जर्मनी ने दी भारतीय छात्रों को चेतावनी, एजेंट के ‘कंप्लीट पैकेज’ वाले झांसे से बचें

जर्मनी में पढ़ रहे भारतीय छात्रों को जर्मनी के राजदूत फिलिप एकरमैन (Philipp Ackermann) ने चेतावनी दी है कि एजेंट के माध्यम से वहां की यूनिवर्सिटी में एडमिशन से बचें. उनकी ओर से यह चेतावनी तब दी गई है जब दुनिया भर में अवैध रूप से रह रहे लोगों पर नकेल कसी जा रही है. यहां पढ़ने वाले विदेशी छात्रों में भारतीय छात्रों की हिस्सेदारी सबसे अधिक है. ऐसे में अब जर्मन राजदूत की इस चेतावनी का क्या असर होगा?

Germany warns indian students Image Credit: freepic

हर भारतीय छात्र का सपना होता है कि वह विदेश में पढ़े. यही कारण है कि यूरोप और अमेरिका जैसे देशों की यूनिवर्सिटी में भारतीय छात्रों की तादाद अधिक होती है. इसी तादाद और उनकी सुविधा को ध्यान में रखते हुए जर्मनी ने भारतीय छात्रों को चेतावनी दी है. भारत में जर्मनी के राजदूत फिलिप एकरमैन (Philipp Ackermann) ने भारतीय छात्रों को विदेश में पढ़ाई करने के लिए किसी एजेंट के ‘कंप्लीट पैकेज’ वाले झांसे में ना आने की सलाह दी है. आइए जानते हैं कि जर्मन राजदूत की इस नसीहत के पीछे क्या वजह है और इससे भारतीय छात्रों पर क्या असर पड़ेगा.

‘कंप्लीट पैकेज के झांसे ना आएं छात्र’ – जर्मन राजदूत

मंगलवार को इंडिया में जर्मन एम्बेसडर फिलिप एकरमैन ने भारतीय छात्रों को चेतावनी देते हुए कहा कि, ‘हम हर छात्र को व्यक्तिगत रूप से यूनिवर्सिटी की खोज करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहते हैं. ऐसे एजेंटों से बचें जो आपको कंप्लीट पैकेज देने की बात करें. यह पैकेज कभी-कभी संतोषजनक नहीं होता है. इन पैकेजों में अक्सर एडमिशन, वीजा, आवास और नौकरी की नियुक्ति शामिल होती है. ये हमेशा विश्वसनीय नहीं होते.

क्यों दी गई चेतावनी?

Jotwani Associates की अधिवक्ता ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि यह चेतावनी धोखाधड़ी, जाली दस्तावेजों और एजेंटों के माध्यम से विदेश पढ़ने जाने वाले छात्रों द्वारा सामना की जाने वाली कानूनी समस्याओं के बढ़ते मामलों के बाद आई है. Little & Co के मैनेजिंग पार्टनर अजय खटलावाला ने Business Standard से कहा कि थर्ड पार्टी पर छात्रों की निर्भरता को कम करने के लिए यह चेतावनी दी गई है. ऐसी सेवाएं आसान लगती हैं, लेकिन इनमें अक्सर पारदर्शिता की कमी होती है और इस पर पूर्ण रूप से विश्वास नहीं किया जाना चाहिए.

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जर्मनी में विदेशी छात्रों में भारतीय सबसे आगे!

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, जर्मनी में पढ़ने वाले विदेशी छात्रों में भारतीय छात्रों की संख्या सबसे अधिक है. साल 2023–24 के विंटर सेशन में जर्मनी में 49,483 भारतीय छात्रों ने दाखिला लिया था. इंडिया टुडे की एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार, साल 2018–19 की तुलना में इसमें 15 फीसदी से अधिक की वृद्धि हुई है. जर्मनी के संघीय सांख्यिकी कार्यालय के आंकड़ों से पता चलता है कि 60 फीसदी भारतीय छात्र इंजीनियरिंग प्रोग्राम में दाखिला ले रहे हैं. लॉ, मैनेजमेंट और सोशल साइंस में 21 फीसदी, गणित और प्राकृतिक विज्ञान में 13 फीसदी, और 5 फीसदी छात्र विभिन्न विषयों में एडमिशन लेते हैं.

Academic YearNumber of Indian Students in Germany
2018–1920,810
2019–2025,149
2020–2128,905
2021–2234,134
2022–2342,997
2023–24 (Winter Semester)49,483

ऐसे करेंगे अप्लाई तो नहीं होगी परेशानी

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