Monsoon session: इनकम टैक्स, शिपिंग सहित 8 आर्थिक बिल पर होगा एक्शन, आपको ऐसे होगा फायदा
संसद के मॉनसून सत्र में सरकार आठ नए और सात पुराने बिलों को पास करने की योजना बना रही है. ये बिल भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में मदद करेंगे. ये बिल टैक्स नियमों को आसान बनाने, बिजनेस को बढ़ावा देने और शिपिंग व खनन क्षेत्रों को मजबूत करने पर केंद्रित हैं.

Monsoon session of parliament: संसद के मॉनसून सत्र का आगाज आज से शुरू हो गया है. यह 21 जुलाई से शुरू होकर 21 अगस्त तक चलेगा. इस दौरान सरकार आठ नए और सात पुराने बिलों को पास करने की योजना बना रही है. इसमें 8 आर्थिक मामलों से जुड़े विधेयक हैं. ये बिल टैक्स नियमों को आसान बनाने, बिजनेस को बढ़ावा देने और शिपिंग व खनन क्षेत्रों को मजबूत करने पर केंद्रित हैं. आइए, इन अहम आर्थिक बिलों के बारे में जानते है.
पेंडिंग बिल
इनकम-टैक्स बिल, 2025 लोकसभा में 13 फरवरी को पेश किया गया. एक कमेटी ने 285 बदलाव सुझाए, रिपोर्ट आज आएगी. 1961 का पुराना टैक्स कानून बदलेगा, अप्रैल 2026 से लागू होगा. भाषा आसान होगी, पुराने नियम हटेंगे, झगड़े कम होंगे. टैक्स चोरी रोकने के सख्त नियम होंगे. कंपनियों के डिविडेंड पर छूट वापस लाएगा. ‘असेसमेंट ईयर’ की जगह ‘टैक्स ईयर’ होगा. |
इंडियन पोर्ट्स बिल, 2025 लोकसभा में 28 मार्च को पेश किया गया. 1908 का पुराना पोर्ट कानून हटेगा. समुद्री विकास परिषद बनेगी, बंदरगाहों का विकास होगा. पोर्ट विकास के लिए एकजुट योजना और आसान विवाद सुलझाना होगा. |
मर्चेंट शिपिंग बिल, 2024 लोकसभा में 10 दिसंबर 2024 को पेश किया गया. 1958 का जहाज कानून बदलेगा. जहाजों के रजिस्ट्रेशन और मालिकाना हक के नियम बदलेंगे. |
कोस्टल शिपिंग बिल, 2024 लोकसभा में 3 अप्रैल को पास, राज्यसभा में लंबित. तटीय पानी में व्यापार करने वाले जहाजों को नियंत्रित करेगा. तटीय व्यापार और समुद्री क्षेत्र के लिए कानूनी ढांचा देगा. |
बिल्स ऑफ लैडिंग बिल, 2024 लोकसभा में 10 मार्च को पास, राज्यसभा में लंबित. 1856 का पुराना बिल हटेगा. माल लोड करने के लिए नया कानूनी ढांचा होगा. |
कैरिज ऑफ गुड्स बाय सी बिल, 2024 लोकसभा में 28 मार्च को पास, राज्यसभा में लंबित. 1925 का समुद्री माल कानून बदलेगा. भारतीय बंदरगाहों से समुद्र के रास्ते माल ले जाने के नियम होंगे. माल ले जाने के लिए कानूनी ढांचा देगा. |
नए बिल जो पेश हो सकते हैं
जन विश्वास (संशोधन) बिल, 2025: यह बिल 100 से ज्यादा पुराने कानूनों को अपडेट करेगा ताकि बिजनेस करना आसान हो. इसका लक्ष्य ग्लोबल मानकों के हिसाब से नियम बनाना है.
माइन्स एंड मिनरल्स बिल, 2025: यह बिल खनन और महत्वपूर्ण खनिजों की खोज को तेज करेगा. निजी कंपनियों के लिए लाइसेंस प्रक्रिया को आसान बनाया जाएगा और राष्ट्रीय खनिज अन्वेषण ट्रस्ट का दायरा बढ़ेगा.
क्या होगा असर?
ये बिल भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में मदद करेंगे. टैक्स नियम आसान होने से लोग और कंपनियां आसानी से टैक्स भर सकेंगे. शिपिंग और बंदरगाहों के नए नियम व्यापार को बढ़ाएंगे, जबकि खनन बिल से महत्वपूर्ण खनिजों की खोज तेज होगी. सरकार का लक्ष्य इन सुधारों से बिजनेस को बढ़ावा देना और रोजगार के नए अवसर पैदा करना है.
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