सिक्किम में कौन सी बहती है नदी, जिसने मचा दी है तबाही; जानें क्यों है इतनी खतरनाक
सिक्किम में इन दिनों स्थिति सामान्य नहीं है. राज्य के उत्तरी हिस्से में भारी बारिश के कारण भूस्खलन हुआ. मुंशीथांग और लेमा जैसे इलाकों में लाचेन-चुंगथांग मार्ग को भारी नुकसान पहुंचा. इससे हजारों पर्यटक फंस गए, और सड़कें बंद हो गईं. खराब सड़क स्थिति के कारण उत्तरी सिक्किम के लिए नए यात्रा परमिट जारी करना बंद कर दिया गया है.
Sikkim Landslides: सिक्किम में इन दिनों स्थिति सामान्य नहीं है. राज्य के उत्तरी हिस्से में भारी बारिश के कारण भूस्खलन हुआ. मुंशीथांग और लेमा जैसे इलाकों में लाचेन-चुंगथांग मार्ग को भारी नुकसान पहुंचा. इससे हजारों पर्यटक फंस गए, और सड़कें बंद हो गईं. खराब सड़क स्थिति के कारण उत्तरी सिक्किम के लिए नए यात्रा परमिट जारी करना बंद कर दिया गया है. इस हादसे में लगभग 1,800 से अधिक लोग फंसे हुए हैं. इस भूस्खलन में सिक्किम की सबसे बड़ी नदी का बड़ा योगदान है. आइए, जानते हैं कि यह कौन सी नदी है, जिसने तबाही मचाई है, और यह इतनी खतरनाक क्यों है.
तीस्ता नदी के बारे में…
तीस्ता नदी सिक्किम की सबसे बड़ी नदी है. यह हिमालय के पहाड़ों से निकलती है और सिक्किम, पश्चिम बंगाल होते हुए बांग्लादेश तक बहती है. तीस्ता नदी 414 किलोमीटर लंबी है, और इसका पानी कई शहरों और गांवों से होकर गुजरता है. यह सिक्किम के मंगन, गंगटोक, पाकयोंग और पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग, जलपाईगुड़ी, कूचबिहार जैसे इलाकों से बहती है. तीस्ता के किनारे 47 बिजली परियोजनाएं चल रहा हैं. इसके अलावा तीस्ता बैराज परियोजना खेती के लिए पानी उपलब्ध कराती है और 67.5 मेगावाट बिजली उत्पादन करती है.
अक्टूबर 2023 में क्या हुआ?
इससे पहले भी 3 अक्टूबर 2023 को सिक्किम की साउथ ल्होनक झील में एक बड़ा हादसा हुआ था. झील के पास जमी हुई मिट्टी और पत्थरों का ढांचा (मोरैन) टूट गया. इससे 1.47 करोड़ घन मीटर मलबा झील में गिर गया. इसकी वजह से झील में 20 मीटर ऊंची सुनामी जैसी लहरें उठीं. झील का पानी बाहर निकला, और लगभग 5 करोड़ घन मीटर पानी तीस्ता नदी में बह गया.
यह इतना पानी था कि 20,000 ओलंपिक स्विमिंग पूल भर सकता था. इस बाढ़ ने तीस्ता नदी के 385 किलोमीटर लंबे क्षेत्र में तबाही मचाई. रास्ते में 27 करोड़ घन मीटर मिट्टी और पत्थर बह गए. सड़कें, पुल और पांच बिजली संयंत्र नष्ट हो गए. इस हादसे में कम से कम 55 लोग मारे गए, और 70 लोग लापता हो गए.
तीस्ता नदी क्यों है खतरनाक?
तीस्ता नदी के आसपास कई खतरे हैं. पहला यह हिमालय के ऊंचे पहाड़ों से निकलती है जहां ग्लेशियर पिघल रहे हैं. पिघलने से झीलें बनती हैं, जिनके किनारे कमजोर मिट्टी और पत्थर होते हैं. यह आसानी से टूट सकते हैं. दूसरा, तीस्ता के किनारे कई बिजली परियोजनाएं बन रही हैं. यह नदी के बहाव को बदलती हैं और बाढ़ का खतरा बढ़ाती हैं. तीसरा, जलवायु परिवर्तन के कारण बारिश और ग्लेशियर पिघलने की घटनाएं बढ़ रही हैं.