रॉकेट की रफ्तार से चल रहा बुलेट ट्रेन का काम, 300 किमी वायाडक्ट तैयार, सवारी के लिए बस इतना इंतजार
508 किलोमीटर लंबे मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट में से 300 किलोमीटर से ज्यादा के वायाडक्ट का निर्माण पूरा हो गया है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार को इस उपलब्धि की जानकारी देते हुए एक वीडियो भी साझा किया है.
Mumbai-Ahmedabad Bullet Train Project अब रॉकेट की रफ्तार से आगे बढ़ रहा है. कुल 508 किलोमीटर लंबे इस प्रोजेक्ट में से अब 300 किमी से ज्यादा का वायाडक्ट तैयार हो चुका है. इस प्रोजेक्ट का निर्माण NHSRCL यानी नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन कर रहा है. मंगलवार 20 मई को केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस प्रोजेक्ट की अहम उपलब्धि की जानकारी देते हुए एक वीडियो साझा किया. इसमें बताया गया है कि बुलेट ट्रेन के वायाडक्ट को FSLM यानी फुल स्पैन लॉन्चिंग मेथड से तेजी से बनाया जा रहा है.
कब होगी बुलेट ट्रेन की सवारी
बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट जापान के सहयोग से तैयार किया जा रहा है. मई 2014 में इस प्रोजेक्ट को भारत सरकार की तरफ से मंजूरी दी गई. इसके निर्माण की लागत करीब 1.1 लाख रुपये यानी 13 अरब डॉलर तय की गई, जिसके लिए जापान की तरफ से फंडिंग की जा रही है. 2021 में इसका निर्माण शुरू हुआ है. NHSRCL का कहना है कि 508 किमी लंबा यह प्रोजेक्ट 2028 तक पूरी तरह तैयार हो जाएगा.
FSLM से आई तेजी
नेशनल हाई-स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड के मुताबिक गुजरात में सूरत के निकट 40 मीटर लंबे गर्डर के साथ 300 किलोमीटर लंबे वायाडक्ट का निर्माण पूरा हो गया है. NHSRCL ने बताया कि 300 किलोमीटर के सुपरस्ट्रक्चर में से 257.4 किलोमीटर का निर्माण एफएसएलएम से किया गया है. इसमें 14 नदी पुल, स्पैन बाय स्पैन के जरिये बनाए गए हैं, जिनकी लंबाई करीब 37.8 किलोमीटर है. इसके अलावा 0.9 किलोमीटर के 7 स्टील पुलों में 60 से 130 मीटर तक के 10 स्पैन इस्तेमाल किए गए हैं.
10 गुना तेजी से हो रहा काम
NHSRCL के मुताबिक FSLM की वजह से निर्माण कार्य को काफी तेज कर दिया है. पारंपरिक सेगमेंटल मेथड की तुलना में अब काम 10 गुना तेजी से हो रहा है. इसके साथ ही NHSRCL ने बताया कि बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए 383 किलोमीटर पियर का काम, 401 किलोमीटर नींव का काम और 326 किलोमीटर गर्डर कास्टिंग का काम भी पूरा हो चुका है.