IMF का अनुमान, 2029 तक भारत पार करेगा 5 ट्रिलियन डॉलर का टार्गेट, रुपये की गिरावट ने बढ़ाई मुश्किल

भारत के 5 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य एक साल और खिसक गया. IMF की नई रिपोर्ट के अनुसार भारत यह मुकाम अब 2028-29 में हासिल करेगा. पहले यह लक्ष्य 2027-28 था. रुपये में भारी गिरावट और जीडीपी ग्रोथ में सुस्ती की वजह से इसमें 1 साल की देरी होगी.

भारत की जीडीपी Image Credit: GettyImages

India GDP: भारत विश्व की सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में उभरा है. हालांकि, विकास दर में टॉप पर रहने के बावजूद, देश अपने आर्थिक लक्ष्यों को प्राप्त करने में कुछ देरी का सामना कर रहा है. अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के हालिया स्टाफ कंसल्टेशन रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि की गई है. वर्तमान में भारत की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) लगभग 4.16 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर है. पहले अनुमान थे कि वित्तीय वर्ष 2028 तक भारत 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा. हालांकि, रुपये में लगातार हो रही गिरावट ने इस समयसीमा को आगे बढ़ा दिया है. मनीकंट्रोल ने IMF के इस रिपोर्ट के हवाले से लिखा कि अब यह लक्ष्य वित्त वर्ष 2029 तक ही प्राप्त होने की उम्मीद है. आईएमएफ के अनुमान के मुताबिक, वित्त वर्ष 2028 तक भारत की अर्थव्यवस्था 4.96 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है, जो पिछले अनुमान से कुछ कम है.

4 ट्रिलियन डॉलर कब पार होगा

IMF के नए अनुमान के अनुसार भारत 2025-26 में 4 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा, जो बन भी गया है. 2027-28 में यह आंकड़ा 4.96 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचेगा यानी 5 ट्रिलियन से अभी भी थोड़ा कम रहेगा. फरवरी 2025 में IMF ने 2027-28 के लिए 5.15 ट्रिलियन डॉलर का अनुमान लगाया था, जो अब लगभग 200 अरब डॉलर कम हो गया है.

रुपये की कमजोरी ने सबसे बड़ा असर डाला

इस बार डॉलर में जीडीपी कम दिखने की सबसे बड़ी वजह रुपये का डॉलर के मुकाबले कमजोर होना है. IMF ने 2024-25 के लिए एक्सचेंज रेट 84.60 रुपये प्रति डॉलर मानी है, जबकि 2023 की रिपोर्ट में यह 82.50 रुपये थी. 2025-26 में यह 87 रुपये और 2026-27 में 87.70 रुपये तक पहुंचने का अनुमान है. रुपये जितना कमजोर होगा, डॉलर में जीडीपी उतनी ही कम दिखेगी. वित्त वर्ष 2026 में ही रुपया अपने ऑल टाइम लो को छू लिया है, जो 89.49 रुपये प्रति डॉलर है.

जीडीपी भी थोड़ी सुस्त

2025-26 में देश की GDP यह 8.5 फीसदी और 2026-27 में 10.1 फीसदी रहने का अनुमान है. पहले ये आंकड़े 11 फीसदी और उससे ज्यादा थे. GDP को डॉलर में देखें तो यह ग्रोथ और भी कम (5.5 फीसदी और 9.2 फीसदी) दिख रही है क्योंकि रुपया कमजोर हो रहा है.

भारत फिर भी सबसे तेज बढ़ने वाली बड़ी अर्थव्यवस्था

इन सबके बावजूद IMF का कहना है कि भारत दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेज रफ्तार से बढ़ रहा है. मजबूत घरेलू मांग से इसे सपोर्ट मिल रहा है. अगर नए व्यापार समझौते हो गए और सुधारों की रफ्तार बनी रही तो प्रदर्शन और बेहतर हो सकता है. भारतीय अधिकारी कुछ अनुमानों से सहमत नहीं हैं, खासकर अमेरिका के 50 फीसदी टैरिफ हमेशा रहने के अनुमान से. फिलहाल रुपया 26 नवंबर को 89.23 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ. 89.49 रुपया इसका अब तक का सबसे निचला स्तर है.

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