Swiggy vs Zomato: फूड डिलीवरी और क्विक कॉमर्स की रेस में कौन आगे, किस शेयर में ज्यादा दम?

ऑनलाइन फूड डिलीवरी और क्विक कॉमर्स मार्केट में Swiggy और Zomato ने मजबूत पकड़ बनाई हुई है. खासतौर पर फूड डिलीवरी के मामले में स्विगी और जोमैटो की डूओपॉली बन गई है. इसके अलावा दोनों ही कंपनियां क्विक कॉमर्स में एक-दूसरे को कड़ी टक्कर दे रही हैं. जानते हैं ब्रोकरेज हाउस निर्मल बंग ने इन दोनों कंपनियों के स्टॉक्स पर क्या रिपोर्ट दी है?

ब्रोकरेज ने इटरनल और स्विगी को लेकर दिया टारगेट प्राइस Image Credit: @Money9live

Swiggy vs Zomato Which is Better Share: ऑनलाइन फूड डिलीवरी और क्विक कॉमर्स दिग्गज स्विगी और जोमैटा (Zomato) के बीच जोरदार टक्कर चल रही है. निर्मल बंग की एक रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक, भारत का ऑनलाइन फूड डिलीवरी बाजार 2023 में 63,000 करोड़ का था, 2028 तक इसके 1.4 से 1.7 लाख करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद है. इसी तरह, क्विक कॉमर्स का बाजार 22,400 करोड़ रुपये से बढ़कर 2.3 से 4.2 लाख करोड़ तक पहुंच सकता है. इस तरह 60 से 80% की CAGR के साथ यह देश की सबसे तेजी से बढ़ने वाली इंडस्ट्रीज में शामिल है.

कहां से मिल रही ग्रोथ?

मेट्रो और मेगा सिटीज में ऑनलाइन फूड डिलीवरी और क्विक कॉमर्स दिग्गज पहले ही विस्तार कर चुके हैं. अब इन दोनों सेक्टर्स में नेक्स्ट ग्रोथ फेज टियर-2 और टियर-3 शहरों में विस्तार से जुडा है, जहां इन सेवाओं की पहुंच तेजी से बढ़ रही है. रिपोर्ट में बताया गया है कि 2023 में देश के टॉप 60 शहरों से ही 56% से ज्यादा ऑनलाइन फूड डिलीवरी का कारोबार आया है. लेकिन सबसे बड़ी संभावनाएं उन इलाकों में हैं जहां डिलीवरी पेनिट्रेशन अब तक केवल 5-6% है.

किसके कारोबार में ज्यादा दम?

स्विगी और जोमैटो भारत में फूड डिलीवरी के सबसे पुराने और सबसे बड़े खिलाड़ी हैं. जोमैटो जहां फूड डिलीवरी के बाजार में 57 फीसदी की हिस्सेदार है, वहीं स्विगी 43 फीसदी बाजार पर कब्जा जमाए हुए है. दोनों कंपनियां लाखों रेस्तरां के साथ जुड़ी हैं. वहीं, क्विक कॉमर्स क्विक कॉमर्स सेगमेंट जोमैटो जहां ब्लिंकिट के जरिये अपनी स्थिति और मजबूत कर रही है. वहीं, स्विगी Instamart के जरिये तेजी से अपनी पकड़ बना रही है.

डाइन-आउट से बढ़ा रेवेन्यू

स्विगी और जोमैटो दोनों ने अपने ऐप्स को केवल फूड ऑर्डरिंग तक सीमित नहीं रखा है. अब ये प्लेटफॉर्म डाइनआउट, इवेंट बुकिंग, जेनरल डिलीवरी (Genie), और डिजिटल पेमेंट्स जैसे मल्टी-वर्टिकल मॉडल में तब्दील हो गए हैं. इससे यूजर्स को एक ‘सुपर ऐप’ जैसा अनुभव होता है.

डिजिटल इंडिया की ताकत

दोनों कंपनियां डिजिटल इंडिया की सबसे बड़ी लाभार्थी बनी हैं. देश में इंटरनेट यूजर्स बढ़ने के साथ ही दोनों कंपनियों के यूजर्स बढ़ रहे हैं. हालांकि, दोनों ही कंपनियों के सामने ग्रोथ को लेकर भी कुछ चुनौतियां हैं. खासतौर पर डिलीवरी पार्टनर, रेस्तरां पार्टनर और नए प्लेयर्स की वजह से चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है.

किस शेयर में ज्यादा दम, क्या है टारगेट प्राइस?

निर्मल बंग की रिपोर्ट में स्विगी के लिए 500 रुपये टारगेट प्राइस दिया गया है. इसका CMP यानी करंट मार्केट प्राइस 398 रुपये है. इस तरह निर्मल बंग की रिपोर्ट के मुताबिक स्विगी के शेयर में 25 फीसदी से ज्यादा का अपसाइड मूव आ सकता है. इसी तरह, रिपोर्ट में Zomato (Eternal) के लिए टारगेट प्राइस 315 रुपये प्रति शेयर दिया गया है. सोमवार को जोमैटो का शेयर 7.50 फीसदी तेजी के साथ 267.50 रुपये पर बंद हुआ. इस तरह इस शेयर में 13.92 फीसदी का अपसाइड मूव आ सकता है.

विवरणSwiggyZomato
फूड डिलीवरी GOV (₹ करोड़)₹2,87,823₹3,86,460
ऑर्डर्स (मिलियन में)629853
औसत ऑर्डर मूल्य (AOV)₹458₹453
सक्रिय यूजर15 मिलियन21 मिलियन
बाजार हिस्सेदारी प्रतिशत 43%57%
फूड डिलीवरी EBITDA मार्जिन~1.5% (Q4FY25 में पॉजिटिव)3.9%
रेस्टोरेंट पार्टनर (हजार में)238297
सदस्यता प्रोग्रामSwiggy OneEternal Gold

किसके फंडामेंटल में ज्यादा दम?

फंडामेंटल के लिहाज से देखा जाए, तो Zomato ज्यादातर मामलों में स्विगी की तुलना में बेहतर स्थिति में है, खासकर प्रॉफिटेबिलिटी, मार्केट शेयर, और Unit Economics के आधार पर जोमैटो आगे हैं. क्योंकि, स्विगी स्ट्रॉन्ग ग्रोथ के बाद भी प्रॉफिटेबिलिटी जोन तक नहीं पहुंची है. वहीं, जोमैटो पॉजिटिव EBITDA और बेहतर ऑपरेशनल मार्जिन दिखा चुकी है.

विवरणस्विगीजोमैटो
रेवेन्यू (FY25)₹1,52,268 करोड़₹2,02,430 करोड़
EBITDA (FY25)₹-27,858 करोड़ (नुकसान)₹6,370 करोड़ (लाभ)
EBITDA Margin (%)-18%+3%
PAT (FY25)₹-31,025 करोड़₹5,270 करोड़ (लाभ)
RoE (Return on Equity)-30%+5–6% अनुमानित (FY27 तक)
फूड डिलीवरी मार्केट शेयर~43%~57%
क्विक कॉमर्स GOV₹1.46 लाख करोड़₹2.82 लाख करोड़ (Blinkit)
प्रॉफिटेबिलिटीकेवल कुछ सेगमेंट पॉजिटिवअधिकांश कोर सेगमेंट्स पॉजिटिव

Zomato का प्रॉफिट 90 फीसदी घटा

Q1 FY26 में जोमैटो (Eternal) के प्रॉफिट में 90 फीसदी की भारी गिरावट देखने को मिली है. हालांकि, इस दौरान कंपनी के रेवेन्यू में 70 फीसदी का उछाल आया है. पिछले वर्ष की समान तिमाही में जोमैटो का PAT करीब 253 करोड़ रुपये रहा था, जो इस साल घटकर 25 करोड़ रह गया है. इस तरह सालाना आधार पर मुनाफे में 90 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है. हालांकि, पिछले वित्त वर्ष के 4,206 करोड़ के रेवेन्यू की जगह इस बार रेवेन्यू बढ़कर 7,167 करोड़ रुपये हो गया है. इस तरह कंपनी ने रेवेन्यू के मोर्चे पर 70% की ग्रोथ रिपोर्ट की है.

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