अब इस फोर्स के हाथों में दिल्ली से श्रीनगर को जोड़ने वाली रेल लाइन की सुरक्षा, ऑटोमैटिक हथियारों लैस होंगे जवान
Kashmir Rail Link: दिल्ली से श्रीनगर को रेल रूट से जोड़ने के लिए कटरा से श्रीनगर के बीच कई टनल बनाए गए हैं. इसके अलावा चिनाब नदी रेलवे पुल का निर्माण किया गया है. निगरानी बढ़ाने के लिए इन सेक्शन में सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जा रहे हैं.
Kashmir Rail Link: भारतीय रेलवे कश्मीर घाटी को राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली से जोड़ने की तैयारी में जुटा है. इसके लिए खासतौर से वंदे भारत एक्सप्रेस को तैयार किया गया है. दिल्ली से श्रीनगर को रेल रूट से जोड़ने के लिए कटरा से श्रीनगर के बीच कई टनल बनाए गए हैं. इसके अलावा चिनाब नदी रेलवे पुल का निर्माण किया गया है. जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले के बाद खबर आ रही है कि 272 किलोमीटर लंबी उधमपुर-श्रीनगर-बारामुल्ला रेल लाइन के साथ, लगभग 100 किलोमीटर सुरंग क्षेत्र की सुरक्षा के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के जवानों को तैनात किया जाएगा.
CRPF के जवान सोफिस्टिकेटेड ऑटोमैटिक हथियारों और बुलेटप्रूफ जैकेटों से लैस होकर जल्द ही इस रेलवे रूट की सुरक्षा की कमान संभालेंगे.
लगाए जा रहे हैं सीसीटीवी कैमरे
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, तैनाती के अलावा, निगरानी बढ़ाने के लिए इन सेक्शन में सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जा रहे हैं. CRPF की तैनाती के बारे में 9 मार्च को एक हाई लेवल सिक्योरिटी मीटिंग हुई थी. हालांकि, 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद सरक्षा के मामले को और अधिक गंभीरता से लिया गया है.
रिपोर्ट के अनुसार, बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन ने की और इसमें अर्धसैनिक बलों के प्रमुखों, रेलवे सुरक्षा बल, जम्मू-कश्मीर के डीजीपी और रेलवे बोर्ड के चेयरमैन सतीश कुमार सहित वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया.
सबसे कठिन सेक्शन
उधमपुर-श्रीनगर-बारामुल्ला का 111 किलोमीटर लंबा कटरा-बनिहाल सेक्शन, जिसे सबसे कठिन माना जाता है. इस रूट पर भारत की सबसे लंबी ट्रांसपोर्टेशन टनल (12.77 किमी), चेनाब नदी पर दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे आर्च ब्रिज (359 मीटर) और भारतीय रेलवे का पहला केबल-स्टेड ब्रिज है. इस सेक्शन में लगभग 97 किमी रूट टनल से कवर है.
इंडियन एक्सप्रेस ने एक सूत्र के हवाले से लिखा कि अर्धसैनिक बलों के एक डीजी ने सीसीटीवी कैमरे लगाने की सलाह दी, जो टनल के सभी इलाकों को कवर करेंगे. नियमों के अनुसार, सभी रेल लाइनों की सुरक्षा राज्य पुलिस के अधीन है, इसलिए सुरंगों में CRPF कर्मियों को तैनात करने का निर्णय लिया गया है. जबकि अन्य क्षेत्रों की सुरक्षा जीआरपी और आरपीएफ द्वारा की जाएगी.
4,500 कर्मियों को किया जा चुका है तैनात
तैयारी के तौर पर करीब 4,500 कर्मियों को पहले ही तैनात किया जा चुका है और 24×7 मॉनिटरिंग रूम से जुड़े सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. किसी भी सुरक्षा चुनौती से निपटने के लिए इन बलों को अत्याधुनिक ऑटोमैटिक हथियार और सुरक्षात्मक उपकरण प्रदान किए गए हैं. पहलगाम हमले के बाद, वरिष्ठ आरपीएफ अधिकारियों ने मौजूदा सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करने के लिए जम्मू-कश्मीर का दौरा किया है.
उधमपुर-श्रीनगर-बारामुल्ला रेल लाइन के एक महत्वपूर्ण लिंक का उद्घाटन 19 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया जाना था, लेकिन मौसम मुफीद नहीं होने के कारण कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया था.