Ola के खिलाफ शिकायतों की भरमार, रिफंड को लेकर अब सरकार ने दिए ये आदेश!
ओला इलेक्ट्रिक के खिलाफ पहले ही शिकायतों की भरमार थी कि अब ओला कैब सर्विसेस के खिलाफ शिकायतें बढ़ती जा रही है. लेकिन सरकार ने इस पर तुरंत एक्शन ले लिया है.
भारत सरकार ने भाविश अग्रवाल की ओला कैब ऐप सर्विस को आदेश दिया है कि ऐसा सिस्टम बनाए जिससे ग्राहक अपनी पसंद से रिफंड का माध्यम चुन सकें. इसके अलावा कंज्यूमर अफेयर्स मंत्रालय के तहत काम करने वाले सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी (CCPA) ने ओला को यह भी आदेश दिया है कि अपने प्लेटफॉर्म के जरिए हर राइड का बिल, रिसीट या इनवॉइस भेजा करें.
1 जनवरी से लेकर 9 अक्टूबर के बीच नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन (NCH) को ओला के खिलाफ 2,061 शिकायतें मिल चुकी हैं.
क्या हैं शिकायतें?
- बुकिंग के दौरान ओला जो चार्ज बताता है वह राइड खत्म होने के बाद ज्यादा चार्ज करता है.
- ग्राहकों को मिलने वाले रिफंड में बहुत समस्या आती है.
- ओला के ड्राइवर एक्स्ट्रा पैसा मांगते हैं.
- ओला ड्राइवर्स गलत लोकेशन पर आते हैं और गलत लोकेशन पर छोड़ते हैं.
रिफंड को लेकर ओला को मिला आदेश
CCPA ने कहा ग्राहकों अपनी पंसद के रिफंड माध्यम चुनने का विकल्प दें. शिकातयों के अनुसार ओला रिफंड के नाम पर कुपन कोड जारी कर देता है जिससे अगली राइड पर ग्राहक डिस्काउंट में यात्रा कर सकते हैं लेकिन अब सरकार ने आदेश दिया है कि ये ग्राहक तय करेंगे कि उन्हें रिफंड का पैसा अपने बैंक अकाउंट में चाहिए या कुपन कोड के रूप में चाहिए.
CCPA की चीफ कमिश्नर निधी खरे ने कहा कि, “यह ग्राहकों के अधिकार का उल्लंघन हैं ओला केवल कुपन कोड जारी कर इससे नहीं बच सकता.”
ओला अपनी राइड के लिए बिल भी नहीं देता यह भी नियमों के सख्त खिलाफ है. कई बार ओला ने ऐप पर ऐसे मैसेज भेजें जो बताते हैं कि ओला के नियमों में बदलाव से बिल नहीं दिया जाएगा… जिसे CCPA ने गलत बताया है.
CCPA ने कहा कि सामान और सेवा के बदले में बिल या इनवॉइस ना देना “अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस” कहलाता है और यह कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 2019 का उल्लंघन हैं.