बिहार में नए सिरे से बनेगी वोटर लिस्ट, बर्थ सर्टिफिकेट, माता-पिता से रिलेशन का लगेगा प्रूफ, जानें नए नियम
चुनाव आयोग ने बिहार से शुरू होकर पूरे देश में मतदाता सूची को नए सिरे से तैयार करने की घोषणा की है. इस प्रक्रिया में नए एवं युवा मतदाताओं के नाम जोड़ने, पलायन से प्रभावित लोगों और मृतकों के नाम हटाने का काम किया जाना है. इसके साथ ही बिहार विधान सभा चुनाव में EVM और VVPAT की मॉक पोल नियमों में भी बदलाव किए गए हैं. आयोग का यह निर्णय विपक्षी पार्टियों की ओर से उठाए गए सवाल के बाद लिया गया है.

Bihar Legislative Assembly Election: चुनाव आयोग ने बिहार विधान सभा चुनाव से पहले नए सिरे से मतदाता सूची तैयार करने की घोषणा की है. इसी साल के अंत में बिहार में विधान सभा के चुनाव होने हैं इसलिए आयोग के इस फैसला का असर बिहार विधान सभा चुनाव में सबसे पहले दिखेगा. चुनाव आयोग द्वारा बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को जारी निर्देशों के अनुसार, यह प्रक्रिया बुधवार से शुरू होगी और एक अगस्त तक चलेगी. आइए जानते हैं कि फिर से तैयार होने वाली सूची में नामित होने के लिए किन-किन दस्तावेजों की जरूरत होगी.
इन दस्तावेजों की पड़ेगी जरूरत
गणना फॉर्म में 1 जुलाई 1987 से पहले जन्मे मतदाताओं को जन्म तिथि या जन्म स्थान का दस्तावेज देना होगा. 1 जुलाई 1987 और 2 दिसंबर 2004 के बीच जन्म लेने वालों के लिए माता या पिता की जन्म तिथि या स्थान का प्रमाण आवश्यक होगा और 2 दिसंबर 2004 के बाद जन्म लेने वालों के लिए माता-पिता दोनों की जन्म तिथि या स्थान का प्रमाण पत्र आवश्यक होगा.
2003 में तैयार हुई थी अंतिम सूची
साल 2003 में बिहार में अंतिम बार नए सिरे से मतदाता सूची तैयार हुई थी. कोई भी व्यक्ति जिसका नाम 2003 की मतदाता सूची में दर्ज नहीं है, उसे मतदाता होने की अपनी योग्यता स्थापित करने के लिए अलग-अलग प्रकार के सरकारी दस्तावेजों में से यह साबित करना होगा कि वे बिहार के मतदाता हैं.
क्यों पड़ी इसकी जरूरत?
यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब आयोग को विपक्ष की ओर मतदाता सूची में गड़बड़ी से संबंधित सवालों का सामना करना पड़ रहा है. हाल ही में कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की ओर से भी कुछ राज्यों में मतदाता सूची की ऑथेंसिटी के बारे में सवाल पूछे गए थे. आयोग का मानना है कि तेजी से बढ़ते शहरीकरण, लगातार पलायन, युवा नागरिकों का वोट देने के योग्य होना, मौतों की सूचना न देना और विदेशी अवैध प्रवासियों के नाम शामिल होने जैसे कई कारणों से गहन पुनरीक्षण की आवश्यकता हुई है.
बिहार में कितने मतदाता हैं?
बिहार की आबादी लगभग 14 करोड़ है. 2024 के लोकसभा चुनाव तक बिहार में 7.72 करोड़ पंजीकृत मतदाता थे. आयोग के इस फैसले से इन आंकड़ों में बदलाव होने की उम्मीद है.
EVMs और VVPATs के नियमों में भी बदलाव
चुनाव आयोग ने मंगलवार को EVMs और VVPATs के नियमों में भी कुछ बदलाव करने का निर्देश दिया है. यह निर्देश मॉक पोल से संबंधित नियमों से जुड़ा है. मतदान से पहले मॉक पोल के दौरान डाले गए वोटों को किसी तरह से मिटाया नहीं जाता या पर्चियों को नहीं हटाया जाता. अब तक, ऐसी मशीनों को अलग रखा जाता था और अगर जीतने वाले उम्मीदवार की जीत का अंतर वोटों की संख्या से ज्यादा होता था, तो उनकी गिनती नहीं की जाती थी. अब आयोग ने मुख्य चुनाव अधिकारी को निर्देश दिया है ऐसी मशीनों को अलग रखा जाए और उसकी गिनती भी अलग से हो.
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