रूस से तेल खरीद को लेकर नाटो प्रमुख की धमकी पर भारत का दो टूक जवाब: ‘दोहरे मापदंडों’ की परवाह नहीं
रूस से कच्चे तेल की खरीद को लेकर नाटो प्रमुख की धमकी पर बाद भारत ने सख्त प्रतिक्रिया दी है. विदेश मंत्रालय ने साफ किया है कि भारत अपनी ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव कदम उठाएगा और दोहरे मापदंड को स्वीकार नहीं करेगा.
भारत ने रूस के साथ अपने व्यापारिक संबंधों को लेकर नाटो प्रमुख Mark Rutte की तरफ दी गई प्रतिबंधों की धमकी को दोहरे मापदंडों वाला व्यवहार करार दिया है. विदेश मंत्रालय (MEA) ने इस मसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि देश की ऊर्जा सुरक्षा सर्वोपरि है और भारत किसी भी तरह के बाहरी दबाव में आकर अपने फैसले नहीं लेगा.
असल में नाटो प्रमुख Mark Rutte ने हाल ही में एक बयान में कहा कि यदि भारत रूस के साथ व्यापार बढ़ाता है, तो पश्चिमी देशों को इस पर विचार करना होगा कि कैसे प्रतिबंधों को प्रभावी बनाया जाए. इस बयान को भारत के प्रति एक कूटनीतिक दबाव के रूप में देखा गया. लेकिन, भारत ने इस मामले में तुरंत पलटवार करते हुए कहा कि वह अपनी विदेश नीति अपने हितों के अनुसार तय करता है और उसे किसी भी देश के कथित नैतिक मानकों की जरूरत नहीं है.
विदेश मंत्रालय ने क्या कहा?
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने गुरुवार को विदेश मंत्रालय की साप्ताहिक प्रेस ब्रीफिंग में कहा, “भारत अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए स्वतंत्र रूप से निर्णय लेता है. ऐसे किसी भी दोहरे मापदंड को हम स्वीकार नहीं करेंगे. हमारे निर्णय वैश्विक बाजार की स्थितियों और राष्ट्रीय हितों के आधार पर लिए जाते हैं.”
नाटो प्रमुख ने क्या कहा था?
नाटो के महासचिव Mark Rutte ने रूस के साथ व्यापार जारी रखने वाले देशों पर 100% सेकेंडरी सैंक्शंस लगाए जाने की धमकी देते हुए, भारत, चीन और ब्राजील का नाम लिया था. उन्होंने कहा था कि यदि रूस के साथ व्यापार को रोका नहीं गया, तो प्रतिबंधों के जरिये दबाव बनाया जाएगा. वैश्विक नेताओं को राष्ट्रपति पुतिन पर दबाव डालने की जरूरत है, ताकि यूक्रेन युद्ध खत्म हो सके. इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि रूस से कच्चा तेल या अन्य व्यापार करने वाले देशों को इसके नतीजे भुगतने पड़ सकते हैं.
पेट्रोलियम मंत्री पुरी क्या बोले?
विदेश मंत्रालय के अलावा इस मामले में केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने भी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि रूस से कच्चे तेल की आपूर्ति पर अमेरिकी प्रतिबंध लगने की आशंकाओं का कोई दबाव नहीं है. भारत अपनी जरूरत का 85 फीसदी तेल आयात करता है. इसके लिए भारत लगातार वैकल्पिक स्रोतों की तलाश में रहा है. ऐसे में किसी एक स्रोत से आपूर्ति में कोई बाधा आती है, तो भारत दूसरे स्रोतों से तेल खरीद सकता है. इसके साथ ही उन्होंने कहा, ‘‘मेरे दिमाग में इसे लेकर किसी तरह का दबाव नहीं है. भारत के तेल आपूर्ति के स्रोतों में अब विविधता आ चुकी है. हम पहले 27 देशों से तेल खरीदते थे, अब यह संख्या बढ़कर लगभग 40 हो गई है.’’