क्या है VPN जिसका भारत बना किंग, चीन रह गया पीछे, जानें कैसे करता है काम और क्या है रिस्क
वीपीएन (वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क) एक इंटरनेट सुरक्षा सेवा है, जो डेटा को एन्क्रिप्टेड टनल के जरिए सुरक्षित रखती है और ऑनलाइन प्राइवेसी सुनिश्चित करती है. हाल ही में FATF ने खुलासा किया कि आतंकी संगठन इसका दुरुपयोग टेरर फंडिंग के लिए कर रहे हैं. ExpressVPN, NordVPN और Private Internet Access टॉप सर्विस प्रोवाइडर है. वहीं यूजर के आधार पर भारत, चीन और इंडोनेशिया इस क्षेत्र के टॉप 3 देश हैं.

Virtual Private Network Users: हाल ही में दुनिया भर में आतंकवादी फंडिंग पर नजर रखने वाली संस्था FATF (Financial Action Task Force) ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि VPN (Virtual Private Network) का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों में आर्थिक रूप से मदद करने के लिए किया जा रहा है. वीपीएन तकनीक का दो तरह से इस्तेमाल होता है. एक ओर यह यूजर्स की प्राइवेसी की रक्षा करता है, वहीं दूसरी ओर इसे आपराधिक संगठन अपनी अनऑथराइज्ड एक्टिविटी, जैसे काला धन भेजना या बैन हुए कंटेंट को देखने के लिए भी उपयोग कर रहे हैं. यूजर्स की संख्या के आधार पर भारत, चीन और इंडोनेशिया टॉप तीन देशों की सूची में शामिल हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि वीपीएन क्या है, यह काम कैसे करता है, इस क्षेत्र का सबसे बड़ा बाजार कौन सा है और कौन सी कंपनियां यह सेवा मुहैया कराती हैं?
वीपीएन क्या है?
वीपीएन, या वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क, एक ऐसी इंटरनेट सुरक्षा सेवा है, जो आपके डिवाइस और एक रिमोट सर्वर के बीच एक एन्क्रिप्टेड कनेक्शन बनाती है. यह आपकी ऑनलाइन प्राइवेसी और सेफ्टी को बढ़ाता है, खासकर जब आप पब्लिक वाई-फाई नेटवर्क इस्तेमाल करते हैं तो ये आपकी प्राइवेसी का ख्याल रखता है. वीपीएन का उपयोग डाटा स्नूपिंग से बचने, ऑनलाइन कंटेंट के प्रतिबंधों को पार करने, और इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर (ISPs) से अपनी गतिविधियों को छिपाने के लिए किया जाता है.
ये काम कैसे करता है?
वीपीएन आपके इंटरनेट कनेक्शन को सुरक्षित और प्राइवेट बनाता है. इसका इस्तेमाल करने से होता यह है कि आप इंटरनेट पर क्या सर्च कर रहे या देख रहे हैं, इसका किसी को पता नहीं होता है. इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर को भी नहीं. यह एक एन्क्रिप्टेड टनल बनाता है, जो आपके डेटा को आपके डिवाइस से वीपीएन सर्वर तक सुरक्षित रूप से भेजता है. सर्वर आपके इंटरनेट ट्रैफिक को एक अलग स्थान (आपके वास्तविक स्थान से भिन्न) से भेजता है, जिससे आपकी पहचान छिप जाती है.
हो रहा है दुरूपयोग
वीपीएन का दुरुपयोग आपराधिक गतिविधियों के लिए भी हो रहा है, जैसे टेरर फंडिंग, ब्लैक मनी भेजने और किसी प्रकार के प्रतिबंधित कंटेंट देखने, सुनने या पढ़ने के लिए. यह एन्क्रिप्टेड टनल बनाकर यूजर की पहचान और स्थान छिपाता है, जिससे अवैध ट्रांजैक्शन और साइबर अपराधों को ट्रैक करना मुश्किल हो जाता है. FATF की रिपोर्ट के अनुसार, आतंकी संगठन इसका उपयोग धन भेजने और डार्क वेब पर गतिविधियों के लिए करते हैं.
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कौन है VPN का सबसे बड़ा खिलाड़ी?
Top10VPN के डाटा के अनुसार दुनिया भर में भारत वीपीएन का सबसे बड़ा बाजार है. दूसरे नंबर पर चीन और तीसरे पायदान पर इंडोनेशिया है. 2025 में अब तक भारत में इसके 403 मिलियन से अधिक यूजर रहे हैं. चीन में 319 तो इंडोनेशिया में 134 मिलियन यूजर ने वीपीएन का इस्तेमाल किया है.
ये है टॉप 10 बाजर
नाम | संख्या (मिलियन) |
---|---|
भारत | 403.3 |
चीन | 319.3 |
इंडोनेशिया | 134.6 |
अमेरिका | 79.1 |
ब्राजील | 50.4 |
तुर्की | 30.5 |
फिलीपींस | 30.1 |
मैक्सिको | 29.1 |
मिस्र | 28.9 |
रूस | 28.7 |
टॉप 10 कंपनी
Top10VPN के ही अनुसार साल 2025 में टॉप 10 वीपीएन रैंकिंग में ExpressVPN ने टॉप किया. दूसरे पायदान पर NordVPN तो वहीं तीसरे नंबर पर Private Internet Access रहा है.
- एक्सप्रेसवीपीएन
- नॉर्डवीपीएन
- प्राइवेट इंटरनेट एक्सेस
- सर्फशार्क
- आईपीवैनिश
- प्रोटॉन वीपीएन
- साइबरघोस्ट
- प्राइवेटवीपीएन
- हाइड.मी
- विंडस्क्राइब
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