ब्रह्मोस से भी खतरनाक भारत की नई स्मार्ट मिसाइल, अग्नि-5 से ज्यादा समझदार; जद में लाहौर- कराची- इस्लामाबाद
भारत एक नई जनरेशन की क्रूज मिसाइल विकसित कर रहा है जो हमला करने से पहले लक्ष्य की पहचान और पुष्टि करेगी. यह मिसाइल भारतीय वायुसेना के लिए तैयार की जा रही है. करीब 250 किलोमीटर रेंज वाली यह मिसाइल लक्ष्य क्षेत्र के ऊपर कुछ समय तक रहकर निगरानी कर सकेगी. अंतिम हमला इंसानी मंजूरी के बाद ही होगा.
Next Generation Missile: दुनिया में युद्ध का तरीका तेजी से बदल रहा है. अब सिर्फ ताकत के साथ-साथ समझदारी भी जरुरी हो गई है. अमेरिका, चीन, रुस और कई अन्य देश इसी दिशा में तेजी से काम कर रहे हैं. अब भारत भी इसी दिशा में आगे बढ़ रहा है. सरकार ने हाल ही में आधुनिक लड़ाकू विमान प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है और इसके साथ मिसाइल तकनीक पर भी खास ध्यान दिया जा रहा है. अब भारत एक ऐसी नई जनरेशन की क्रूज मिसाइल पर काम कर रहा है जो टारगेट पर हमला करने से पहले उसकी पहचान और पुष्टि करेगी. यह मिसाइल खास तौर पर भारतीय वायुसेना के लिए तैयार की जा रही है. इससे एयर स्ट्राइक और ज्यादा सटीक और सुरक्षित बन सकेगी.
क्या है यह नेक्स्ट जेनरेशन क्रूज मिसाइल
इंडियन डिफेंस रिसर्च विंग की रिपोर्ट के मुताबिक, DRDO इस नई क्रूज मिसाइल को विकसित कर रहा है. इसकी अनुमानित रेंज करीब 250 किलोमीटर हो सकती है. यह मिसाइल ट्रेडिशनल क्रूज मिसाइल जैसी ताकत के साथ लोइटरिंग क्षमता भी रखेगी. यानी यह टारगेट इलाके के ऊपर कुछ समय तक मंडरा सकती है. इस दौरान यह रियल टाइम निगरानी करेगी और सही समय पर ही हमला होगा.
हमला करने से पहले होगी पूरी पुष्टि
मौजूदा मिसाइलें लॉन्च होने के बाद तय रास्ते पर जाकर सीधा हमला करती हैं. लेकिन इस नई सिस्टम में ऐसा नहीं होगा. मिसाइल पहले टारगेट को लॉक करेगी फिर उसकी पुष्टि करेगी. इसके बाद ही हमला किया जाएगा. विमान में मौजूद वेपन सिस्टम ऑफिसर अंतिम मंजूरी देगा. इससे गलत हमले और आम लोगों को नुकसान होने का खतरा कम होगा.
ब्रह्मोस से ज्यादा खतरनाक
यह मिसाइल ताकत से ज्यादा समझदारी पर आधारित है. जब तक टारगेट कन्फर्म नहीं होगा तब तक हमला नहीं होगा. अगर पुष्टि नहीं मिली तो स्ट्राइक रोकी जा सकती है. यही इसे ब्रह्मोस जैसी मौजूदा मिसाइलों से अलग बनाता है. इसमें करीब 50 किलो का वारहेड लगाया जा सकता है जो दुश्मन के ठिकानों को तबाह करने के लिए काफी है.
आधुनिक तकनीक से लैस होगी मिसाइल
नेविगेशन के लिए इसमें इनर्शियल सिस्टम और जीपीएस का इस्तेमाल होगा. ऑनबोर्ड कंप्यूटर इसकी सटीकता बनाए रखेंगे. यह मिसाइल टारगेट इलाके की लाइव तस्वीरें और डेटा विमान तक भेज सकेगी. इससे ऑपरेटर को हालात समझने में मदद मिलेगी. हमला पूरी तरह इंसान के कंट्रोल में रहेगा.
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जमीन और समुद्र दोनों पर हमला करने में सक्षम
यह मिसाइल जमीन और समुद्र दोनों के लक्ष्यों पर हमला कर सकेगी. दुश्मन के ठिकाने मोबाइल यूनिट या समुद्री जहाज सभी इसके दायरे में होंगे. इसकी लोइटरिंग क्षमता इसे छिपे या थोड़े समय के लिए दिखने वाले टारगेट के खिलाफ बेहद असरदार बनाती है. इस प्रोजेक्ट के साथ भारत स्मार्ट और कंट्रोल्ड स्ट्राइक हथियारों की नई पीढ़ी में कदम रख रहा है.