Su-57 से S-500 तक… पुतिन के दौरे पर नेक्स्ट-जेन डिफेंस डील की तैयारी, जानें कितना पावरफुल होगा भारत

भारत की रूस पर निर्भरता भले कम हुई हो, फिर भी SIPRI की रिपोर्ट बताती है कि रूस सैाल 2024 तक के चार सालों में भारत का सबसे बड़ा हथियार सप्लायर रहा है. भारत धीरे-धीरे अमेरिका और यूरोप से भी खरीद बढ़ा रहा है, लेकिन रूस आज भी डिफेंस सेक्टर में उसकी रीढ़ है.

PM Narendra Modi and President Putin Image Credit: PMO India X

Putin visits India: भारत इस हफ्ते रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की यात्रा के दौरान next-gen के Su-57 लड़ाकू विमानों और S-500 मिसाइल डिफेंस सिस्टम को लेकर बातचीत शुरू करने की तैयारी में है. ब्लूमबर्ग के मुताबिक यह शुरुआती चर्चा होगी और किसी बड़ी डील के साइन होने की उम्मीद फिलहाल नहीं है. पिछले कुछ सालों में भारत ने अमेरिका के साथ रणनीतिक रिश्ते मजबूत किए हैं, लेकिन इसके बावजूद रूस के साथ दशकों पुराना डिफेंस सहयोग कायम रखा है.

भारत की रूस पर निर्भरता भले कम हुई हो, फिर भी SIPRI की रिपोर्ट बताती है कि रूस सैाल 2024 तक के चार सालों में भारत का सबसे बड़ा हथियार सप्लायर रहा है. भारत धीरे-धीरे अमेरिका और यूरोप से भी खरीद बढ़ा रहा है, लेकिन रूस आज भी डिफेंस सेक्टर में उसकी रीढ़ है.

वायुसेना को चाहिए ज्यादा आधुनिक फाइटर जेट

भारतीय वायुसेना के पास अभी 200 से अधिक रूसी फाइटर जेट हैं और कई S-400 सिस्टम भी तैनात हैं. वायुसेना को नए लड़ाकू विमानों की जरूरत है, इसी लिए Su-57 पर बातचीत को अहम माना जा रहा है. वायुसेना का मानना है कि पायलट रूसी सिस्टम से पहले से परिचित हैं, इसलिए Su-57 को अपनाना आसान होगा. इसकी लंबी दूरी की मिसाइलें भारत की ताकत बढ़ाएंगी और HAL इन विमानों की सर्विसिंग भी संभाल सकता है.

S-400 की देरी

ANI की रिपोर्ट के अनुसार पुतिन और मोदी की बैठक में भारत का मुख्य फोकस होगा देरी से मिल रहे S-400 एयर डिफेंस सिस्टम की डिलीवरी पर. रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह ने कहा कि बातचीत का मकसद बड़े ऐलान नहीं बल्कि रक्षा सहयोग को मजबूत करना है. रूस ने भरोसा दिया है कि बाकी S-400 सिस्टम भारत को 2026–27 वित्त वर्ष में मिल जाएंगे. भारत रूस से Su-30 अपग्रेड और अन्य संयुक्त प्रोजेक्ट की गति बढ़ाने का अनुरोध भी करेगा.

रक्षा के साथ व्यापार भी चर्चा में

हालांकि नई डिफेंस डील इस यात्रा में तय होने की संभावना नहीं है, लेकिन भारत-रूस रक्षा साझेदारी को जारी रखने का इरादा साफ है. भारत ने कहा है कि वह रूस के साथ रक्षा सहयोग बंद नहीं करेगा और अमेरिका तथा रूस दोनों से खरीद जारी रखेगा. पुतिन की यात्रा के दौरान 4–5 दिसंबर को बड़ा इंडिया-रूस बिजनेस फोरम भी आयोजित होगा, जिसमें साल 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 100 अरब डॉलर तक पहुंचाने पर चर्चा होगी.

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