पाकिस्तान का पंजाब झेलेगा चिनाब का सितम, भारत के इस कदम से मचा हड़कंप, एक झटके में बदल गया सब-कुछ
पाकिस्तान का दावा है कि भारत से आने वाली चिनाब नदी का पानी दो दिनों में 91,000 क्यूसेक कम हो गया. पाकिस्तान के वाटर एंड पावर डेवलपमेंट अथॉरिटी (WAPDA) के अनुसार, माराला हेडवर्क्स में चिनाब नदी का जलस्तर 29 मई को 98,200 क्यूसेक था. यह 1 जून को घटकर केवल 7,200 क्यूसेक रह गया. सिंधु जल समझौते के निलंबन का असर अब दिखने लगा है.

India-Pakistan tension: पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने कई सख्त कदम उठाए हैं. इनमें से एक बड़ा कदम सिंधु जल समझौते को निलंबित करना है. ऐसे में पाकिस्तान का दावा है कि भारत से आने वाली चिनाब नदी का पानी दो दिनों में 91,000 क्यूसेक कम हो गया है. पाकिस्तान के वाटर एंड पावर डेवलपमेंट अथॉरिटी (WAPDA) के अनुसार, माराला हेडवर्क्स में चिनाब नदी का जलस्तर 29 मई को 98,200 क्यूसेक था.
यह 1 जून को घटकर केवल 7,200 क्यूसेक रह गया. सिंधु जल समझौते के निलंबन का असर अब दिखने लगा है. चिनाब नदी पाकिस्तान के पंजाब प्रांत से होकर गुजरती है. पंजाब राजनीतिक रूप से सक्रिय है. ऐसे में चिनाब का पानी कम होने से पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में जल संकट की स्थिति उत्पन्न हो सकती है.
चिनाब का पानी पाकिस्तान के लिए क्यों जरूरी है?
चिनाब नदी पाकिस्तान के लिए बहुत महत्वपूर्ण है खासकर पंजाब प्रांत में. इस नदी के पानी से अपर चिनाब और बंबावाली-रावी-बेदियां (BRB) नहरों के जरिए खेतों की सिंचाई होती है. अगर पानी का प्रवाह लंबे समय तक रुका रहा तो फसलों को नुकसान होगा और किसानों की आजीविका पर असर पड़ेगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद और पानी दोनों को एक साथ नहीं ले सकता. पाकिस्तान इसे पानी का हथियारीकरण बता रहा है. लेकिन भारत का कहना है कि यह उसका हक है और आतंकवाद के जवाब में जरूरी कदम है.
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देश के हित में नहीं है समझौता
पाकिस्तान के मौसम विभाग का कहना है कि मई में भी भारत ने पानी का प्रवाह कम किया था, जब दोनों देशों के बीच सैन्य तनाव बढ़ा था. भारत ने 23 अप्रैल को 1960 के इंडस वाटर ट्रीटी में हिस्सा लेना बंद कर दिया. भारत का कहना है कि पाकिस्तान से आने वाले आतंकी हमलों की वजह से यह फैसला लिया गया. मई में दोनों देशों के बीच सीजफायर हुआ. लेकिन भारत ने ट्रीटी में सहयोग फिर से शुरू नहीं किया है. भारत का कहना है कि पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा देता रहेगा, तब तक पानी बांटने का समझौता देश के हित में नहीं है.
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