रिप्लेसमेंट डिमांड और स्थिर लागत के दम पर सरपट दौड़े Tyres Stocks, आगे भी जारी रह सकती है रैली

MRF, JK Tyre और Apollo जैसे टायर स्टॉक्स में तेजी जारी है. Crisil की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस तेजी के पीछे इस सेक्टर में आई मजबूत रिप्लेसमेंट डिमांड है. इसके साथ ही स्थिर लागत के चलते टायर इंडस्ट्री के रेवेन्यू में 7-8% वृद्धि की उम्मीद है.

इन स्टॉक्स में आई तेजी Image Credit: TV9 Bharatvarsh

भारतीय टायर उद्योग में इन दिनों जबरदस्त हलचल देखी जा रही है. एक तरफ जहां JK Tyre, Apollo Tyres और CEAT जैसे टायर स्टॉक्स में जोरदार रैली देखने को मिली है. वहीं, Crisil Ratings की एक रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है चालू वित्त वर्ष में पूरे टायर सेक्टर में 7-8 फीसदी की रेवेन्यू ग्रोथ देखने को मिल सकती है. इस सेक्टर की ग्रोथ के पीछे रिपोर्ट में मजबूत रिप्लेसमेंट डिमांड और कच्चे माल की स्थिर लागत को मुख्य वजह बताया है. इसके अलावा देश में प्रीमियम टायरों की मांग में बढ़ने का असर भी इस सेक्टर की रेवेन्यू ग्रोथ पर देखने को मिल सकता है.

टायर स्टॉक्स का कैसा रहा प्रदर्शन?

MRF का शेयर जुलाई में 1,53,000 रुपये के ऑल टाइम हाई पर पहुंच गया है. यह इस बात का संकेत है कि निवेशक इस सेक्टर को लेकर पॉजिटिव हैं. इसी तरह CEAT, JK Tyre, Balkrishna Industries और Apollo Tyres के शेयरों में भी रैली देखी गई है, जबकि ओवरऑल मार्केट किसी ट्रिगर के अभाव में साइडवेज मूव कर रहा है. विश्लेषकों का मानना है कि टायर कंपनियों की Q4 FY25 में मजबूत प्रदर्शन और आगे के लिए मुनाफे में स्थिरता की उम्मीद ने निवेशकों का भरोसा बढ़ाया है.

कंपनी1 महीने रिटर्नशेयर प्राइसP/E
MRF+7.1%₹1,49,40034 ×
Balkrishna+12.3%₹2,74532 ×
CEAT+6.1%₹3,82034.7 ×
Apollo Tyres+2.1%₹45525.9 ×
JK Tyre+1.4%₹37020.8 ×

कैसा रहेगा टायर सेक्टर का प्रदर्शन?

टायर सेक्टर के प्रदर्शन को लेकर क्रिसिल की रिपोर्ट में बताया गया हे कि कंपनियों का ऑपरेटिंग मार्जिन 13 से 13.5 फीसदी के बीच स्थिर है. इसके अलावा घरेलू मांग मजबूत बनी हुई है. वहीं, इस सेक्टर की टॉप 6 कंपनियों के पास 85 फीसदी मार्केट कंट्रोल है, इस तरह इन कंपनियों के लिए 7-8 फीसदी की रेवेन्यू ग्रोथ संभव है.

अनुमानित राजस्व वृद्धि7-8%
ऑपरेटिंग मार्जिन13-13.5% (स्थिर)
घरेलू मांग का हिस्सा75%
टॉप 6 कंपनियों का बाजार नियंत्रण85% (₹1 लाख करोड़ सेक्टर)
स्रोत: Crisil Ratings

रैली के पीछे प्रमुख कारण

1. रिप्लेसमेंट डिमांड में मजबूती: रिपोर्ट के मुताबिक कुल टायर बिक्री का करीब 50 फीसदी डिमांड रिप्लेसमेंट से जुड़ी होती है. एक बार वाहन खरीदने वाला कई बार उस वाहन में टायर बदलवाता है. इससे टायर रिप्लेसमेंट की मांग लगातार बनी रहती है.
2. कच्चे माल की कीमतों में स्थिरता: टायर सेक्टर में तेजी की एक बड़ी क्रूड ऑयल, सिंथेटिक रबर और तमाम दूसरे कच्चे माल की लागत में कमी है. इससे कंपनियों पर मार्जिन का दबाव कम हुआ है. इसके अलावा कई कंपनियों ने कीमतों में वृद्धि करके अपना प्रॉफिट मार्जिन भी बढ़ाया है.
3. प्रीमियमाइजेशन और EV-टायर डिवीजन: रिपार्ट के मुताबिक CEAT, JK Tyre और MRF जैसी कंपनियां अब EV और प्रीमियम टायर सेगमेंट पर फोकस कर रही हैं. इससे इनकी प्रति यूनिट मार्जिन भी बढ़ रहा है.

सेक्टर की तीन प्रमुख चुनौतियां?

1. OEM डिमांड में कमजोरी: जहां रिप्लेसमेंट मांग मजबूत है, वहीं वाहन निर्माता कंपनियों (OEMs) की तरफ से टायर की खरीद धीमी है. इससे कुल डिमांड ग्रोथ पर असर पड़ सकता है.
2. चीनी डंपिंग का खतरा: Crisil की रिपोर्ट में भारत के टायर मैन्युफैक्चरर्स को चेतावनी दी गई है कि अमेरिका की तरफ से चीन से आयात पर टैरिफ लगाए जाने के बाद चीन की कंपनियां सस्ते टायर भारत जैसे बाजारों में डंप कर सकती हैं. हालांकि, भारत ने पहले ही 17.57% की एंटी-डंपिंग ड्यूटी लगा रखी है, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है.
3. निर्यात में जोखिम: भारत का टायर एक्सपोर्ट का 17% हिस्सा अमेरिका में जाता है. अगर अमेरिका और भारत के बीच टैरिफ को लेकर कोई डील नहीं होती है, तो व्यापार तनाव बढ़ने की स्थिति में निर्यात प्रभावित हो सकता है.