आज अंतरिक्ष के लिए रवाना होंगे शुभांशु शुक्ला, राकेश शर्मा के बाद बनेंगे दूसरे भारतीय, जानें 14 दिन क्या करेंगे
40 साल पहले राकेश शर्मा ने जब अंतरिक्ष से कहा था, "सारे जहाँ से अच्छा," तब भारत ने एक सपना देखा था. अब 25 जून को वह सपना फिर आकार ले रहा है. ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला, भारत के पहले अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन तक पहुंचने वाले यात्री बनेंगे. यह सिर्फ एक मिशन नहीं, देश के हर सपने देखने वाले की उड़ान है.

Axiom-4 Mission: 25 जून की दोपहर 12:01 मिनट पर भारत अंतरिक्ष के क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान रचने जा रहा है. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA और भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ISRO के संयुक्त स्पेस प्रोग्राम Axiom-4 का आज प्रक्षेपण होना है. बुधवार को ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) के लिए रवाना होंगे. अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पहुंचने वाले ये पहले भारतीय बनने वाले हैं. साथ ही अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय. 1984 के Soyuz T-11 स्पेस मिशन में अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा अंतरिक्ष में वाले पहले भारतीय बने थे. कभी तकनीकी तो कभी खराब मौसम के कारण Axiom-4 के प्रक्षेपण को कई बार टाला जा चुका है. आइए समझते हैं कि भारत के लिए यह अंतरिक्ष अभियान क्यों है खास.
प्रक्षेपण के लिए अनुकूल है मौसम – SpaceX
भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला और तीन अन्य अंतरिक्ष यात्री बुधवार को अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए रवाना होंगे. SpaceX ने बताया कि लिफ्ट-ऑफ के लिए मौसम 90 फीसदी अनुकूल है. 28 घंटे की यात्रा के बाद, अंतरिक्ष यान गुरुवार को शाम 4 बजकर 30 मिनट पर इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से डॉक होने की उम्मीद है. डॉक होने का मतलब है अंतरिक्ष यान का इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पहुंचने के बाद उससे जुड़ जाना. मिशन क्रू के चारों सदस्य इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर लगभग 14 दिन रहेंगे.
ये होंगे 4 अंतरिक्ष यात्री
नासा के पूर्व अंतरिक्ष यात्री और एक्सिओम स्पेस में ह्यूमन स्पेसक्राफ्ट के निदेशक पैगी व्हिटन वाणिज्यिक मिशन की कमाल संभालेंगे. ISRO के अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला पायलट होंगे. दो मिशन विशेषज्ञ पोलैंड के ESA (यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी) परियोजना के अंतरिक्ष यात्री स्लावोज उज्नान्सकी विस्निएव्स्की और हंगरी के HUNOR (हंगेरियन टू ऑर्बिट) अंतरिक्ष यात्री टिबोर कपू हैं.
भारत के लिए क्यों है खास?
एक्सिओम 4 मिशन पर शुक्ला के अनुभव का इसरो के गगनयान अंतरिक्ष उड़ान मिशन में उपयोग किया जाएगा, जिसे 2027 के लिए प्लान किया गया है. भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ने शुक्ला के लिए सात प्रयोगों का एक सेट तैयार किया है और नासा द्वारा अपने ह्यूमन रिसर्च प्रोग्राम के लिए आयोजित पांच ज्वाइंट स्टडी में भी भाग लेंगे. आईएसएस में शुक्ला भारतीय भोजन पर भी प्रयोग करेंगे. इसमें सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण स्थितियों में मेथी और मूंग अंकुरित करना शामिल है.
मिशन में क्यों हुई देरी?
Axiom-4 मिशन के प्रक्षेपण का प्लान कई बार टल चुका है. पहले खराब मौसम के कारण और फिर स्पेसएक्स के फाल्कन-9 रॉकेट और बाद में इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के रूसी मॉड्यूल पर लीक का पता चलने के कारण मिशन के प्रक्षेपण को कई बार टाला जा चुका है. प्रक्षेपण के पहली तारीख 29 मई तय की गई थी, फिर 8 जून, 10 जून, 11 जून और 22 जून को भी प्रक्षेपण की योजना टालनी पड़ी.
40 साल बाद अंतरिक्ष में भारत की वापसी
भारतीय समयानुसार 12 बजकर 1 मिनट पर एक्सिओम स्पेस और स्पेसएक्स ने अंतरिक्ष स्टेशन के लिए चौथे निजी अंतरिक्ष यात्री एक्सिओम 4 मिशन लॉन्च करने के लिए समय निर्धारित किया है. 1984 के बाद यह पहला अंतरिक्ष मिशन है, जिसमें कोई भारतीय, अंतरिक्ष में जा रहा है. यह मिशन फ्लोरिडा में नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर के लॉन्च कॉम्प्लेक्स 39A से उड़ान भरेगा.
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