, जिसमें दिसंबर के 20.73 मिलियन टन से 1 फीसदी से अधिक की गिरावट आई है. भारत दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा तेल उपभोक्ता होने के साथ ही, यह दुनिया में इंपोर्ट के मामले में भी तीसरे नंबर पर आता है.

LPG की खपत में हुई बढ़ोतरी

रसोई गैस यानी लिक्विड पेट्रोलियम गैस (एलपीजी) की बिक्री सालाना आधार पर बढ़ी है. इसकी वार्षिक बिक्री में 5.2 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, जिससे यह बढ़कर 2.84 मिलियन टन हो गई है. जबकि नेफ्था यानी मिट्टी के तेल की बिक्री पिछले साल की तुलना में 12.2 फीसदी घटकर 1.15 मिलियन टन रह गई है. मासिक आधार पर एलपीजी और नेफ्था की बिक्री में क्रमशः 2.16 फीसदी और 7.48 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.

सबसे अधिक खपत वाला ईंधन

रिपोर्ट के मुताबिक, डीजल की मांग नवंबर 2024 में 7.2 मिलियन टन खपत से 1.7 प्रतिशत कम रही है. डीजल भारत का सबसे अधिक खपत वाला ईंधन है, जो सभी पेट्रोलियम उत्पाद खपत का लगभग 40 प्रतिशत हिस्सा रखता है. दिसंबर के दौरान पेट्रोल की खपत दिसंबर 2022 की तुलना में 8.4 प्रतिशत अधिक थी और कोविड-प्रभावित दिसंबर 2020 की तुलना में 27.9 प्रतिशत अधिक थी. डीजल की मांग दिसंबर 2022 की तुलना में 3.2 प्रतिशत कम थी, लेकिन दिसंबर 2020 की तुलना में 48.7 प्रतिशत अधिक थी. वहीं जेट ईंधन (एटीएफ) की बिक्री दिसंबर 2024 के दौरान साल-दर-साल 6.8 प्रतिशत बढ़कर 696,400 टन हो गई. नवंबर में बेचे गए 661,700 टन ईंधन की तुलना में यह महीने-दर-महीने 5.2 प्रतिशत अधिक थी.

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