पीएम मोदी बोले- न्यूक्लियर एनर्जी सेक्टर में बड़े रिफॉर्म की तैयारी, प्राइवेट कंपनियों के लिए खुलेगा रास्ता
प्रधानमंत्री ने कहा, 'जैसे हमने स्पेस सेक्टर को खोला और जबरदस्त ग्रोथ देखी, 300 से ज्यादा स्टार्टअप, अरबों का प्राइवेट इन्वेस्टमेंट और ग्लोबल पहचान मिली, वैसे ही अब हम न्यूक्लियर एनर्जी में भी ऐसे ही ऐतिहासिक सुधारों की तैयारी कर रहे हैं.'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को ऐलान किया कि सरकार भारत के कड़े सुरक्षा वाले न्यूक्लियर एनर्जी सेक्टर में प्राइवेट कंपनियों की इंट्री के लिए एक्टिव रूप से काम कर रही है. यह कदम दशकों से चले आ रहे सरकारी कंट्रोल को खत्म करेगा और उनके तीसरे कार्यकाल के सबसे बड़े आर्थिक सुधारों में से एक होगा. एक इवेंट में बोलते हुए पीएम मोदी ने 2020-21 में स्पेस सेक्टर में बड़े पैमाने पर उदारीकरण के साथ इसकी सीधी तुलना की.
ऐतिहासिक सुधार की तैयारी
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने कहा, ‘जैसे हमने स्पेस सेक्टर को खोला और जबरदस्त ग्रोथ देखी, 300 से ज्यादा स्टार्टअप, अरबों का प्राइवेट इन्वेस्टमेंट और ग्लोबल पहचान मिली, वैसे ही अब हम न्यूक्लियर एनर्जी में भी ऐसे ही ऐतिहासिक सुधारों की तैयारी कर रहे हैं.’
NPCIL का डोमन है न्यूक्लियर एनर्जी सेक्टर
अब तक, न्यूक्लियर पावर जेनरेशन डिपार्टमेंट ऑफ एटॉमिक एनर्जी और उसकी फ्लैगशिप एंटिटी, न्यूक्लियर पावर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (NPCIL) का ही डोमेन रहा है. प्राइवेट फर्मों को सिर्फ कंपोनेंट या सर्विस सप्लाई करने तक ही सीमित रखा गया है, वे कभी भी रिएक्टर की मालिक या ऑपरेट नहीं करती थीं.
भारत का लक्ष्य
यह बदलाव ऐसे समय में किया जा रहा है जब भारत 2032 तक अपनी न्यूक्लियर कैपेसिटी को मौजूदा 8,000 MW से तीन गुना करके 22,480 MW करने की कोशिश कर रहा है, ताकि नेट-ज़ीरो लक्ष्यों और बढ़ती बिजली की मांग को पूरा किया जा सके. सरकारी सूत्रों का कहना है कि नया फ्रेमवर्क प्राइवेट प्लेयर्स को ये करने की इजाजत दे सकता है.
स्पेस सेक्टर की सफलता
पीएम मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि स्पेस सेक्टर की सफलता, जहां प्राइवेट कैपिटल और इनोवेशन ने लॉन्च की लागत कम की और SpaceX और OneWeb जैसी बड़ी ग्लोबल कंपनियों को अपनी ओर खींचा, न्यूक्लियर एनर्जी में भी दोहराई जा सकती है. उन्होंने कहा, ‘जब हमने दरवाजे खोले, तो टैलेंट और कैपिटल तेजी से आए. जब हम सही पॉलिसी का माहौल बनाएंगे, तो न्यूक्लियर में भी ऐसा ही होगा.’
वन नेशन, वन सब्सक्रिप्शन
उन्होंने डीप-टेक मैन्युफैक्चरिंग के बारे में भी बात की और सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन यूनिट्स और डिजाइन हब को ग्लोबल सप्लाई चेन में भारत की उभरती ताकत के उदाहरण के तौर पर बताया. पीएम ने न्यूक्लियर सेक्टर को प्राइवेट सेक्टर के लिए खोलने के प्लान के बारे में बात की और आज देश के सामने आने वाली कई चुनौतियों का जवाब देने की इसकी क्षमता के बारे में विस्तार से बताया. उन्होंने कहा कि वन नेशन, वन सब्सक्रिप्शन जैसी पहल युवाओं को ग्लोबल रिसर्च पहलों तक पहुंचने में मदद कर रही है.